भारत में शिक्षा का विकास
परिचय
भारत एक प्राचीन सभ्यता वाला देश है जहाँ ज्ञान, विद्या और शिक्षा को हमेशा सर्वोच्च स्थान दिया गया। शिक्षा का भारतीय इतिहास केवल ज्ञानार्जन की परंपरा नहीं बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक और वैज्ञानिक प्रगति की धरोहर भी है। समय के साथ शिक्षा ने कई रूप बदले – प्राचीन गुरुकुल प्रणाली से लेकर आज के डिजिटल लर्निंग और नई शिक्षा नीति 2020 तक। इस लेख में हम भारत में शिक्षा के विकास की यात्रा को विस्तार से समझेंगे।
प्राचीन भारत में शिक्षा
- वैदिक काल में शिक्षा का मुख्य केंद्र गुरुकुल हुआ करते थे। विद्यार्थी गुरुओं के सान्निध्य में धर्म, दर्शन, गणित, ज्योतिष, वेद और आयुर्वेद की शिक्षा प्राप्त करते थे।
- तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय विश्वप्रसिद्ध शिक्षण संस्थान थे जहाँ दूर-दूर से विद्यार्थी आते थे।
- शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, नैतिकता और आत्मज्ञान था।
- इस काल में मौखिक परंपरा से शिक्षा दी जाती थी।
मध्यकालीन भारत में शिक्षा
- मध्यकाल में शिक्षा पर इस्लामी संस्कृति और अरबी-फारसी भाषा का प्रभाव पड़ा।
- मदरसों और मकतबों में कुरान, इस्लामी कानून, दर्शन, गणित और खगोल विज्ञान पढ़ाया जाता था।
- इस काल में संस्कृत पाठशालाएँ भी संचालित रहीं।
- हालांकि शिक्षा का स्वरूप धार्मिक और अभिजात्य वर्ग तक ही सीमित था।
ब्रिटिश काल में शिक्षा का विकास
ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय शिक्षा प्रणाली में गहरा परिवर्तन आया।
प्रारंभिक पहल
- 1813 का चार्टर अधिनियम – शिक्षा के लिए धनराशि निर्धारित की गई।
- राजा राममोहन राय ने अंग्रेजी शिक्षा और आधुनिक विज्ञान की वकालत की।
प्रमुख समितियाँ और आयोग
- वुड्स डिस्पैच (1854) – भारतीय शिक्षा का “मैग्ना कार्टा” कहा गया। इसमें विश्वविद्यालय स्थापित करने और प्राथमिक शिक्षा पर बल दिया गया।
- हंटर आयोग (1882) – प्राथमिक शिक्षा के विस्तार की सिफारिश।
- सैडलर आयोग (1917–19) – उच्च शिक्षा पर बल।
परिणाम
- अंग्रेजी शिक्षा का प्रसार हुआ।
- आधुनिक विषय जैसे विज्ञान, गणित, राजनीति और अर्थशास्त्र पढ़ाए जाने लगे।
- लेकिन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासन के लिए “क्लर्क तैयार करना” था।
स्वतंत्रता के बाद शिक्षा का विकास
प्रारंभिक प्रयास
- राधाकृष्णन आयोग (1948–49) – विश्वविद्यालय शिक्षा सुधार।
- कोठारी आयोग (1964–66) – शिक्षा में समानता और गुणवत्ता पर जोर।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 – शिक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता घोषित किया गया।
1986 की शिक्षा नीति
- शिक्षा को लोकतांत्रिक मूल्य, विज्ञान और तकनीकी विकास से जोड़ा गया।
- महिलाओं और कमजोर वर्गों की शिक्षा पर बल दिया गया।
21वीं सदी में शिक्षा
सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव
- कंप्यूटर, इंटरनेट और डिजिटल शिक्षा ने शिक्षा के स्वरूप को बदल दिया।
- ऑनलाइन कोर्स, स्मार्ट क्लास, ई-लाइब्रेरी जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हुईं।
शिक्षा का सार्वभौमीकरण
- सर्व शिक्षा अभियान (2001) – सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य।
- माध्यमिक शिक्षा अभियान (2009) – उच्च शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करना।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम (2009) – 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा।
नई शिक्षा नीति (NEP 2020)
- 5+3+3+4 का नया ढाँचा।
- मातृभाषा में शिक्षा पर बल।
- व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान।
- डिजिटल और तकनीकी शिक्षा का विस्तार।
भारतीय शिक्षा प्रणाली की विशेषताएँ
- बहुभाषी स्वरूप – हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा।
- विविधता – आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा का संतुलन।
- लोकतांत्रिक दृष्टिकोण – सभी वर्गों के लिए शिक्षा के अवसर।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण – अनुसंधान और नवाचार पर जोर।
शिक्षा प्रणाली की चुनौतियाँ
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच असमानता।
- गुणवत्ता की समस्या – कई स्कूलों और कॉलेजों में प्रशिक्षित शिक्षक और संसाधनों की कमी।
- ड्रॉपआउट दर – विशेषकर गरीब और पिछड़े वर्गों में।
- रोजगारोन्मुख शिक्षा की कमी।
- डिजिटल डिवाइड – ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और तकनीकी सुविधाओं का अभाव।
शिक्षा का भविष्य
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य तय करेंगे।
- कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के लिए विशेष योजनाएँ और तकनीकी सहयोग आवश्यक होगा।
- वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा में भारतीय शिक्षा प्रणाली को और आधुनिक बनाना होगा।
निष्कर्ष
भारत में शिक्षा का विकास एक लंबी और सतत यात्रा है – गुरुकुल प्रणाली से लेकर आज की डिजिटल और कौशल आधारित शिक्षा तक। शिक्षा ने भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को न केवल सहेजा बल्कि उसे आधुनिकता के साथ जोड़ा। यदि आने वाले वर्षों में शिक्षा को और सुगम, गुणवत्तापूर्ण और रोजगारोन्मुख बनाया जाए, तो यह भारत को ज्ञान महाशक्ति बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाएगी।
 
.png) 
.png) 
0 टिप्पणियाँ