भारत के राष्ट्रीय उद्यान
विशेषताएँ, वितरण और महत्व
भारत प्राकृतिक विविधता से सम्पन्न देश है। यहाँ के पर्वत, मैदानी क्षेत्र, रेगिस्तान और तटीय इलाक़े अद्वितीय वनस्पति और जीव-जंतुओं के घर हैं। इन्हीं जैव विविधताओं के संरक्षण और अध्ययन के लिए भारत में राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) स्थापित किए गए हैं।
राष्ट्रीय उद्यान क्या है?
राष्ट्रीय उद्यान ऐसे संरक्षित क्षेत्र होते हैं जहाँ वन्यजीवों, वनों और पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा की जाती है। इन क्षेत्रों में –
- शिकार, चराई और पेड़ों की कटाई पर सख़्त प्रतिबंध होता है।
- पर्यटन और अनुसंधान नियंत्रित रूप से संचालित होते हैं।
भारत में राष्ट्रीय उद्यानों का आँकड़ा
- भारत में वर्तमान समय में 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं।
- इनका कुल क्षेत्रफल लगभग 44,000 वर्ग किलोमीटर है।
- यह भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 1.35% है।
- पहला राष्ट्रीय उद्यान जिम कॉर्बेट (उत्तराखंड, 1936) था।
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान
| राष्ट्रीय उद्यान | राज्य | प्रमुख प्रजातियाँ / विशेषता | 
|---|---|---|
| जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान | उत्तराखंड | भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान, बंगाल टाइगर, घड़ियाल | 
| काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान | असम | एक सींग वाला गैंडा, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल | 
| गिर राष्ट्रीय उद्यान | गुजरात | एशियाई शेर का एकमात्र प्राकृतिक आवास | 
| कान्हा राष्ट्रीय उद्यान | मध्य प्रदेश | बारहसिंगा (Swamp Deer) की सुरक्षित प्रजाति | 
| बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान | मध्य प्रदेश | बाघों की घनी आबादी | 
| रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान | राजस्थान | बाघ दर्शन के लिए प्रसिद्ध | 
| केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर) | राजस्थान | विश्व प्रसिद्ध पक्षी विहार, प्रवासी पक्षी | 
| सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान | पश्चिम बंगाल | रॉयल बंगाल टाइगर, खारे पानी का मगरमच्छ | 
| पेरियार राष्ट्रीय उद्यान | केरल | हाथियों के झुंड और झील सफारी | 
| वैल्ली ऑफ फ्लावर्स राष्ट्रीय उद्यान | उत्तराखंड | यूनेस्को धरोहर, दुर्लभ फूलों की प्रजातियाँ | 
| हेमिस राष्ट्रीय उद्यान | लद्दाख | हिम तेंदुआ, उच्च हिमालयी जैव विविधता | 
| सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान | ओडिशा | बाघ, हाथी, जैवमंडल रिजर्व का हिस्सा | 
राष्ट्रीय उद्यानों का महत्व
जैव विविधता संरक्षण – बाघ, शेर, गैंडा जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों की सुरक्षा।अनुसंधान और शिक्षा – वनस्पति और जीव विज्ञान के अध्ययन का केंद्र।
पर्यावरणीय संतुलन – वनों और जलवायु का संरक्षण।
- पर्यटन और रोजगार – इको-टूरिज्म से स्थानीय समुदायों को लाभ।
- सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व – कई राष्ट्रीय उद्यान जनजातीय और धार्मिक परंपराओं से जुड़े हैं।
चुनौतियाँ
- शिकार और अवैध वन्यजीव व्यापार।
- वनों की कटाई और अतिक्रमण।
- मानव-वन्यजीव संघर्ष।
- जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण।
- अत्यधिक पर्यटन का दबाव।
संरक्षण उपाय
- प्रोजेक्ट टाइगर (1973) और प्रोजेक्ट एलीफेंट (1992)।
- राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य और बायोस्फीयर रिजर्व का नेटवर्क।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972)।
- जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता।
- ईको-टूरिज्म के नियम और नियंत्रण।
निष्कर्ष
भारत के राष्ट्रीय उद्यान हमारी प्राकृतिक धरोहर और जैविक संपदा हैं। ये न केवल दुर्लभ प्रजातियों की रक्षा करते हैं, बल्कि हमें स्वच्छ पर्यावरण, जलवायु संतुलन और पर्यटन की अमूल्य सेवाएँ प्रदान करते हैं। यदि इनका सतत संरक्षण और प्रबंधन किया जाए तो आने वाली पीढ़ियाँ भी भारत की इस प्राकृतिक धरोहर का आनंद उठा सकेंगी।
 
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