ला नीना(LA NINA)
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ला नीना |
जलवायु परिवर्तन की रहस्यमयी शक्ति के 15 वैज्ञानिक पहलू
1. ला नीना: एक भूमिका
हमारे वातावरण में कई प्राकृतिक घटनाएं मौसम के मिज़ाज को तय करती हैं। उन्हीं में से एक है – ला नीना। यह प्रशांत महासागर में उत्पन्न होने वाली एक जलवायु घटना है, जिसे महासागरीय ठण्डी जल धारा का नाम दिया जाता है। जो पूरी दुनिया के मौसम को प्रभावित करती है। भारत में मानसून, दक्षिण अमेरिका में सूखा, और अफ्रीका में अत्यधिक बारिश – सब पर इसका असर पड़ता है।
"ला नीना सिर्फ महासागर में उठने वाली लहर नहीं, बल्कि वैश्विक जलवायु की एक बड़ी चाल है।"
2. ला नीना क्या है?
ला नीना एक स्पैनिश शब्द है जिसका अर्थ है “छोटी लड़की”, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से यह घटना तब होती है जब पूर्वी और मध्य प्रशांत महासागर का सतही तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है।
मुख्य विशेषताएँ:
- समुद्री सतह का तापमान औसतन 0.5°C से कम हो जाता है।
- ट्रेड विंड (पूर्वी हवाएं) तेज़ हो जाती हैं।
- ठंडी जलधाराएं पश्चिम की ओर धकेली जाती हैं।
3. एल नीनो बनाम ला नीना
विशेषता | एल नीनो | ला नीना |
---|---|---|
तापमान | अधिक गर्म | सामान्य से ठंडा |
प्रभाव | सूखा (भारत), गर्म मौसम | भारी बारिश (भारत), ठंडा मौसम |
हवाएं | कमजोर ट्रेड विंड | तेज ट्रेड विंड |
भारत पर प्रभाव | मानसून कमजोर | मानसून मज़बूत |
एल नीनो और ला नीना एक-दूसरे के विपरीत ध्रुव की तरह काम करते हैं।
4. ला नीना कैसे बनता है?
जब प्रशांत महासागर में ट्रेड विंड बहुत तेज़ हो जाती हैं, तो गर्म पानी पश्चिम की ओर चला जाता है। इसके परिणामस्वरूप, पूर्वी प्रशांत (दक्षिण अमेरिका के पास) का पानी ठंडा हो जाता है और सतह पर ठंडी जलधाराएं आ जाती हैं।
चरणबद्ध प्रक्रिया:
- हवाओं का तेज़ होना
- गर्म पानी का पश्चिम की ओर स्थानांतरण
- ठंडी जलधाराओं का ऊपर आना
- समुद्री तापमान में गिरावट
5. वायुमंडलीय घटनाएँ
ला नीना के दौरान निम्नलिखित घटनाएं वायुमंडल में देखने को मिलती हैं:
- ऊष्ण कटिबंधीय तूफानों की संख्या में वृद्धि
- पश्चिमी प्रशांत में बादल और बारिश की अधिकता
- पूर्वी प्रशांत और दक्षिण अमेरिका में सूखा
6. मौसम पर प्रभाव
भारत में:
- भारी वर्षा और बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है
- ठंड लंबी और तीव्र हो सकती है
विश्व स्तर पर:
- अमेरिका में ठंडे और सूखे मौसम की प्रवृत्ति
- ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में अधिक बारिश
- "ला नीना मौसम का पैटर्न पूरी तरह उलट सकती है।"
7. भारत पर असर
ला नीना भारत में विशेष रूप से मानसून को प्रभावित करता है। इसके कारण:
- दक्षिण-पश्चिम मानसून मजबूत हो जाता है
- वर्षा सामान्य से अधिक होती है
- कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है
किसान इसका स्वागत क्यों करते हैं?
क्योंकि अच्छी बारिश का मतलब है – अच्छी फसल।
8. अमेरिका और अफ्रीका पर प्रभाव
अमेरिका:
- उत्तर अमेरिका में शीतकाल में अधिक बर्फबारी
- दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी हिस्सों में सूखा
अफ्रीका:
- पूर्वी अफ्रीका में भारी वर्षा और बाढ़
- दक्षिणी अफ्रीका में शुष्कता
9. समुद्र सतह के तापमान का रोल
SST (Sea Surface Temperature) ला नीना की पहचान और तीव्रता का प्रमुख संकेतक है। जैसे ही SST औसत से 0.5°C नीचे चला जाता है, NOAA (अमेरिकी मौसम एजेंसी) ला नीना घोषित कर देती है।
"समुद्र का तापमान भविष्य के मौसम की चाबी है।"
10. फसल उत्पादन पर असर
- धान और गन्ना – लाभ में रहते हैं
- गेंहू और तिलहन – अत्यधिक वर्षा से नुकसान
- कपास – सिंचाई की आवश्यकता कम होती है
ला नीना किसानों के लिए अवसर और चुनौती दोनों लेकर आता है।
11. ला नीना का प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य पर
- भारी वर्षा से मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है
- डेंगू, मलेरिया, और चिकनगुनिया के केसों में वृद्धि
- ग्रामीण क्षेत्रों में साफ़ पानी और स्वच्छता की समस्याएं
12. जलवायु परिवर्तन और ला नीना
जलवायु परिवर्तन ला नीना की आवृत्ति और तीव्रता को प्रभावित कर रहा है। अब:
- ला नीना घटनाएं ज़्यादा लंबी और तीव्र हो रही हैं
- मौसम की चरम स्थितियां अधिक आम होती जा रही हैं
13. ला नीना की भविष्यवाणी कैसे होती है?
वैज्ञानिक मौसम संस्थान जैसे कि:
- IMD (भारत)
- NOAA (अमेरिका)
- BOM (ऑस्ट्रेलिया)
... उपग्रह चित्रों, SST डेटा, और कंप्यूटर मॉडल के आधार पर यह पूर्वानुमान लगाते हैं।
प्रमुख उपकरण:
- TOGA buoys
- ARGO floats
- Satellite SST data
14. ला नीना का आर्थिक प्रभाव
- कृषि बीमा कंपनियों पर दबाव
- सरकारी राहत पैकेज में वृद्धि
- बाजार मूल्य में अस्थिरता
एक ओर अच्छी बारिश, दूसरी ओर बाढ़ – इससे अर्थव्यवस्था पर दोहरा असर पड़ता है।
15. FAQs: सामान्य प्रश्न
1. ला नीना कितने सालों में आता है?
उत्तर: आमतौर पर हर 3–7 वर्षों में, लेकिन हाल के वर्षों में अंतराल घट रहा है।
2. ला नीना का भारत पर सबसे बड़ा प्रभाव क्या है?
उत्तर: मानसून को मज़बूत बनाना और अधिक वर्षा लाना।
3. क्या ला नीना अच्छा होता है?
उत्तर: यह क्षेत्र विशेष पर निर्भर करता है। भारत में कृषि के लिए सकारात्मक, लेकिन बाढ़ का खतरा बढ़ा सकता है।
4. एल नीनो और ला नीना में कौन अधिक विनाशकारी है?
उत्तर: दोनों अपनी-अपनी जगह पर विनाशकारी हो सकते हैं। एल नीनो सूखा लाता है, ला नीना बाढ़।
5. क्या हम ला नीना को नियंत्रित कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, यह एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन इसके प्रभावों का पूर्वानुमान और प्रबंधन किया जा सकता है।
6. ला नीना कितने समय तक चलता है?
उत्तर: आमतौर पर 9 से 12 महीने, लेकिन कभी-कभी दो साल तक भी बना रह सकता है।
16. निष्कर्ष
ला नीना केवल एक समुद्री घटना नहीं, बल्कि पूरी पृथ्वी के मौसम, खेती, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली एक जबरदस्त शक्ति है। इसकी पहचान, समझ और प्रभावों से निपटना जलवायु संतुलन के लिए आवश्यक है।
"प्रकृति की हर लहर में भविष्य छिपा है, बस हमें उसे पढ़ना आना चाहिए।"
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