भारत राज्य और संघ

संघ और राज्यों के बीच अधिकारों का वितरण

भारतीय संविधान एक संघीय व्यवस्था (Federal System) स्थापित करता है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों को शासन के लिए अधिकार दिए गए हैं। परंतु भारत का संघीय ढांचा मजबूत केंद्र (Strong Centre) की विशेषता रखता है। अधिकारों का यह वितरण मुख्यतः अनुच्छेद 245 से 254 और सातवीं अनुसूची के अंतर्गत किया गया है।


अधिकारों के वितरण का आधार

संविधान निर्माताओं ने कनाडा के संविधान से प्रेरणा लेकर भारत में अधिकारों का वितरण तीन सूचियों में किया :

  1. संघ सूची (Union List)
  2. राज्य सूची (State List)
  3. समवर्ती सूची (Concurrent List)


1. संघ सूची (Union List)

  • इसमें वे विषय आते हैं जो पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
  • केवल संसद (Parliament) इन विषयों पर कानून बना सकती है।
  • वर्तमान में इसमें लगभग 100 विषय शामिल हैं।

मुख्य विषय :

  • रक्षा
  • विदेश नीति
  • परमाणु ऊर्जा
  • रेलवे
  • संचार
  • मुद्रा एवं बैंकिंग
  • नागरिकता
  • आयकर, कस्टम ड्यूटी


2. राज्य सूची (State List)

  • इसमें वे विषय आते हैं जो स्थानीय और क्षेत्रीय महत्व के होते हैं।
  • इन विषयों पर केवल राज्य विधानमंडल कानून बना सकता है।
  • वर्तमान में इसमें लगभग 61 विषय हैं।

मुख्य विषय :

  • पुलिस
  • लोक व्यवस्था
  • स्वास्थ्य
  • कृषि
  • जल आपूर्ति
  • भूमि सुधार
  • बाजार एवं मेले
  • स्थानीय सरकार


3. समवर्ती सूची (Concurrent List)

  • इसमें वे विषय आते हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं।
  • यदि दोनों के कानून में टकराव हो, तो केंद्र का कानून प्रभावी होगा।
  • वर्तमान में इसमें लगभग 52 विषय हैं।

मुख्य विषय :

  • शिक्षा
  • विवाह एवं तलाक
  • दिवालियापन
  • वन और पर्यावरण संरक्षण
  • श्रम कानून
  • विद्युत
  • दंड प्रक्रिया संहिता


4. अवशिष्ट विषय (Residuary Powers)

  • वे विषय जो किसी भी सूची में नहीं आते, उन पर कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को है।
  • उदाहरण: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अनुसंधान आदि।


संविधान के विशेष प्रावधान (Emergency & Special Powers)

  • राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352): केंद्र सभी विषयों पर कानून बना सकता है।
  • राज्य आपातकाल (अनुच्छेद 356): राष्ट्रपति राज्य का शासन अपने हाथ में ले सकते हैं।
  • वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360): केंद्र को राज्यों के वित्तीय मामलों में विशेष अधिकार मिलते हैं।


तालिका – संघ और राज्यों के बीच अधिकारों का वितरण

सूची कानून बनाने का अधिकार वर्तमान विषयों की संख्या उदाहरण
संघ सूची केवल संसद 100 रक्षा, विदेश नीति, रेल, मुद्रा
राज्य सूची केवल राज्य विधानमंडल 61 पुलिस, कृषि, स्वास्थ्य, भूमि
समवर्ती सूची संसद और राज्य दोनों 52 शिक्षा, विवाह, पर्यावरण, श्रम
अवशिष्ट विषय केवल संसद आईटी, अंतरिक्ष अनुसंधान

निष्कर्ष

संविधान में अधिकारों का वितरण ऐसा है कि केंद्र और राज्य दोनों अपने-अपने क्षेत्र में कार्य कर सकें, लेकिन राष्ट्रीय एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए केंद्र को अधिक शक्तिशाली बनाया गया है। यही कारण है कि भारतीय संघीय ढांचा "संघीय ढांचे के साथ एकात्मक प्रवृत्ति (Federal System with Unitary Bias)" कहलाता है।

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