भारत में आपदा प्रबंधन
(Disaster Management India)
भारत भौगोलिक, जलवायु और सामाजिक विविधताओं से युक्त देश है। यहाँ भूकंप, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन, सूखा और महामारी जैसी आपदाएँ बार-बार आती रहती हैं। इनसे जन-धन की हानि होती है और विकास की गति प्रभावित होती है। इसी कारण आपदा प्रबंधन (Disaster Management) भारत की राष्ट्रीय नीतियों का अभिन्न हिस्सा बन गया है।
🌍 आपदा का अर्थ
आपदा (Disaster) वह घटना है जो अचानक घटित होकर समाज, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुँचाती है।
आपदा प्रबंधन (Disaster Management) वह प्रक्रिया है जिसमें आपदाओं की रोकथाम, तैयारी, त्वरित प्रतिक्रिया और पुनर्वास की व्यवस्था शामिल होती है।
⚡ भारत में प्रमुख आपदाएँ
प्राकृतिक आपदाएँ
- भूकंप (हिमालयी और पूर्वोत्तर क्षेत्र सबसे संवेदनशील)।
- बाढ़ (गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी और कोसी नदी बेसिन)।
- चक्रवात (ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु)।
- सूखा (राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक)।
- भूस्खलन (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश)।
- जंगल की आग (हिमालयी क्षेत्र और मध्य भारत के वन)।
मानव-जनित आपदाएँ
- औद्योगिक दुर्घटनाएँ (भोपाल गैस त्रासदी, 1984 सबसे बड़ी मिसाल)।
- सड़क व रेल दुर्घटनाएँ।
- प्रदूषण और पर्यावरणीय असंतुलन।
- महामारी (COVID-19 जैसी वैश्विक महामारी)।
- आतंकी हमले और सामरिक संकट।
📊 भारत में आपदा का आँकड़ा (2025 तक)
- भारत की लगभग 58% भूमि भूकंप संभावित।
- लगभग 12% भूमि बाढ़ के खतरे में।
- 5700 किमी लंबा तटीय क्षेत्र चक्रवात-प्रवण।
- हर साल औसतन 2–3 बड़े चक्रवात और 8–10 भूकंप।
- 2023–24 में उत्तराखंड (जोशीमठ धंसाव), ओडिशा चक्रवात, और हिमाचल भूस्खलन बड़ी घटनाएँ।
🏛️ भारत में आपदा प्रबंधन की संस्थाएँ
1. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
- स्थापना : 2005 (आपदा प्रबंधन अधिनियम)।
- अध्यक्ष : भारत के प्रधानमंत्री।
- कार्य : आपदा से निपटने की नीतियाँ बनाना और समन्वय।
2. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)
- विशेष बल जो हर प्रकार की आपदा में राहत और बचाव कार्य करता है।
- 12 बटालियन पूरे देश में तैनात।
3. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA)
- प्रत्येक राज्य में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गठित।
- राज्य स्तर पर तैयारी और राहत कार्य।
4. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA)
- जिला स्तर पर कलेक्टर/जिलाधिकारी के नेतृत्व में कार्यरत।
5. अन्य संस्थाएँ
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) – चक्रवात, वर्षा और मौसम की चेतावनी।
- राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र – भूकंप निगरानी।
- इसरो (ISRO) – उपग्रह से आपदा निगरानी और चेतावनी।
🔑 आपदा प्रबंधन के चरण
- रोकथाम (Prevention) – खतरे को पहले ही रोकने के प्रयास।
- तैयारी (Preparedness) – चेतावनी तंत्र, मॉक ड्रिल और प्रशिक्षण।
- प्रतिक्रिया (Response) – आपदा के समय राहत, बचाव और चिकित्सा।
- पुनर्वास (Recovery & Rehabilitation) – पुनर्निर्माण, मानसिक सहायता और आजीविका पुनर्स्थापन।
✅ सरकार की प्रमुख योजनाएँ और पहल
- आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 – कानूनी ढांचा।
- स्मार्ट सिटी मिशन – आपदा-प्रतिरोधी अवसंरचना।
- Sendai Framework (2015–2030) – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण का समझौता।
- National Cyclone Risk Mitigation Project (NCRMP)।
- Early Warning System – मोबाइल अलर्ट और उपग्रह तकनीक।
- प्रधानमंत्री राहत कोष और राज्य राहत कोष।
🌱 आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक (2025 तक)
- सैटेलाइट इमेजिंग और ड्रोन – बाढ़ और भूस्खलन की निगरानी।
- GIS और रिमोट सेंसिंग – संवेदनशील क्षेत्रों का मानचित्रण।
- AI और बिग डेटा – आपदाओं की भविष्यवाणी और त्वरित निर्णय।
- मोबाइल अलर्ट सिस्टम – SMS और ऐप आधारित चेतावनी।
- ई-वॉलंटियर नेटवर्क – राहत कार्यों में नागरिकों की भागीदारी।
⚠️ चुनौतियाँ
- ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में संसाधनों की कमी।
- राहत कार्यों में भ्रष्टाचार और धीमी प्रक्रिया।
- जनजागरूकता और प्रशिक्षण का अभाव।
- बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण से खतरे अधिक।
- जलवायु परिवर्तन से आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति बढ़ रही है।
🌍 समाधान और आगे की राह
- आपदा-प्रतिरोधी भवन और अवसंरचना।
- स्थानीय स्तर पर समुदाय की भागीदारी।
- स्कूलों और कॉलेजों में आपदा शिक्षा अनिवार्य।
- ग्रीन और सतत विकास नीतियाँ।
- आपदा बीमा योजनाएँ।
- क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग।
निष्कर्ष
भारत में आपदा प्रबंधन केवल सरकारी तंत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जनसहभागिता, तकनीकी नवाचार और सतत विकास की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। 2025 तक भारत ने चेतावनी तंत्र, NDRF की तत्परता और स्मार्ट सिटी योजनाओं के माध्यम से आपदा प्रबंधन में उल्लेखनीय प्रगति की है। यदि सभी स्तरों पर समन्वय और पारदर्शिता हो तो भारत एक आपदा-प्रतिरोधी राष्ट्र बन सकता है।
 
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