आयकर(Income Tax)

 आयकर(Income Tax) 

संपूर्ण मार्गदर्शिका

भारत में आयकर (Income Tax) सरकार की प्रमुख राजस्व प्राप्ति का साधन है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में, सरकार आम बजट या वित्त विधेयक के माध्यम से आयकर दरों और स्लैब (Income Tax Slabs) में बदलाव करती है। वर्ष 2025 के लिए भी आयकर स्लैब को लेकर लोगों में जिज्ञासा है, क्योंकि ये सीधे तौर पर वेतनभोगी कर्मचारियों, व्यवसायियों और पेंशनभोगियों की जेब पर प्रभाव डालते हैं। इस लेख में हम विस्तारपूर्वक आयकर 2025, नए व पुराने कर-प्रणाली, छूट व कटौती (Exemptions & Deductions) तथा कर बचत के उपाय पर चर्चा करेंगे।


आयकर क्या है?

आयकर (Income Tax) वह प्रत्यक्ष कर है, जो व्यक्ति या संस्था अपनी अर्जित आय पर सरकार को चुकाते हैं। इसे आयकर अधिनियम, 1961 (Income Tax Act, 1961) के प्रावधानों के तहत लगाया जाता है।

सरकार हर वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की अवधि को वित्तीय वर्ष (Financial Year - FY) मानकर कर वसूल करती है। कर निर्धारण के लिए अगले वर्ष को आकलन वर्ष (Assessment Year - AY) कहा जाता है। उदाहरण के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 का आकलन वर्ष 2025-26 होगा।


आयकर स्लैब 2025

भारत में कर व्यवस्था को स्लैब प्रणाली (Slab System) पर आधारित किया गया है। अर्थात, जितनी अधिक आय होगी, उतनी अधिक दर से कर लगेगा। यह व्यवस्था प्रगतिशील कर प्रणाली (Progressive Tax System) कहलाती है।

वर्ष 2020-21 में सरकार ने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) पेश की थी, जिसे करदाताओं के लिए ऐच्छिक रखा गया है। अब वित्त वर्ष 2025 के लिए भी दोनों व्यवस्थाएँ – पुरानी कर व्यवस्था (Old Regime) और नई कर व्यवस्था (New Regime) – लागू हैं।


आयकर स्लैब 2025 (नई कर व्यवस्था)

नई कर व्यवस्था को सरकार सरल और स्पष्ट बनाने का प्रयास कर रही है। इसमें अधिकांश छूट और कटौतियाँ समाप्त कर दी गई हैं, ताकि कर गणना आसान हो।

नई कर व्यवस्था (वित्त वर्ष 2025-26) के संभावित स्लैब

  • ₹0 – ₹3,00,000 तक की आय → कोई कर नहीं
  • ₹3,00,001 – ₹6,00,000 तक → 5%
  • ₹6,00,001 – ₹9,00,000 तक → 10%
  • ₹9,00,001 – ₹12,00,000 तक → 15%
  • ₹12,00,001 – ₹15,00,000 तक → 20%
  • ₹15,00,000 से अधिक आय → 30%

ध्यान दें कि नई कर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन (₹50,000) की सुविधा अब उपलब्ध है।


आयकर स्लैब 2025 (पुरानी कर व्यवस्था)

पुरानी कर व्यवस्था में विभिन्न छूट व कटौती (जैसे 80C, 80D, HRA, LTA आदि) का लाभ मिलता है। जो करदाता निवेश व बचत योजनाओं में निवेश करते हैं, उनके लिए यह व्यवस्था फायदेमंद साबित हो सकती है।

पुरानी कर व्यवस्था (वित्त वर्ष 2025-26) के संभावित स्लैब:

  • ₹0 – ₹2,50,000 तक की आय → कोई कर नहीं
  • ₹2,50,001 – ₹5,00,000 तक → 5%
  • ₹5,00,001 – ₹10,00,000 तक → 20%
  • ₹10,00,000 से अधिक आय → 30%

वरिष्ठ नागरिकों (60 से 80 वर्ष) के लिए छूट सीमा ₹3 लाख और अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु) के लिए ₹5 लाख है।


नई बनाम पुरानी कर व्यवस्था

नई कर व्यवस्था के लाभ

  • सरल और पारदर्शी गणना
  • स्टैंडर्ड डिडक्शन शामिल
  • कम कर दरें
  • बिना जटिल निवेश योजना बनाए भी कर बचत संभव

पुरानी कर व्यवस्था के लाभ

  • 80C, 80D, 80E, HRA, LTA जैसी कटौतियों का लाभ
  • गृह ऋण, शिक्षा ऋण और स्वास्थ्य बीमा पर अतिरिक्त राहत
  • निवेश करने वालों के लिए दीर्घकालिक लाभ

निष्कर्ष: यदि आप निवेश व बचत योजनाओं में नियमित रूप से निवेश करते हैं, तो पुरानी व्यवस्था बेहतर है। लेकिन यदि आप सरलता चाहते हैं और निवेश करने की आदत नहीं है, तो नई व्यवस्था चुनना लाभदायक रहेगा।


आयकर में प्रमुख छूट व कटौती (Deductions & Exemptions)

पुरानी कर व्यवस्था में उपलब्ध प्रमुख धारा अनुसार कटौतियाँ निम्नलिखित हैं:

  • धारा 80C: जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, ईपीएफ, एनएससी, एसयूकेन्या समृद्धि योजना आदि (अधिकतम ₹1.5 लाख तक)
  • धारा 80D: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम (₹25,000 से ₹1,00,000 तक आयु के आधार पर)
  • धारा 80E: शिक्षा ऋण पर ब्याज
  • धारा 24(b): गृह ऋण पर ब्याज (₹2 लाख तक)
  • HRA (House Rent Allowance): किराए के मकान पर कर छूट
  • LTA (Leave Travel Allowance): घरेलू यात्रा खर्च पर छूट


आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया

2025 में भी करदाताओं को ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से ITR (Income Tax Return) दाखिल करना होगा। प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें 👉 Official Web
  • अपनी PAN और आधार लिंक स्थिति जाँचें
  • उपयुक्त ITR फॉर्म (ITR-1 से ITR-7) चुनें
  • आय का विवरण, कटौती और टैक्स की गणना दर्ज करें
  • नेट बैंकिंग या UPI से बकाया कर का भुगतान करें
  • ई-वेरिफिकेशन (OTP/Net Banking) से रिटर्न पूरा करें


कर बचत के स्मार्ट उपाय

2025 में कर बचत के लिए हम निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:

  • 80C के तहत निवेश करें: PPF, ELSS, NSC, जीवन बीमा
  • स्वास्थ्य बीमा लें: 80D का लाभ मिलेगा
  • गृह ऋण पर ब्याज: धारा 24(b) के तहत राहत
  • शिक्षा ऋण: 80E में कटौती
  • NPS (National Pension System) में निवेश करें: 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त ₹50,000 तक छूट
  • दान (Charity Donations): 80G के तहत कर छूट


आयकर का महत्व

आयकर केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के विकास का भी साधन है। सरकार आयकर से प्राप्त राजस्व को बुनियादी ढाँचे (Infrastructure), शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक योजनाओं पर खर्च करती है।

इसलिए, समय पर और सही तरीके से आयकर चुकाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।


निष्कर्ष

आयकर व आयकर स्लैब 2025 करदाताओं के लिए कई विकल्प प्रस्तुत करते हैं। नई कर व्यवस्था सरल है, जबकि पुरानी व्यवस्था अधिक छूट और निवेश लाभ प्रदान करती है। हर व्यक्ति को अपनी आय, निवेश आदत और वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए सही व्यवस्था चुननी चाहिए।

हमें आशा है कि यह विस्तृत लेख आपको 2025 की आयकर योजना, स्लैब दरें, और कर बचत रणनीतियों को समझने में मदद करेगा।



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