वन संसाधन

वन संसाधन(Forest Resources)

महत्व, वितरण और संरक्षण

वन संसाधन मानव सभ्यता और प्रकृति के लिए अनमोल धरोहर हैं। यह न केवल पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि जलवायु, मिट्टी, जल और वायु शुद्धिकरण में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। विश्व भूगोल की दृष्टि से वन संसाधन पृथ्वी पर असमान रूप से वितरित हैं और इनका संरक्षण मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक है।


वन संसाधनों का महत्व

  • ऑक्सीजन का स्रोत: वनों को पृथ्वी के "फेफड़े" कहा जाता है।
  • जैव विविधता का संरक्षण: लाखों पौधों और जीव-जंतुओं का घर।
  • जलवायु संतुलन: कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके ग्लोबल वार्मिंग कम करते हैं।
  • मृदा संरक्षण: पेड़ों की जड़ें मिट्टी को कटाव से बचाती हैं।
  • आर्थिक महत्व: लकड़ी, गोंद, रबर, जड़ी-बूटियाँ, फल और औषधीय पौधे।
  • सांस्कृतिक महत्व: मानव सभ्यताओं, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ।


विश्व में वन संसाधनों का वितरण

पृथ्वी की सतह का लगभग 31% भाग वनों से आच्छादित है। लेकिन यह वितरण समान नहीं है।

1. उष्णकटिबंधीय वर्षावन (Tropical Rainforests)

  • स्थान: अमेज़न बेसिन (दक्षिण अमेरिका), कांगो बेसिन (अफ्रीका), दक्षिण-पूर्व एशिया।
  • विशेषता: सदाबहार, घने, ऊँचे पेड़ और प्रचुर वर्षा।
  • महत्व: "पृथ्वी के फेफड़े" कहे जाते हैं, क्योंकि यह विश्व की सबसे बड़ी ऑक्सीजन आपूर्ति करते हैं।

2. समशीतोष्ण वन (Temperate Forests)

  • स्थान: यूरोप, उत्तरी अमेरिका, चीन और जापान।
  • विशेषता: पर्णपाती (Deciduous) और शंकुधारी (Coniferous) पेड़।
  • आर्थिक महत्व: लकड़ी और कागज उद्योग का मुख्य स्रोत।

3. शीतोष्ण वन (Boreal or Taiga Forests)

  • स्थान: रूस, कनाडा, स्कैंडिनेवियाई देश।
  • विशेषता: चीड़, फर और स्प्रूस जैसे पेड़।
  • विश्व के सबसे बड़े वनक्षेत्र, लेकिन ठंडे मौसम में सीमित जैव विविधता।

4. शुष्क वन (Dry Forests)

  • स्थान: अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और भारत के शुष्क क्षेत्र।
  • विशेषता: कठोर और पत्तियाँ झाड़ने वाले पौधे।
  • उपयोग: ईंधन और पशु चारे का मुख्य स्रोत।


भारत में वन संसाधन

भारत का लगभग 21.7% भौगोलिक क्षेत्र वनाच्छादित है।

वन के प्रमुख प्रकार

  • उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन – अंडमान-निकोबार, पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर भारत।
  • उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन – मध्य भारत, छत्तीसगढ़, झारखंड।
  • पर्वतीय वन – हिमालयी क्षेत्र।
  • रेगिस्तानी वन – राजस्थान और गुजरात।

भारत की वन नीति

  • भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश के 33% क्षेत्र में वनों का संरक्षण हो।
  • वन संरक्षण अधिनियम 1980 और वन अधिकार अधिनियम 2006 इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।


वन संसाधनों का आर्थिक महत्व

  • लकड़ी उद्योग: निर्माण, फर्नीचर और कागज।
  • औषधियाँ: आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा में उपयोग।
  • रबर और गोंद: उद्योगों में आवश्यक कच्चा माल।
  • पर्यटन और पारिस्थितिक सेवाएँ: वन्यजीव पर्यटन और पर्यावरणीय संतुलन।


वनों का ह्रास और खतरे

  • अत्यधिक वनों की कटाई (Deforestation): कृषि विस्तार और शहरीकरण।
  • खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ।
  • जलवायु परिवर्तन और जंगल की आग।
  • अवैध शिकार और जैव विविधता का नुकसान।


वन संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन

  • अफॉरेस्टेशन (Afforestation): नए वृक्षारोपण।
  • रीफॉरेस्टेशन (Reforestation): कटे हुए वनों की पुनःस्थापना।
  • सामुदायिक भागीदारी: संयुक्त वन प्रबंधन (Joint Forest Management)
  • राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य।
  • आधुनिक तकनीक: GIS और रिमोट सेंसिंग से निगरानी।


विश्व भूगोल और वन संसाधनों का भविष्य

  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वनों का संरक्षण सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से जुड़ा है।
  • वनों की रक्षा से न केवल जलवायु परिवर्तन नियंत्रण संभव होगा बल्कि पारिस्थितिकी और जैव विविधता को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।
  • "ग्रीन बेल्ट मूवमेंट" (केन्या) और "चिपको आंदोलन" (भारत) जैसे प्रयास वैश्विक उदाहरण हैं।


निष्कर्ष

वन संसाधन मानव और प्रकृति दोनों के लिए जीवनरेखा हैं। इनका संरक्षण केवल पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिरता का भी आधार है। यदि वैश्विक और स्थानीय स्तर पर वन संरक्षण को प्राथमिकता दी जाए, तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को सुरक्षित बनाने का सबसे बड़ा कदम होगा।


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वन संसाधन: सारणीबद्ध सूची

नीचे दी गई तालिका में विश्व और भारत के वन संसाधनों का वर्गीकरण, वितरण और महत्व प्रस्तुत किया गया है:


विश्व स्तर पर वन संसाधनों का वर्गीकरण

वन का प्रकार स्थान मुख्य विशेषताएँ प्रमुख महत्व
उष्णकटिबंधीय वर्षावन (Tropical Rainforests) अमेज़न बेसिन (दक्षिण अमेरिका), कांगो बेसिन (अफ्रीका), दक्षिण-पूर्व एशिया घने, सदाबहार, ऊँचे पेड़, भारी वर्षा ऑक्सीजन आपूर्ति, जैव विविधता, औषधियाँ
समशीतोष्ण वन (Temperate Forests) यूरोप, उत्तरी अमेरिका, चीन, जापान पर्णपाती और शंकुधारी वृक्ष लकड़ी, कागज, वन्यजीव
शीतोष्ण वन (Taiga/Boreal Forests) रूस, कनाडा, स्कैंडिनेविया चीड़, फर, स्प्रूस; ठंडा क्षेत्र लकड़ी, जलवायु संतुलन
शुष्क वन (Dry Forests) अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, भारत के शुष्क क्षेत्र पत्तियाँ झाड़ने वाले पेड़, कठोर झाड़ियाँ ईंधन, चारा, स्थानीय उपयोग
पर्वतीय वन (Mountain Forests) हिमालय, ऐल्प्स, रॉकी पर्वत ऊँचाई के अनुसार विविधता औषधीय पौधे, मिट्टी संरक्षण

भारत में वन संसाधनों का वर्गीकरण

वन का प्रकार क्षेत्र मुख्य वृक्ष महत्व
उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन अंडमान-निकोबार, पश्चिमी घाट, पूर्वोत्तर भारत सैल, शीशम, महोगनी जैव विविधता, लकड़ी
उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड सागौन, साल, नीम लकड़ी, गोंद, चारा
पर्वतीय वन हिमालयी क्षेत्र चीड़, देवदार, फर जलवायु संतुलन, औषधीय पौधे
रेगिस्तानी वन राजस्थान, गुजरात खेजड़ी, बबूल, कैक्टस ईंधन, पशु चारा
तटीय वन (मैंग्रोव) सुंदरबन (पश्चिम बंगाल), अंडमान सुंदरी, नारियल, पाम तट संरक्षण, मत्स्य पालन


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