मेसोपोटामिया की सभ्यता
परिचय
मेसोपोटामिया की सभ्यता (Mesopotamian Civilization) को विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में गिना जाता है। यह सभ्यता वर्तमान इराक के क्षेत्र में टाइग्रिस और यूफ्रेटीस नदियों के बीच विकसित हुई। मेसोपोटामिया का शाब्दिक अर्थ होता है – “दो नदियों के बीच की भूमि”। इस सभ्यता ने मानव समाज को लेखन, नगर नियोजन, कानून व्यवस्था और कृषि प्रणाली की दिशा में नया मार्ग दिखाया।
मेसोपोटामिया की भौगोलिक स्थिति
मेसोपोटामिया वर्तमान में पश्चिमी एशिया के इराक, सीरिया, और कुवैत के हिस्सों में फैला था। यहाँ की उपजाऊ मिट्टी और जल स्रोतों ने कृषि को संभव बनाया, जिससे स्थायी बस्तियाँ विकसित हुईं। टाइग्रिस और यूफ्रेटीस नदियाँ जीवनरेखा थीं।
मेसोपोटामिया की प्रमुख सभ्यताएँ
मेसोपोटामिया में विभिन्न संस्कृतियाँ और साम्राज्य उभरे:
1. सुमेरियन सभ्यता (4500–1900 ई.पू.)
- विश्व की प्रथम नगर सभ्यता
- प्रमुख नगर: उर, उरुक, लगश
- क्यूनिफॉर्म लिपि का विकास
- ज़िग्गुराट (Ziggurat) – विशाल मंदिरनुमा संरचनाएँ
2. अक्काडियन सभ्यता (2334–2154 ई.पू.)
- सर्गोन महान द्वारा स्थापित
- पहला केंद्रीकृत साम्राज्य
- सुमेरियनों की भाषा और संस्कृति को आगे बढ़ाया
3. बाबिलोनियन सभ्यता (1894–539 ई.पू.)
- राजा हम्मुराबी द्वारा स्थापित
- हम्मुराबी का विधान – विश्व का प्रथम लिखित विधि संहिता
4. असीरियन सभ्यता (2500–605 ई.पू.)
- सैन्य शक्ति के लिए प्रसिद्ध
- मुख्य नगर: निनवे
- उन्नत कला, वास्तुकला और पुस्तकालय
5. नव-बाबिलोनियन साम्राज्य (626–539 ई.पू.)
- नेबुचदनेज़र द्वितीय का शासनकाल
- बेबीलोन के लटकते उद्यान – प्राचीन विश्व के सात आश्चर्यों में एक
राजनीतिक व्यवस्था
मेसोपोटामिया में शहरों की व्यवस्था राजा द्वारा की जाती थी। राजा को ईश्वर का प्रतिनिधि माना जाता था। प्रत्येक नगर राज्य (City-State) स्वतंत्र था। प्रशासन में पुरोहितों, सैनिकों, लेखपालों और अभियंताओं की भूमिका होती थी।
धार्मिक जीवन
मेसोपोटामिया की सभ्यता बहुदेववादी थी। प्रत्येक नगर का एक मुख्य देवता होता था। प्रमुख देवता:
- एनकी – जल और ज्ञान के देवता
- एनलिल – वायु और तूफ़ान के देवता
- इनाना (ईश्तर) – प्रेम और युद्ध की देवी
धार्मिक स्थलों को ज़िग्गुराट कहा जाता था, जो मंदिर की तरह होते थे।
आर्थिक व्यवस्था
मेसोपोटामिया की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित थी। सिंचाई प्रणाली, बैलगाड़ी, हल और जलाशयों की मदद से कृषि का विकास हुआ। इसके अलावा, व्यापार, कुम्हारी, वस्त्र निर्माण, धातुकर्म भी महत्वपूर्ण व्यवसाय थे।
व्यापार के लिए उन्होंने मापन, लेखन और मुद्रा का प्रयोग किया।
लिपि और लेखन
मेसोपोटामिया की प्रमुख लिपि थी क्यूनिफॉर्म (Cuneiform), जिसे क्ले टैबलेट्स (मिट्टी की पट्टियों) पर लिखा जाता था। इस लिपि में लेखन के लिए सरक (stylus) का उपयोग होता था। विषयों में कानून, धर्म, कविता, इतिहास, व्यापार और विज्ञान सम्मिलित थे।
विज्ञान और गणित
- गणना का आधार 60 था – जिससे आज का 60 मिनट, 60 सेकंड का समय मापन निकला।
- खगोल शास्त्र में ग्रहों की गति, ग्रहण और चंद्र कैलेंडर का ज्ञान था।
- वास्तुकला, जल प्रबंधन, और गणित में भी विशेष प्रगति हुई।
वास्तुकला और कला
- ज़िग्गुराट – सीढ़ीनुमा बहुमंजिला मंदिर
- ईंटों से बने भवन
- नक्काशीदार मूर्तियाँ और सिलेंडर सील्स
- मिट्टी के बर्तन, धातु के उपकरण और आभूषण
मेसोपोटामिया की सभ्यता का पतन
लगातार युद्ध, प्राकृतिक आपदाएँ और बाहरी आक्रमणों ने इस सभ्यता को कमजोर कर दिया। अंततः 539 ई.पू. में फारसियों ने बाबिलोन पर अधिकार कर लिया, और यह महान सभ्यता धीरे-धीरे लुप्त हो गई।
मेसोपोटामिया की सभ्यता की विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
---|---|
स्थान | टाइग्रिस और यूफ्रेटीस नदियों के बीच |
प्रमुख नगर | उर, उरुक, निनवे, बाबिलोन |
प्रमुख लिपि | क्यूनिफॉर्म |
प्रमुख देवता | एनकी, एनलिल, इनाना |
प्रमुख कानून | हम्मुराबी का विधान |
आर्थिक आधार | कृषि, व्यापार, शिल्प |
निष्कर्ष
मेसोपोटामिया की सभ्यता ने मानव इतिहास को एक नई दिशा दी। इस सभ्यता के योगदान आज भी हमारे समाज में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मौजूद हैं। लेखन, कानून, गणित, और नगर योजनाएँ – ये सभी आधुनिक समाज की नींव मेसोपोटामिया से ही जुड़ी हुई हैं।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मेसोपोटामिया का क्या अर्थ है?
मेसोपोटामिया का अर्थ है “दो नदियों के बीच की भूमि”, अर्थात टाइग्रिस और यूफ्रेटीस के बीच का क्षेत्र।
2. मेसोपोटामिया की प्रमुख सभ्यताएँ कौन-कौन सी थीं?
सुमेरियन, अक्काडियन, बाबिलोनियन, असीरियन और नव-बाबिलोनियन प्रमुख सभ्यताएँ थीं।
3. मेसोपोटामिया की प्रमुख लिपि कौन सी थी?
क्यूनिफॉर्म लिपि – जो मिट्टी की पट्टियों पर लिखी जाती थी।
4. हम्मुराबी कौन था?
हम्मुराबी बाबिलोन का राजा था, जिसने विश्व का पहला लिखित विधान तैयार किया।
5. मेसोपोटामिया की प्रमुख विशेषता क्या थी?
नगर सभ्यता, लेखन प्रणाली, ज़िग्गुराट निर्माण और हम्मुराबी का विधान इसकी प्रमुख विशेषताएँ थीं।
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