द्वितीय विश्व युद्ध(Second World War)
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द्वितीय विश्व युद्ध |
आधुनिक युग की सबसे घातक जंग के 10 निर्णायक पक्ष
द्वितीय विश्व युद्ध: एक भूमिका
20वीं सदी की सबसे विनाशकारी घटना – द्वितीय विश्व युद्ध – केवल गोलियों और बमों की लड़ाई नहीं थी, यह मानवता के चरम संघर्ष, राजनीतिक असंतुलन और तकनीकी तबाही की कहानी थी।
1939 से 1945 तक चला यह युद्ध लगभग 70 देशों को अपनी चपेट में लेकर आया। इसमें 8 करोड़ से अधिक लोग मारे गए, जिनमें नागरिकों की संख्या भी बहुत अधिक थी।
इस लेख में हम द्वितीय विश्व युद्ध के प्रमुख कारणों, घटनाओं, और प्रभावों को क्रमबद्ध तरीके से समझेंगे।
द्वितीय विश्व युद्ध क्या था?
द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War)
एक वैश्विक सैन्य संघर्ष था, जो दो प्रमुख गुटों के बीच लड़ा गया:
- मित्र राष्ट्र (Allied Powers): ब्रिटेन, अमेरिका, सोवियत संघ, फ्रांस, चीन आदि
- धुरी राष्ट्र (Axis Powers): जर्मनी, इटली, जापान
समयसीमा:
- प्रारंभ: 1 सितंबर 1939
- समाप्ति: 2 सितंबर 1945
यह युद्ध वर्साय संधि की असफलता और नाजी जर्मनी की विस्तारवादी नीति के कारण प्रारंभ हुआ।
युद्ध के प्रमुख कारण
कारण | विवरण |
---|---|
वर्साय संधि | जर्मनी पर कठोर शर्तें, आर्थिक अपमान |
हिटलर और नाजीवाद | सैन्यवाद, यहूदी विरोध, विस्तारवाद |
लीग ऑफ नेशंस की विफलता | वैश्विक विवादों को रोकने में असफल |
वैश्विक मंदी (1929) | आर्थिक अस्थिरता और कट्टरवाद को बढ़ावा |
जापानी और इटली का विस्तार | चीन और अफ्रीका में साम्राज्य विस्तार |
तात्कालिक कारण:
-
जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण (1 सितंबर 1939), जिसके बाद ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
प्रमुख राष्ट्र और गठबंधन
मित्र राष्ट्र (Allied Powers):
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका (1941 से)
- सोवियत संघ
- फ्रांस (बाद में पुनर्गठित सरकार)
- चीन
धुरी राष्ट्र (Axis Powers):
- जर्मनी (हिटलर के अधीन)
- इटली (मुसोलिनी के अधीन)
- जापान (हिरोहितो के अधीन)
इन गुटों के बीच विश्व के हर महाद्वीप में युद्ध हुआ।
प्रमुख युद्ध क्षेत्र
द्वितीय विश्व युद्ध में युद्ध केवल यूरोप तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एशिया, अफ्रीका, और प्रशांत महासागर तक फैल गया।
प्रमुख मोर्चे:
- यूरोपीय मोर्चा: फ्रांस, पोलैंड, सोवियत संघ
- प्रशांत मोर्चा: जापान बनाम अमेरिका और चीन
- अफ्रीकी मोर्चा: एल-अलामीन, लीबिया
- भारतीय उपमहाद्वीप: जापानी सेनाएँ बंगाल की सीमा तक पहुँचीं
युद्ध की शुरुआत कैसे हुई?
1 सितंबर 1939 को हिटलर की जर्मन सेना ने पोलैंड पर हमला कर दिया। यह वर्साय संधि का उल्लंघन था।
3 सितंबर को ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
प्रमुख आरंभिक घटनाएँ:
- ब्लिट्जक्रेग (Blitzkrieg): जर्मनी की तेज़ गति वाली युद्धनीति
- डंकेर्क से फ्रांसीसी और ब्रिटिश सेनाओं का पलायन
- पेरिस पर कब्जा
भारत की भूमिका और भागीदारी
भारत उस समय ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था, इसलिए वह स्वतः ही युद्ध का हिस्सा बन गया।
भारत का योगदान:
- 25 लाख से अधिक सैनिक युद्ध में शामिल हुए
- अफ्रीका, इटली, बर्मा, मलाया और जापान के खिलाफ लड़े
- चिकित्सा, आपूर्ति, निर्माण में योगदान
- युद्धकालीन धन और संसाधनों का उपयोग
स्वतंत्रता आंदोलन:
- क्विट इंडिया मूवमेंट (1942): ब्रिटिश शासन के खिलाफ असहयोग
- सुभाष चंद्र बोस की INA (आज़ाद हिंद फौज): जापान के साथ गठबंधन
युद्ध की निर्णायक घटनाएँ
वर्ष | घटना | विवरण |
---|---|---|
1940 | ब्रिटेन की लड़ाई | हवाई युद्ध, जर्मनी की हार |
1941 | पर्ल हार्बर | जापान का अमेरिका पर हमला, अमेरिका की एंट्री |
1942 | मिडवे की लड़ाई | जापान की नौसेना को झटका |
1943 | स्टालिनग्राद | सोवियत संघ की निर्णायक जीत |
1944 | डी-डे (नॉरमैंडी) | मित्र राष्ट्रों की वापसी |
1945 | हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम |
होलोकॉस्ट और मानवता पर प्रभाव
होलोकॉस्ट वह प्रक्रिया थी जिसमें नाजी जर्मनी ने 60 लाख से अधिक यहूदियों को योजनाबद्ध तरीके से मारा।
अन्य पीड़ित:
- रोमा समुदाय
- विकलांग
- समलैंगिक लोग
- राजनीतिक विरोधी
कन्सन्ट्रेशन कैंप्स जैसे आउश्विट्ज़ (Auschwitz) मानवता की सबसे काली यादें बन गए।
युद्ध का अंत कैसे हुआ?
यूरोप में अंत:
- अप्रैल 1945: हिटलर की आत्महत्या
- 7 मई 1945: जर्मनी का आत्मसमर्पण (VE Day)
एशिया में अंत:
- 6 और 9 अगस्त 1945: अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए
- 2 सितंबर 1945: जापान का औपचारिक आत्मसमर्पण
द्वितीय विश्व युद्ध के प्रभाव
राजनीतिक:
- यूरोप का पुनर्गठन
- जर्मनी का विभाजन (पूर्व और पश्चिम)
- अमेरिका और सोवियत संघ का उदय
आर्थिक:
- भारी तबाही
- पुनर्निर्माण के लिए मार्शल योजना
सामाजिक:
- लाखों लोगों का विस्थापन
- महिलाओं की भूमिका में परिवर्तन
- शरणार्थियों की समस्या
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना
1945 में संयुक्त राष्ट्र (UN) की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई, ताकि भविष्य में विश्व युद्ध जैसे संघर्षों को रोका जा सके।
उद्देश्य:
- वैश्विक शांति बनाए रखना
- मानवाधिकारों की रक्षा
- आर्थिक और सामाजिक सहयोग
युद्ध साहित्य और संस्कृति पर प्रभाव
द्वितीय विश्व युद्ध ने फिल्मों, किताबों, और संस्कृति में गहरी छाप छोड़ी।
प्रमुख कृतियाँ:
- The Diary of Anne Frank
- Schindler’s List (फ़िल्म)
- Saving Private Ryan
विषय:
- युद्ध की विभीषिका
- मानवता का संघर्ष
- वीरता और बलिदान
प्रथम बनाम द्वितीय विश्व युद्ध
पहलू | प्रथम विश्व युद्ध | द्वितीय विश्व युद्ध |
---|---|---|
समय | 1914–1918 | 1939–1945 |
शुरुआत | आर्कड्यूक की हत्या | पोलैंड पर हमला |
तकनीक | गैस, टैंक | परमाणु बम, रडार |
मृत्यु | ~1.5 करोड़ | ~8 करोड़ |
परिणाम | वर्साय संधि | संयुक्त राष्ट्र की स्थापना |
FAQs: सामान्य प्रश्न
1. द्वितीय विश्व युद्ध कब शुरू और समाप्त हुआ?
उत्तर: 1 सितंबर 1939 से 2 सितंबर 1945 तक।
2. युद्ध किस कारण शुरू हुआ?
उत्तर: जर्मनी द्वारा पोलैंड पर हमला और वर्साय संधि की विफलता।
3. भारत ने क्या भूमिका निभाई?
उत्तर: 25 लाख सैनिक, रसद, स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव।
4. होलोकॉस्ट क्या था?
उत्तर: नाजी शासन द्वारा यहूदियों और अन्य अल्पसंख्यकों का नरसंहार।
5. युद्ध कैसे समाप्त हुआ?
उत्तर: जर्मनी के आत्मसमर्पण और जापान पर परमाणु बम के बाद।
6. क्या संयुक्त राष्ट्र इसी युद्ध के बाद बना?
उत्तर: हाँ, 1945 में शांति के उद्देश्य से UN की स्थापना हुई।
निष्कर्ष
द्वितीय विश्व युद्ध केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं था, यह मानव सभ्यता का मोड़ बिंदु था। इससे न केवल भू-राजनीतिक मानचित्र बदले, बल्कि नैतिकता, विज्ञान, और मानवाधिकारों की अवधारणाएँ भी पुनर्परिभाषित हुईं।
आज हम जिस अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र की संकल्पना को जानते हैं, वह इसी युद्ध से उपजी।
हमें यह याद रखना चाहिए कि शांति कोई स्थायी स्थिति नहीं, बल्कि एक सतत प्रयास है — और द्वितीय विश्व युद्ध इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
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