मॉनसून (Monsoon)
परिभाषा, कारण, प्रकार और महत्व
परिचय
मॉनसून (Monsoon) शब्द अरबी भाषा के "मौसिम" शब्द से बना है, जिसका अर्थ है ऋतु। यह एक ऐसी जलवायु प्रणाली है जिसमें पवनों की दिशा ऋतुओं के अनुसार बदलती है। मॉनसून का सबसे प्रमुख उदाहरण एशिया विशेषकर भारतीय उपमहाद्वीप में देखने को मिलता है, जहाँ यह कृषि, जल संसाधन और मानव जीवन की आधारशिला है।
मॉनसून की उत्पत्ति
मॉनसून का निर्माण मुख्यतः भूमि और जल के असमान ऊष्मीकरण के कारण होता है।
- ग्रीष्म ऋतु में स्थल भाग तेजी से गर्म हो जाता है, जिससे वहाँ निम्न दाब क्षेत्र बनता है।
- समुद्र अपेक्षाकृत ठंडा रहता है, जिससे वहाँ उच्च दाब क्षेत्र निर्मित होता है।
- परिणामस्वरूप समुद्र से भूमि की ओर आर्द्र पवन चलती है, जो वर्षा का कारण बनती है।
- शीत ऋतु में यह स्थिति उलट जाती है और पवनें स्थल से समुद्र की ओर बहती हैं।
मॉनसून के प्रमुख प्रकार
1. ग्रीष्मकालीन मॉनसून (Summer Monsoon)
- जून से सितंबर तक सक्रिय।
- समुद्र से भूमि की ओर आर्द्र पवनें बहती हैं।
- भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन और जापान में भारी वर्षा का कारण।
- भारतीय कृषि का आधार।
2. शीतकालीन मॉनसून (Winter Monsoon)
- अक्टूबर से फरवरी तक सक्रिय।
- स्थल से समुद्र की ओर शुष्क पवनें बहती हैं।
- भारत के अधिकांश भाग शुष्क रहते हैं।
- परंतु तमिलनाडु तट (कोरोमंडल तट) को उत्तर-पूर्वी पवनों से वर्षा प्राप्त होती है।
भारतीय मॉनसून की विशेषताएँ
- अनिश्चितता: वर्षा की मात्रा और अवधि में परिवर्तन।
- असम वितरण: पश्चिमी घाट और मेघालय जैसे क्षेत्रों में अधिक वर्षा, जबकि राजस्थान शुष्क।
- आर्थिक महत्व: भारत की लगभग 70% कृषि वर्षा आधारित।
- सांस्कृतिक महत्व: साहित्य, संगीत और उत्सवों में मॉनसून का विशेष स्थान।
विश्व में मॉनसून क्षेत्र
- दक्षिण एशिया: भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल।
- पूर्वी एशिया: चीन, जापान।
- अफ्रीका: नाइजीरिया, सूडान, इथियोपिया।
- उत्तरी ऑस्ट्रेलिया।
मॉनसून के सकारात्मक प्रभाव
- कृषि उत्पादन में वृद्धि।
- जल संसाधनों की पूर्ति।
- वनस्पति और पशुपालन के लिए सहायक।
- नदियों और झीलों का जल स्तर बनाए रखना।
मॉनसून के नकारात्मक प्रभाव
- अधिक वर्षा से बाढ़ और भूस्खलन।
- कम वर्षा से अकाल और सूखा।
- वर्षा की असमानता से आर्थिक अस्थिरता।
- स्वास्थ्य समस्याएँ – मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का प्रसार।
वैज्ञानिक दृष्टि से मॉनसून
- मॉनसून का अध्ययन जलवायु विज्ञान (Climatology) का एक महत्वपूर्ण भाग है।
- हाल के वर्षों में एल-नीनो और ला-नीना जैसी घटनाओं से मॉनसून की अनिश्चितता बढ़ी है।
- उपग्रह और मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों से इसकी भविष्यवाणी की जाती है।
निष्कर्ष
मॉनसून केवल एक जलवायु प्रणाली नहीं बल्कि एशिया विशेषकर भारत की जीवनरेखा है। यह कृषि, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और समाज के हर पहलू को प्रभावित करता है। मॉनसून की असमानता और अनिश्चितता कभी वरदान तो कभी अभिशाप बन जाती है। इसीलिए इसे सही रूप से "भारत की आत्मा" कहा जाता है।
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