मुख्यमंत्री (Chief Minister)
भारत के प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका का वास्तविक प्रमुख मुख्यमंत्री (Chief Minister) होता है। संविधान में मुख्यमंत्री को वही स्थान प्राप्त है जो केंद्र में प्रधानमंत्री को प्राप्त है। राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, लेकिन वास्तविक सत्ता और प्रशासनिक अधिकार मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के पास होते हैं।
मुख्यमंत्री की नियुक्ति
- मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
- सामान्य स्थिति में विधान सभा में बहुमत प्राप्त करने वाली पार्टी का नेता मुख्यमंत्री बनाया जाता है।
- यदि कोई पार्टी स्पष्ट बहुमत में न हो तो राज्यपाल अपने विवेक से किसी नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकता है।
मुख्यमंत्री का कार्यकाल
- मुख्यमंत्री पाँच वर्ष के लिए पद पर रहता है, लेकिन विधानसभा का विश्वास खोने पर पद से हट सकता है।
- मुख्यमंत्री को विधानसभा का बहुमत बनाए रखना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री के कार्य और शक्तियाँ
1. कार्यपालिका संबंधी शक्तियाँ
- मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है।
- मंत्रिपरिषद की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर होती है।
- विभागों का बँटवारा करता है और मंत्रियों के कामकाज पर नियंत्रण रखता है।
- राज्यपाल को कार्यपालिका से संबंधित जानकारी देना उसकी जिम्मेदारी है।
2. विधायी शक्तियाँ
- मुख्यमंत्री विधान सभा में सरकार का नेता होता है।
- सरकार की नीतियाँ और योजनाएँ विधानसभा में प्रस्तुत करता है।
- विधानमंडल में पारित विधेयकों को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाता है।
- विधान सभा को भंग करने की अनुशंसा राज्यपाल को कर सकता है।
3. वित्तीय शक्तियाँ
- मुख्यमंत्री राज्य के बजट और वित्तीय नीतियों का संचालन करता है।
- राज्य में सभी धन संबंधी विधेयक विधानसभा में मुख्यमंत्री या उनकी मंत्रिपरिषद की अनुमति से ही लाए जा सकते हैं।
4. न्यायिक शक्तियाँ
- राज्यपाल द्वारा दी जाने वाली क्षमा, दंड परिवर्तन और दंड स्थगन के निर्णयों में मुख्यमंत्री सलाहकार भूमिका निभाता है।
5. अन्य शक्तियाँ और भूमिकाएँ
- मुख्यमंत्री राज्य और केंद्र के बीच सेतु का कार्य करता है।
- राज्य की नीतियों और कार्यक्रमों का संचालन करता है।
- राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने की स्थिति उत्पन्न होने पर राज्यपाल को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री की भूमिका और महत्व
- मुख्यमंत्री राज्य का मुख्य प्रशासक और राजनीतिक नेता होता है।
- वह राज्य की नीतियों को दिशा प्रदान करता है और शासन को जनता तक पहुँचाने का कार्य करता है।
- राज्य की प्रशासनिक मशीनरी का संचालन मुख्यमंत्री की कार्यक्षमता पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष
राज्य के शासन तंत्र में मुख्यमंत्री की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। वह न केवल राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख है, बल्कि राज्य की विधायिका और वित्तीय नीतियों को भी नियंत्रित करता है। मुख्यमंत्री की भूमिका भारतीय संघीय ढाँचे को जीवंत और प्रभावी बनाए रखने में अत्यंत आवश्यक है।
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