Expressways of Uttar Pradesh

 

उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेसवे (Expressways of Uttar Pradesh)

उत्तर प्रदेश भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने सबसे अधिक और सबसे लंबे एक्सप्रेसवे विकसित किए हैं। ये एक्सप्रेसवे राज्य की आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनका निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा किया जा रहा है।


🛣️ मुख्य उद्देश्य:

  • तीव्र और सुरक्षित यातायात सुविधा

  • औद्योगिक क्षेत्रों और कृषि बाजारों से संपर्क

  • रोजगार सृजन व क्षेत्रीय विकास

  • दिल्ली–कोलकाता, दिल्ली–पटना जैसे कॉरिडोर्स को जोड़ना


📋 उत्तर प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेसवे:

एक्सप्रेसवे लंबाई मार्ग स्थिति
यमुना एक्सप्रेसवे 165 किमी नोएडा से आगरा चालू (2012)
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 302 किमी आगरा से लखनऊ चालू (2016)
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 340.8 किमी लखनऊ से गाजीपुर चालू (2021)
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किमी चित्रकूट से इटावा चालू (2022)
गंगा एक्सप्रेसवे 594 किमी मेरठ से प्रयागराज निर्माणाधीन
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91 किमी गोरखपुर से आजमगढ़ (पूर्वांचल से जुड़ाव) निर्माणाधीन
बलिया लिंक एक्सप्रेसवे ~35 किमी बलिया से गाजीपुर (पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से लिंक) प्रस्तावित

🌟 प्रमुख विशेषताएँ:

  • हवाई पट्टी (Airstrip): आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वायुसेना के विमानों की आपात लैंडिंग के लिए हवाई पट्टियाँ।

  • ई-टोलिंग सिस्टम: टोल वसूली में डिजिटल तकनीक का प्रयोग।

  • स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम: CCTV, सिग्नल, स्मार्ट साइनबोर्ड्स।

  • ग्रीन कॉरिडोर: पर्यावरण के अनुकूल निर्माण और वृक्षारोपण।


💡 फायदे:

  • लखनऊ से आगरा की दूरी 5 घंटे से घटकर 3 घंटे हो गई।

  • औद्योगिक निवेश के लिए विशेष ज़ोन तैयार।

  • ग्रामीण क्षेत्रों से महानगरों तक उत्पाद पहुँचाना आसान।

  • राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संपर्क में सुधार।


📌 नवीनतम योजना:

गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी) भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक होगा, जो मेरठ, बुलंदशहर, कन्नौज, रायबरेली, प्रयागराज को जोड़ता है। यह राज्य के उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा तक सीधा संपर्क देगा।


निष्कर्ष:

उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेसवे नेटवर्क ने राज्य को "एक्सप्रेसवे राज्य" बना दिया है। इन परियोजनाओं ने आर्थिक विकास, निवेश आकर्षण, क्षेत्रीय संतुलन और रोजगार सृजन में उल्लेखनीय योगदान दिया है। आने वाले वर्षों में ये एक्सप्रेसवे भारत के प्रमुख लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक हब बनाने में सहायक होंगे।

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