सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता
(Information sharing and transparency in government)
परिचय
सरकारी प्रशासन में सूचना का आदान-प्रदान (Information Exchange) और पारदर्शिता (Transparency) लोकतांत्रिक शासन की रीढ़ है। यह शासन की कार्यप्रणाली को न केवल प्रभावी बनाता है, बल्कि नागरिकों के बीच विश्वास, उत्तरदायित्व और सहभागिता को भी मजबूत करता है। जब सरकार सूचना को मुक्त रूप से साझा करती है और प्रशासनिक कार्यवाहियों में पारदर्शिता बरतती है, तो इससे भ्रष्टाचार में कमी, नीतिगत निर्णयों में गुणवत्ता और जनकल्याण में वृद्धि सुनिश्चित होती है।
सूचना का आदान-प्रदान: शासन की जीवनरेखा
सरकारी तंत्र में सूचना का प्रवाह केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक दक्षता, सेवा वितरण और नीति निर्माण की गुणवत्ता का निर्धारक तत्व है।
प्रमुख तत्व
अंतर-विभागीय समन्वय
विभिन्न विभागों के बीच सूचनाओं का स्पष्ट और त्वरित आदान-प्रदान नीति क्रियान्वयन में सहायक होता है।जनता को जानकारी प्रदान करना
डिजिटल सूचना तंत्र
पारदर्शिता: सुशासन की अनिवार्यता
पारदर्शिता का तात्पर्य है — शासन प्रणाली में सभी निर्णय, कार्यवाही और व्यय प्रक्रिया को नागरिकों के सामने लाना। यह एक ऐसा तंत्र है जो सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाता है।
पारदर्शिता के लाभ
भ्रष्टाचार में कमी
जब हर कार्य जनता की नजर में होता है, तो भ्रष्टाचार की संभावना न्यूनतम हो जाती है।जनभागीदारी में वृद्धि
पारदर्शी शासन लोगों को निर्णय प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।प्रशासन में विश्वास
पारदर्शिता से नागरिकों में यह विश्वास बनता है कि शासन उनके हित में काम कर रहा है।भारत में सूचना और पारदर्शिता के लिए पहल
1. सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act)
यह अधिनियम नागरिकों को सरकारी सूचनाओं तक पहुँच का अधिकार देता है। इसके माध्यम से नागरिक पूछ सकते हैं:
- सरकारी योजनाओं की स्थिति
- बजट और खर्च
- निर्णय लेने की प्रक्रिया
2. ई-गवर्नेंस पहल
- डिजिटल इंडिया
- मिशन मोड प्रोजेक्ट्स
- UMANG, MyGov, RTI Online जैसे प्लेटफॉर्म
- ई-गवर्नेंस ने सूचना को सरल, सुलभ और पारदर्शी बना दिया है।
3. सोशल मीडिया और सरकारी संवाद
सरकार अब फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब जैसे माध्यमों से सीधे नागरिकों से संवाद करती है। यह एक नवीनतम सूचना प्रवाह की प्रणाली है।
सूचना प्रवाह और पारदर्शिता के बीच संबंध
सूचना प्रवाह और पारदर्शिता एक-दूसरे के पूरक हैं। जितना बेहतर सूचना का प्रवाह होगा, उतनी ही बेहतर पारदर्शिता होगी। उदाहरण के लिए:
- यदि किसी योजना की प्रगति रिपोर्ट वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाती है, तो यह पारदर्शिता है।
- यदि यह जानकारी ईमेल, मोबाइल अलर्ट या सोशल मीडिया से नागरिक तक पहुँचाई जाती है, तो यह सूचना का प्रभावी आदान-प्रदान है।
सरकार में पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय
उपाय | विवरण |
---|---|
ओपन डाटा पोर्टल | सार्वजनिक सूचनाओं का संग्रह और प्रकाशन |
ऑडिट रिपोर्ट की सार्वजनिक उपलब्धता | वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित |
सामाजिक लेखा परीक्षा | ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यों की जनता द्वारा समीक्षा |
कार्यप्रणाली का डिजिटलीकरण | निर्णय प्रक्रिया को ऑनलाइन और ट्रैक करने योग्य बनाना |
चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ
- सूचनाओं की अस्पष्टता या जटिल भाषा में प्रस्तुति
- तकनीकी अवसंरचना की कमी
- कुछ विभागों में पारदर्शिता के प्रति असंवेदनशीलता
- डेटा सुरक्षा और गोपनीयता का संतुलन
समाधान
- भाषाई सरलीकरण: आम नागरिक की भाषा में सूचना देना
- प्रशासनिक प्रशिक्षण: अधिकारियों को सूचना प्रबंधन की शिक्षा देना
- सुरक्षा ढांचा: संवेदनशील सूचनाओं की रक्षा करते हुए पारदर्शिता बनाए रखना
निष्कर्ष
सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता शासन के दो ऐसे स्तंभ हैं जो लोकतंत्र को जीवन देते हैं। इनसे शासन न केवल प्रभावी होता है, बल्कि नैतिक और उत्तरदायी भी बनता है। नागरिकों का विश्वास तभी बनता है जब उन्हें लगता है कि शासन उनके सामने ईमानदार, उत्तरदायी और जवाबदेह है। सरकार को चाहिए कि वह तकनीकी नवाचार, कानूनी प्रावधानों और नैतिक मूल्यों के समन्वय से पारदर्शी और जानकारीपूर्ण प्रशासन की दिशा में निरंतर प्रयास करती रहे।
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