भारत की भौगोलिक विशेषताएं

भारत की भौगोलिक विशेषताएं

भारत की भौगोलिक विशेषताएं



सामग्री सूची (Outline)

क्रमांक शीर्षक उप-शीर्षक
1 परिचय भारत का भौगोलिक महत्व
2 भौगोलिक स्थिति अक्षांश, देशांतर, समय क्षेत्र
3 सीमाएँ और पड़ोसी देश भूमि सीमा, समुद्री सीमा
4 पर्वतीय क्षेत्र हिमालय, अरावली, विंध्य
5 मैदान और पठार उत्तरी मैदान, दक्कन का पठार
6 नदी प्रणाली हिमालयी नदियाँ, प्रायद्वीपीय नदियाँ
7 जलवायु मानसून, ऋतु विभाजन
8 वनस्पति प्राकृतिक वन, कृषि योग्य भूमि
9 प्राकृतिक संसाधन खनिज, जल, वन
10 समुद्री तटरेखा पूर्वी और पश्चिमी तट
11 रेगिस्तान और अर्ध-शुष्क क्षेत्र थार मरुस्थल
12 जैव विविधता वन्य जीव, राष्ट्रीय उद्यान
13 भूकंपीय क्षेत्र भूकंप प्रवण क्षेत्र
14 जनसंख्या और भूगोल का संबंध घनत्व, बसावट
15 भूगोल का आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व व्यापार, पर्यटन

    1. परिचय – भारत का भौगोलिक महत्व

    भारत, विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश, अपनी भौगोलिक विविधता और प्राकृतिक संपदाओं के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर में हिमालय की ऊँची चोटियाँ, दक्षिण में विशाल समुद्र, पश्चिम में थार का रेगिस्तान और पूर्व में हरित-भरे वन – भारत का हर कोना अद्वितीय है। भारत की भौगोलिक विशेषताएं न केवल इसके पर्यावरण और जलवायु को प्रभावित करती हैं, बल्कि इसकी संस्कृति, अर्थव्यवस्था और जनजीवन को भी आकार देती हैं।


    2. भौगोलिक स्थिति

    भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तथा 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच फैला है। इसका मानक समय रेखा 82°30′ पूर्व देशांतर पर आधारित है, जो ग्रीनविच समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।


    3. सीमाएँ और पड़ोसी देश

    भारत की भूमि सीमा लगभग 15,200 किमी लंबी है और यह सात देशों – पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार और अफगानिस्तान – से मिलती है। समुद्री सीमा लगभग 7,516 किमी लंबी है, जिसमें लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह भी शामिल हैं।


    4. पर्वतीय क्षेत्र

    • हिमालय – तीन भागों में विभाजित: हिमाद्री, हिमाचल, शिवालिक।
    • अरावली – विश्व की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं में से एक।
    • विंध्य और सतपुड़ा – उत्तर और दक्षिण भारत को विभाजित करते हैं।

    पर्वत न केवल प्राकृतिक सीमा बनाते हैं, बल्कि जलवायु और वर्षा पर भी प्रभाव डालते हैं।


    5. मैदान और पठार

    भारत का भूगोल केवल पर्वतों तक सीमित नहीं है, यहाँ विशाल मैदान और पठार भी हैं जो कृषि, व्यापार और बस्तियों के लिए उपयुक्त हैं।

    • उत्तरी मैदानगंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों द्वारा निर्मित उपजाऊ मैदान। यह क्षेत्र गेहूं, धान, गन्ना और कपास की खेती के लिए जाना जाता है।
    • दक्कन का पठारत्रिकोणाकार उच्च भूभाग, जो प्रायद्वीपीय भारत में स्थित है। यह काले कपास मिट्टी के कारण कपास की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
    • छोटा नागपुर पठारखनिज संपदा जैसे कोयला, लोहा, मैंगनीज से भरपूर।


    6. नदी प्रणाली

    भारत की नदियों को दो मुख्य भागों में बांटा जा सकता है:

    1. हिमालयी नदियाँ – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र। इनका स्रोत हिमालय की बर्फीली चोटियाँ हैं, जिससे इनमें सालभर पानी रहता है।
    2. प्रायद्वीपीय नदियाँ – गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती। ये मानसून वर्षा पर निर्भर हैं और दक्षिण की ओर बहती हैं।

    नदियाँ भारत की संस्कृति और अर्थव्यवस्था का आधार हैं, क्योंकि ये जल, परिवहन और उपजाऊ मिट्टी प्रदान करती हैं।


    7. जलवायु

    भारत की जलवायु विविध है, जो स्थान और ऊँचाई के अनुसार बदलती है।

    • मानसून – दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व मानसून से वर्षा होती है।
    • ऋतु विभाजन – ग्रीष्म (मार्च–जून), वर्षा (जून–सितंबर), शरद (अक्टूबर–नवंबर), शीत (दिसंबर–फरवरी), वसंत (फरवरी–मार्च)।

    जलवायु कृषि, फसल चक्र, पर्यटन और जनजीवन पर गहरा प्रभाव डालती है।


    8. वनस्पति

    भारत में वनस्पति जलवायु और स्थलाकृति के अनुसार बदलती है।

    • उष्णकटिबंधीय वर्षावनपश्चिमी घाट और अंडमान-निकोबार में।
    • शीतोष्ण वनहिमालयी क्षेत्रों में।
    • शुष्क वनराजस्थान और गुजरात के शुष्क क्षेत्रों में।

    कृषि योग्य भूमि भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार है और यह देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाती है।


    9. प्राकृतिक संसाधन

    भारत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है:

    • खनिजकोयला, लोहा, बॉक्साइट, सोना।
    • जल संसाधननदियाँ, झीलें, भूजल।
    • वन संसाधनलकड़ी, जड़ी-बूटियाँ, बांस।

    इनका संतुलित उपयोग सतत विकास के लिए आवश्यक है।


    10. समुद्री तटरेखा

    भारत की समुद्री तटरेखा लगभग 7,516 किमी लंबी है, जिसमें पूर्वी तट (बंगाल की खाड़ी) और पश्चिमी तट (अरब सागर) शामिल हैं।

    • पूर्वी तट – चौड़ा और डेल्टा निर्मित, जैसे सुंदरबन।
    • पश्चिमी तट – संकरा और लैगून युक्त, जैसे केरल के बैकवाटर।

    समुद्री तटरेखा व्यापार, मत्स्य उद्योग और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है।


    11. रेगिस्तान और अर्ध-शुष्क क्षेत्र

    भारत का थार मरुस्थल राजस्थान में स्थित है, जिसे ‘महान भारतीय रेगिस्तान’ भी कहा जाता है। यहाँ वर्षा कम होती है और तापमान में अत्यधिक अंतर पाया जाता है।

    रेगिस्तानी क्षेत्रों में ऊँट परिवहन और बाजरा, ग्वार जैसी फसलें मुख्य हैं।


    12. जैव विविधता

    भारत विश्व के 17 ‘मेगा बायोडायवर्सिटी’ वाले देशों में से एक है।

    • वन्य जीव – बाघ, शेर, हाथी, गैंडा, मोर।
    • राष्ट्रीय उद्यान – जिम कॉर्बेट, काजीरंगा, गिर, सुंदरबन।

    जैव विविधता संरक्षण पारिस्थितिकी संतुलन के लिए अनिवार्य है।


    13. भूकंपीय क्षेत्र

    भारत पाँच भूकंपीय क्षेत्रों में विभाजित है, जिसमें हिमालयी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र सबसे अधिक संवेदनशील हैं।

    भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए विशेष तकनीकों का प्रयोग आवश्यक है।


    14. जनसंख्या और भूगोल का संबंध

    भारत में जनसंख्या घनत्व भूगोल के अनुसार बदलता है।

    • उपजाऊ मैदान – अधिक घनत्व।
    • पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्र – कम घनत्व।

    भौगोलिक परिस्थितियाँ रोजगार, कृषि, उद्योग और जीवन शैली को प्रभावित करती हैं।


    15. भूगोल का आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व

    भारत की भौगोलिक विविधता इसे आर्थिक रूप से मजबूत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाती है। पर्वत पर्यटन, नदियाँ कृषि, और समुद्र व्यापार का आधार हैं।


    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    1. भारत का क्षेत्रफल कितना है?

    भारत का क्षेत्रफल लगभग 32,87,263 वर्ग किमी है।

    2. भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है?

    गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदी है।

    3. भारत में सबसे ऊँची चोटी कौन सी है?

    कंचनजंघा (8,586 मीटर), जो सिक्किम में स्थित है।

    4. थार मरुस्थल कहाँ स्थित है?

    थार मरुस्थल राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित है।

    5. भारत का मानक समय कैसे तय होता है?

    82°30′ पूर्व देशांतर को आधार मानकर।

    6. भारत का सबसे बड़ा राज्य क्षेत्रफल के आधार पर कौन सा है?

    राजस्थान।


    निष्कर्ष

    भारत की भौगोलिक विशेषताएं इसकी संस्कृति, अर्थव्यवस्था और जनजीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। पर्वत, नदियाँ, मैदान, पठार, वन और समुद्र – सभी मिलकर भारत को प्राकृतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अद्वितीय बनाते हैं। सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण से ही हम इस विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित पहुँचा सकते हैं।


    👉   भारतीय प्राकतिक संरचना



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