प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

परिचय(Introduction)

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ लगभग 60% से अधिक जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता रही है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की शुरुआत की गई। यह योजना किसानों के लिए एक प्रत्यक्ष आय समर्थन कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना क्या है, इसके लाभ, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, पंजीकरण प्रक्रिया और अब तक के प्रभाव क्या रहे हैं।


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना क्या है?

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की शुरुआत केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर 2018 से की। इस योजना के अंतर्गत योग्य किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता सीधे उनके बैंक खाते में तीन समान किस्तों में भेजी जाती है।

  • प्रत्येक किस्त ₹2,000 की होती है।
  • भुगतान की प्रक्रिया प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT – Direct Benefit Transfer) के माध्यम से होती है।
  • यह योजना किसानों को खेती-बाड़ी, बीज, उर्वरक और अन्य कृषि संबंधी खर्च पूरे करने में मदद करती है।


योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है:

  • छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
  • किसानों को खेती में स्वावलंबी बनाना।
  • कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना।
  • किसानों की आर्थिक कठिनाइयों को कम करना।
  • किसानों को समय पर नकदी प्रवाह उपलब्ध कराना।


पात्रता (Eligibility)

पात्र किसान

  • छोटे और सीमांत भूमि स्वामी किसान
  • जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि है (प्रारंभ में यह सीमा थी, लेकिन बाद में इसे सभी किसानों के लिए लागू कर दिया गया)।
  • किसान परिवार में पति-पत्नी और अवयस्क बच्चे शामिल होते हैं।

अपात्र किसान

  • संस्थागत भूमि धारक किसान।
  • संवैधानिक पदधारी, वर्तमान या पूर्व मंत्री, विधायक, सांसद आदि।
  • सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी (₹10,000 से अधिक पेंशन वालों को छोड़कर)।
  • पेशेवर जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि।


आवश्यक दस्तावेज

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • आधार कार्ड
  • भूमि स्वामित्व से संबंधित कागज़ात
  • बैंक खाता पासबुक
  • निवास प्रमाण पत्र
  • मोबाइल नंबर


पंजीकरण प्रक्रिया

ऑनलाइन पंजीकरण

  • किसान को PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है।
  • “New Farmer Registration” पर क्लिक करें।
  • आधार नंबर डालकर OTP वेरिफाई करें।
  • मांगी गई व्यक्तिगत और भूमि संबंधी जानकारी भरें।
  • दस्तावेज़ अपलोड कर सबमिट करें।

ऑफलाइन पंजीकरण

  • किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या कृषि कार्यालय में जाकर भी पंजीकरण करा सकते हैं।

भुगतान की प्रक्रिया

  • किसानों को वर्ष में 3 किस्तें मिलती हैं।

किस्त का विवरण इस प्रकार है

  • पहली किस्त: अप्रैल–जुलाई
  • दूसरी किस्त: अगस्त–नवंबर
  • तीसरी किस्त: दिसंबर–मार्च
  • राशि सीधे DBT के माध्यम से बैंक खाते में आती है।

योजना के लाभ

  • आर्थिक सहयोग: किसानों को नियमित नकदी सहायता मिलती है।
  • कृषि उत्पादन में वृद्धि: किसान बीज, खाद और कीटनाशक समय पर खरीद सकते हैं।
  • ऋण पर निर्भरता कम: किसान महाजनों या साहूकारों पर कम निर्भर होते हैं।
  • डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा: DBT प्रणाली से पारदर्शिता बनी रहती है।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती: किसानों की क्रय शक्ति बढ़ती है, जिससे ग्रामीण बाजार भी सक्रिय होते हैं।


योजना की चुनौतियाँ

  • कई किसानों का नाम अधूरी या गलत जानकारी के कारण लाभार्थी सूची में शामिल नहीं हो पाता।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी पंजीकरण में बाधा बनती है।
  • कभी-कभी राशि ट्रांसफर में तकनीकी विलंब हो जाता है।
  • जमीन संबंधी विवाद के कारण वास्तविक लाभार्थी को पैसा नहीं मिल पाता।


अब तक का प्रभाव

  • अब तक करोड़ों किसान इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
  • किसानों की आय में स्थिरता आई है।
  • किसानों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे खेती-बाड़ी के प्रति अधिक जागरूक हुए हैं।
  • इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों को सीधे आर्थिक सहायता देने वाली ऐतिहासिक योजना है। इससे किसानों की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है, उनकी आय में सुरक्षा आई है और कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।

यद्यपि कुछ तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियाँ हैं, फिर भी यह योजना भारत के किसान कल्याण और ग्रामीण विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है।



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