संवेदनात्मक बुद्धि अवधारणाएं और आयाम

संवेदनात्मक बुद्धि अवधारणाएं और आयाम(Emotional Intelligence Concepts and dimensions)

परिचय

आज के जटिल प्रशासनिक, सामाजिक और मानवीय परिवेश में केवल बौद्धिक बुद्धिमत्ता (IQ) पर्याप्त नहीं है। एक सफल और प्रभावी लोकसेवक या नेता को चाहिए कि उसमें संवेदनात्मक बुद्धि (Emotional Intelligence - EI) भी हो। यह बुद्धि न केवल स्वयं की भावनाओं को समझने और नियंत्रित करने में सहायता करती है, बल्कि दूसरों की भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व भी विकसित करती है।


1. संवेदनात्मक बुद्धि की परिभाषा

संवेदनात्मक बुद्धि वह क्षमता है जिसके द्वारा व्यक्ति:

  • अपनी और दूसरों की भावनाओं को पहचान सकता है,
  • उन्हें समझ सकता है,
  • नियंत्रित कर सकता है, और
  • संबंधों में सकारात्मकता बनाए रख सकता है।

डैनियल गोलेमैन के अनुसार, यह बुद्धिमत्ता कार्यस्थल, समाज और व्यक्तिगत जीवन में सफलता की कुंजी है।


2. संवेदनात्मक बुद्धि के प्रमुख घटक (आयाम)

1. आत्म-जागरूकता (Self-Awareness)

  • अपनी भावनाओं और उनके प्रभावों को पहचानना।
  • आत्मविश्लेषण और आत्म-संवेदना।
  • अपनी सीमाओं और शक्तियों की स्पष्ट समझ।

2. आत्म-नियंत्रण (Self-Regulation)

  • आवेगों को नियंत्रित करना।
  • तनावपूर्ण परिस्थितियों में संयम बनाए रखना।
  • नैतिक मूल्यों का पालन करते हुए निर्णय लेना।

3. प्रेरणा (Motivation)

  • बाह्य पुरस्कारों की तुलना में आंतरिक प्रेरणा से संचालित होना।
  • उच्च लक्ष्य निर्धारण और उन्हें प्राप्त करने की लगन।
  • असफलताओं से हार न मानकर आगे बढ़ने की भावना।

4. सहानुभूति (Empathy)

  • दूसरों की भावनाओं को गहराई से समझना।
  • विविध सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों का सम्मान करना।
  • कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना।

5. सामाजिक कौशल (Social Skills)

  • प्रभावी संवाद करना।
  • टीम भावना का निर्माण।
  • संघर्ष प्रबंधन और नेतृत्व क्षमता का विकास।


3. प्रशासन में संवेदनात्मक बुद्धि का महत्व

जनसंपर्क में सुधार

संवेदनात्मक बुद्धि से युक्त अधिकारी जनता की समस्याओं को संवेदनशीलता और गंभीरता से सुनते हैं।

संकट प्रबंधन

तनावपूर्ण या संकट की घड़ी में ऐसे अधिकारी संयमित निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।

टीम नेतृत्व

EI के कारण वे अपनी टीम को प्रेरित कर बेहतर परिणाम देने में समर्थ बनाते हैं।

नैतिकता और पारदर्शिता

संवेदनात्मक बुद्धि एक अधिकारी को नैतिक, ईमानदार और उत्तरदायी बनाती है।


4. संवेदनात्मक बुद्धि बनाम बौद्धिक बुद्धि

पक्ष बौद्धिक बुद्धि (IQ) संवेदनात्मक बुद्धि (EI)
परिभाषा विश्लेषणात्मक क्षमता भावनात्मक समझ व प्रबंधन
प्रकृति तार्किक मानवीय
उपयोगिता शैक्षणिक सफलता व्यावहारिक सफलता
मापन IQ परीक्षण व्यवहारिक मूल्यांकन
विकास जन्मजात एवं अभ्यास आधारित जीवन अनुभव और स्व-चिंतन पर आधारित

5. EI का विकास कैसे करें?

  • ध्यान और आत्मनिरीक्षण द्वारा भावनाओं की पहचान।
  • तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास (जैसे ध्यान, योग)।
  • सक्रिय श्रवण और सहानुभूतिपूर्ण संवाद
  • विविध अनुभवों और संस्कृतियों से संपर्क
  • आत्म-मूल्यांकन और फीडबैक को स्वीकार करना।


6. लोक प्रशासन में उपयोग के दृष्टांत

  • सामूहिक विरोध या जनआंदोलन के समय संयमित व्यवहार।
  • दुर्घटनाओं या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान करुणा और संवेदनशील निर्णय।
  • आंतरिक विभागीय विवादों को शांतिपूर्वक सुलझाना।
  • नारी, बालक, वृद्ध और दिव्यांग कल्याण योजनाओं में सहानुभूति से नीति निर्माण।


7. नीति और प्रशिक्षण में EI की भूमिका

भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की प्रशिक्षण प्रणाली में अब भावनात्मक बुद्धिमत्ता के प्रशिक्षण को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है ताकि अधिकारी जनकेंद्रित, नैतिक और उत्तरदायी प्रशासन सुनिश्चित कर सकें।


निष्कर्ष

संवेदनात्मक बुद्धि आज की आवश्यकता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो सार्वजनिक जीवन, प्रशासन, शिक्षा या नेतृत्व से जुड़े हैं। इससे व्यक्ति केवल सफल अधिकारी नहीं, बल्कि संवेदनशील नागरिक भी बनता है। यह बुद्धि समाज में विश्वास, करुणा और सहयोग को प्रोत्साहित करती है और कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने में सहायक सिद्ध होती है।

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