भारत में रेल परिवहन

भारत में रेल परिवहन

भारत का रेल परिवहन विश्व की सबसे बड़ी और सबसे व्यस्त रेल प्रणालियों में से एक है। यह न केवल यातायात और माल परिवहन का मुख्य साधन है बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी आधार है। भारतीय रेल को देश की जीवनरेखा कहा जाता है।


भारतीय रेल का इतिहास

भारत में रेल परिवहन की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई, जब पहली ट्रेन बोरीबंदर (मुंबई) से ठाणे (34 किमी) तक चली। धीरे-धीरे रेलवे नेटवर्क ने पूरे देश को जोड़ दिया। आज भारतीय रेल एशिया का सबसे बड़ा और विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।


भारतीय रेल का नेटवर्क

  • कुल लंबाई: लगभग 68,000 किमी (2024 तक)।
  • कुल स्टेशन: 7,000+ स्टेशन।
  • रोजाना यात्री: लगभग 2.3 करोड़।
  • रोजाना माल परिवहन: 3.5 मिलियन टन से अधिक।
  • भारतीय रेल 19 जोनल रेलवे और 70+ डिवीज़न में बंटी हुई है।


भारतीय रेल के प्रकार

1. यात्री गाड़ियाँ

  • मेल/एक्सप्रेस ट्रेन
  • सुपरफास्ट ट्रेन
  • जनशताब्दी और शताब्दी एक्सप्रेस
  • राजधानी और दुरंतो एक्सप्रेस
  • वंदे भारत एक्सप्रेस (सेमी-हाईस्पीड ट्रेन)
  • लोकल/सबअर्बन ट्रेन (मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली आदि)

2. मालगाड़ियाँ

  • कोयला, लोहा, अनाज, सीमेंट, पेट्रोलियम और कंटेनर ढुलाई के लिए।
  • भारतीय रेलवे की आय का लगभग 65% हिस्सा मालगाड़ियों से आता है।

3. विशेष सेवाएँ

  • टूरिस्ट ट्रेन (पैलेस ऑन व्हील्स, महाराजा एक्सप्रेस)
  • धार्मिक ट्रेन (भारत गौरव ट्रेन)
  • लग्जरी ट्रेनें (डेकिन ओडिसी, गोल्डन चैरियट)


भारतीय रेल के मुख्य क्षेत्रीय जोन

जोन का नाम मुख्यालय स्थापना वर्ष
उत्तरी रेलवे (NR) नई दिल्ली 1952
उत्तर-मध्य रेलवे (NCR) प्रयागराज 2003
पश्चिम रेलवे (WR) मुंबई (चर्चगेट) 1951
मध्य रेलवे (CR) मुंबई (CST) 1951
दक्षिण रेलवे (SR) चेन्नई 1951
दक्षिण-मध्य रेलवे (SCR) सिकंदराबाद 1966
दक्षिण-पूर्व रेलवे (SER) कोलकाता 1955
पूर्वी रेलवे (ER) कोलकाता 1952
उत्तर-पूर्व रेलवे (NER) गोरखपुर 1952
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) गुवाहाटी 1958
पश्चिम-मध्य रेलवे (WCR) जबलपुर 2003
दक्षिण-पश्चिम रेलवे (SWR) हब्बलि 2003
उत्तर-पश्चिम रेलवे (NWR) जयपुर 2002
पूर्व-मध्य रेलवे (ECR) हाजीपुर 2002
दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे (SECR) बिलासपुर 2003
ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) भुवनेश्वर 2003
कोनकण रेलवे (KRCL) नवी मुंबई 1998
पश्चिम-दक्षिण रेलवे (WSR) (नया प्रस्तावित)

रेलवे में आधुनिक विकास

  • विद्युतीकरण: 2030 तक पूर्ण विद्युतीकरण और कार्बन-न्यूट्रल लक्ष्य।
  • बुलेट ट्रेन परियोजना: मुंबई–अहमदाबाद हाईस्पीड रेल (508 किमी)।
  • डिजिटल टिकटिंग: IRCTC ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और UPI आधारित पेमेंट।
  • स्मार्ट कोच: GPS, Wi-Fi और सुरक्षा सिस्टम।
  • माल ढुलाई कॉरिडोर (DFC): पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर।


भारतीय रेल का महत्व

  • आर्थिक योगदान: देश की GDP में सीधा योगदान और लाखों लोगों को रोजगार।
  • सामाजिक योगदान: सस्ते और सुरक्षित यातायात का साधन।
  • राष्ट्रीय एकता: पूरे भारत को जोड़ने वाला तंत्र।
  • पर्यावरणीय लाभ: रेल परिवहन सड़क और हवाई मार्ग की तुलना में पर्यावरण अनुकूल है।


निष्कर्ष

भारत का रेल परिवहन केवल एक यातायात साधन नहीं है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था और विकास की धड़कन है। तकनीकी सुधारों और बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं के साथ भारतीय रेल आने वाले वर्षों में विश्वस्तरीय मानक हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।


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