✅ मेक इन इण्डिया मिशन
(Make in India Mission)
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मेक इन इण्डिया मिशन |
🗂️ लेख की रूपरेखा (Outline in Table Format)
क्रम | शीर्षक |
---|---|
1 | Make in India मिशन का परिचय |
2 | Make in India की शुरुआत और पृष्ठभूमि |
3 | मिशन के मुख्य उद्देश्य |
4 | प्रमुख क्षेत्र जिन पर ज़ोर दिया गया |
5 | विदेशी निवेश और FDI में सुधार |
6 | रोजगार सृजन में Make in India की भूमिका |
7 | स्टार्टअप्स और MSMEs को समर्थन |
8 | 'Ease of Doing Business' में प्रगति |
9 | तकनीकी नवाचार और डिजिटल इंडिया से तालमेल |
10 | रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा |
11 | अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों की प्रतिक्रिया |
12 | राज्यों की भूमिका और समन्वय |
13 | अभियान की चुनौतियाँ और समाधान |
14 | Make in India बनाम चीन |
15 | निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम |
1. मेक इन इण्डिया मिशन का परिचय
मेक इन इण्डिया(Make in India) भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर 2014 को आरंभ किया गया एक महत्त्वाकांक्षी अभियान है, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाना है। इस पहल का मूल उद्देश्य देश में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।
- आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की नींव
- युवाओं को रोजगार देने की दिशा में बड़ा कदम
- मैन्युफैक्चरिंग को GDP में अधिक योगदानकर्ता बनाना
- वैश्विक कंपनियों को भारत में निर्माण हेतु प्रेरित करना
2. मेक इन इण्डिया की शुरुआत और पृष्ठभूमि
इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य था विदेशी निवेश को सरल बनाना, उद्यमिता को बढ़ावा देना और भारत को वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनाना।
- 2014 से पहले भारत की मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट
- चीन के विकल्प के रूप में भारत की पेशकश
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत को मजबूत करना
- ‘Zero Defect, Zero Effect’ का नारा दिया गया
3. मिशन के मुख्य उद्देश्य
मेक इन इण्डिया(Make in India) के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं – निवेश को आकर्षित करना, स्किल डेवेलपमेंट को बढ़ाना और सर्विस सेक्टर पर निर्भरता घटाकर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का GDP में हिस्सा 25% तक लाना
- 100 मिलियन से अधिक रोजगार सृजन
- वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में भारत की स्थिति मजबूत करना
- व्यापार प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना
4. प्रमुख क्षेत्र जिन पर ज़ोर दिया गया
मेक इन इण्डिया(Make in India) के तहत सरकार ने 25 ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित किया जिनमें विशेष ध्यान दिया जा रहा है जैसे—ऑटोमोबाइल, रक्षा, रेल, रसायन, फार्मा, टेक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण आदि।
- 25 प्राथमिक क्षेत्र जैसे डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोटेक
- स्टील, केमिकल्स और रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा
- सेक्टर-वार नीति और योजनाएं
- फोकस्ड प्लानिंग के लिए डेडिकेटेड टीम्स
5. विदेशी निवेश और FDI में सुधार
FDI पॉलिसी में बड़े बदलाव किए गए ताकि विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके। 100% FDI कई क्षेत्रों में अनुमति दी गई।
- डिफेंस, रेलवे, बीमा में FDI सीमा बढ़ाई
- ऑनलाइन सिंगल विंडो सिस्टम
- FDI फ्लो में रिकॉर्ड वृद्धि
- FDI से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को बढ़ावा
6. रोजगार सृजन में मेक इन इण्डिया की भूमिका
भारत में तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए रोजगार सृजन अत्यंत आवश्यक है। मेक इन इण्डिया(Make in India) ने लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया है।
- MSME और स्टार्टअप में अधिक अवसर
- स्किल इंडिया से समन्वय
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा
- महिलाओं के लिए भी रोजगार के नए द्वार
7. स्टार्टअप्स और MSMEs को समर्थन
मेक इन इण्डिया(Make in India) ने छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज और योजनाएं लागू कीं।
- उद्यमियों के लिए आसान रजिस्ट्रेशन
- मुद्रा योजना और क्रेडिट गारंटी
- Skill development से उत्पादकता में वृद्धि
- स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन
8. 'Ease of Doing Business' में प्रगति
भारत की रैंकिंग विश्व बैंक की Ease of Doing Business सूची में लगातार बेहतर होती गई है। यहमेक इन इण्डिया (Make in India) की बड़ी सफलता है।
- पहले के 142वें स्थान से अब टॉप 63 में
- GST, IBC जैसे सुधार लागू
- व्यापार लाइसेंस प्रक्रिया में सरलता
- राज्य स्तर पर सिंगल विंडो पोर्टल्स
9. तकनीकी नवाचार और डिजिटल इंडिया से तालमेल
Digital India और मेक इन इण्डिया (Make in India) एक-दूसरे के पूरक हैं। टेक्नोलॉजी के माध्यम से निर्माण प्रक्रिया को स्मार्ट और कुशल बनाया गया।
- स्मार्ट फैक्ट्रियों की स्थापना
- IoT, AI, और ऑटोमेशन का उपयोग
- डिजिटलीकरण से उत्पादकता बढ़ी
- R&D में निजी निवेश प्रोत्साहित
10. रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा
भारत लंबे समय से रक्षा उपकरणों का आयातक रहा है। मेक इन इण्डिया(Make in India) अभियान के अंतर्गत भारत अब स्वदेशी रक्षा उपकरण निर्माण पर जोर दे रहा है।
- 100% FDI की अनुमति
- DRDO और निजी कंपनियों का सहयोग
- आत्मनिर्भर रक्षा बजट में इजाफा
- HAL, BEL जैसे सार्वजनिक उपक्रमों को बढ़ावा
11. अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों की प्रतिक्रिया
मेक इन इण्डिया(Make in India) ने वैश्विक स्तर पर भारत की छवि मजबूत की है। Apple, Samsung, Boeing जैसी कंपनियों ने भारत में निर्माण शुरू किया।
- Foxconn, Tesla जैसी कंपनियां भारत की ओर आकर्षित
- वैश्विक CEOs का समर्थन
- भारत को वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनाना
- निवेशकों के लिए नीतियों की पारदर्शिता
12. राज्यों की भूमिका और समन्वय
राज्य सरकारों ने मेक इन इण्डिया (Make in India) को सफल बनाने के लिए अपनी-अपनी योजनाएं और नीतियां बनाईं, जिससे नीति-निर्माण में विविधता आई।
- स्टेट इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स में निवेश
- निवेशकों के लिए भूमि और संसाधन उपलब्ध कराना
- Skill training कार्यक्रम का विस्तार
13. अभियान की चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि यह अभियान सफल रहा, परंतु कुछ क्षेत्रों में धीमी प्रगति, भूमि अधिग्रहण में कठिनाई, और तकनीकी प्रशिक्षण की कमी जैसे मुद्दे सामने आए।
- भूमि सुधार और एकीकृत नीति की आवश्यकता
- श्रम सुधारों में तेजी
- लॉजिस्टिक्स लागत कम करना
- क्वालिटी स्टैंडर्ड्स पर ज़ोर
14. मेक इन इण्डिया बनाम चीन
भारत को चीन का विकल्प बनाने के लिए Make in India एक रणनीतिक प्रयास है। हालांकि भारत को अभी भी इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पीड में सुधार की जरूरत है।
- सस्ता श्रम भारत की ताकत
- पारदर्शिता और लोकतंत्र का लाभ
- चीन से निवेशकों का मोहभंग
- भारत में लॉजिस्टिक्स और बिजली लागत अधिक
15. निष्कर्ष
Make in India केवल एक नारा नहीं बल्कि भारत के औद्योगिक पुनर्जागरण की नींव है। यह अभियान भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का माध्यम है।
- युवाओं के लिए नए अवसर
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी
- ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा
- आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने की दिशा
📘 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: Make in India मिशन का उद्देश्य क्या है?
प्रश्न 2: Make in India के तहत कितने क्षेत्र शामिल हैं?
प्रश्न 3: Make in India अभियान कब शुरू हुआ था?
प्रश्न 4: क्या Make in India से रोजगार के अवसर बढ़े हैं?
प्रश्न 5: Make in India और Digital India का क्या संबंध है?
प्रश्न 6: Make in India से भारत की वैश्विक छवि में क्या परिवर्तन आया है?
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नोट: Uppcs 2024 के मेन्स(Mains) के निबंध(Essay) परीक्षा का टॉपिक
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