ओखोट्स्क सागर (Sea of Okhotsk)
भूगोल, इतिहास और सामरिक महत्व
ओखोट्स्क सागर (Sea of Okhotsk) उत्तर-पश्चिमी प्रशांत महासागर का एक प्रमुख सागर है। यह सागर पूरी तरह से रूस के क्षेत्रीय जल के भीतर स्थित है और अपने समृद्ध मत्स्य संसाधनों, तेल-गैस भंडार, कठोर जलवायु और सामरिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
ओखोट्स्क सागर का परिचय
- स्थान: उत्तर-पश्चिम प्रशांत महासागर
- पश्चिम: रूस का सुदूर पूर्व (साइबेरिया का तटीय क्षेत्र)
- पूर्व: कामचटका प्रायद्वीप और कुरिल द्वीप समूह
- उत्तर: खाबरोव्स्क क्राय और मैगाडान क्षेत्र (रूस)
- दक्षिण: जापान का होक्काइडो द्वीप
- क्षेत्रफल: लगभग 15 लाख 80 हजार वर्ग किमी
- औसत गहराई: 859 मीटर
- अधिकतम गहराई: लगभग 3,372 मीटर
प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ
- सखालिन द्वीप (Sakhalin Island, रूस) – पश्चिमी तट पर
- कुरिल द्वीप समूह (Kuril Islands, रूस-जापान विवादित) – दक्षिण-पूर्वी सीमा पर
- कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) – पूर्वी तट
- शांतार द्वीप (Shantar Islands) – उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में
ओखोट्स्क सागर का ऐतिहासिक महत्व
प्राचीन काल
- स्थानीय निवासियों के लिए यह क्षेत्र मत्स्य पालन और समुद्री संसाधनों का स्रोत रहा है।
आधुनिक काल
- 17वीं-18वीं शताब्दी में रूसी अन्वेषकों ने इस सागर का नामकरण किया।
- इसका नाम रूसी नगर ओखोट्स्क से पड़ा, जो रूस का पहला प्रशांत बंदरगाह था।
20वीं शताब्दी
- शीत युद्ध के दौरान यह क्षेत्र सोवियत संघ की नौसैनिक गतिविधियों का केंद्र बना।
आर्थिक महत्व
मत्स्य उद्योग
यह सागर सैल्मन (Salmon), हेरिंग (Herring), कॉड (Cod), केकड़े और झींगे के लिए प्रसिद्ध है।जापान और रूस के बीच लंबे समय से मत्स्य संसाधनों को लेकर समझौते होते रहे हैं।
ऊर्जा संसाधन
इस क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं।
रूस ने सखालिन-1 और सखालिन-2 जैसे तेल-गैस परियोजनाएँ विकसित की हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ भी शामिल रही हैं।
रूस ने सखालिन-1 और सखालिन-2 जैसे तेल-गैस परियोजनाएँ विकसित की हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ भी शामिल रही हैं।
व्यापार और नौवहन
ओखोट्स्क सागर सर्दियों में बर्फ से ढक जाता है, जिससे नौवहन कठिन हो जाता है।
फिर भी यह रूस के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र से संपर्क का प्रमुख मार्ग है।
फिर भी यह रूस के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र से संपर्क का प्रमुख मार्ग है।
सामरिक महत्व
- ओखोट्स्क सागर रूस के लिए सुरक्षित आंतरिक समुद्र (Bastion Area) माना जाता है।
- रूस की परमाणु पनडुब्बियाँ अक्सर इसी क्षेत्र में गश्त करती हैं।
- यह क्षेत्र रूस-जापान विवाद (कुरिल द्वीप समूह) के कारण संवेदनशील है।
- यह सागर आर्कटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ने वाली रूसी सैन्य रणनीति का हिस्सा है।
प्रमुख बंदरगाह
| देश/क्षेत्र | प्रमुख बंदरगाह | 
|---|---|
| रूस | ओखोट्स्क, मैगाडान, कोर्साकोव (सखालिन), पेट्रोपावलोव्स्क-कामचात्स्की | 
पर्यावरणीय चुनौतियाँ
- अत्यधिक मछली पकड़ना (Overfishing)
- तेल और गैस दोहन से प्रदूषण
- जलवायु परिवर्तन और बर्फ पिघलना
- समुद्री जीव-जंतुओं पर खतरे
निष्कर्ष
ओखोट्स्क सागर (Sea of Okhotsk) रूस का एक ऐसा समुद्री क्षेत्र है जो आर्थिक, सामरिक और पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सागर न केवल रूस के ऊर्जा संसाधनों और मत्स्य उद्योग का केंद्र है, बल्कि यह रूस की नौसैनिक रणनीति और एशिया-प्रशांत राजनीति में भी निर्णायक भूमिका निभाता है।
 
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