“केंद्र सूची (Union List)”
केंद्र सूची (Union List)
भारतीय संविधान में केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारों का विभाजन स्पष्ट रूप से किया गया है। यह विभाजन मुख्य रूप से अनुच्छेद 246 और सातवीं अनुसूची (Seventh Schedule) के अंतर्गत किया गया है। इस अनुसूची में तीन सूचियाँ बनाई गई हैं:
- केंद्र सूची (Union List)
- राज्य सूची (State List)
- समवर्ती सूची (Concurrent List)
इनमें से केंद्र सूची वह सूची है जिसमें केवल केंद्र सरकार को कानून बनाने का अधिकार दिया गया है।
केंद्र सूची की विशेषताएँ
1. केवल केंद्र का अधिकार
केंद्र सूची के विषयों पर केवल संसद कानून बना सकती है। राज्य विधानसभाओं को इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार नहीं है।
2. पूरे देश पर लागू
केंद्र द्वारा बनाए गए कानून पूरे देश में समान रूप से लागू होते हैं।
3. राष्ट्रीय महत्व के विषय
केंद्र सूची में वही विषय रखे गए हैं जिनका महत्व राष्ट्रीय स्तर पर है और जिन पर एक समान कानून बनाना आवश्यक है।
केंद्र सूची में प्रमुख विषय
भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अंतर्गत केंद्र सूची में लगभग 100 विषय (मूल रूप से 97) शामिल किए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
1. रक्षा और सुरक्षा
- राष्ट्रीय रक्षा और सशस्त्र बल
- परमाणु ऊर्जा और हथियार
- सीमाओं की सुरक्षा
- युद्ध और शांति से जुड़े विषय
2. विदेश मामले
- विदेश नीति
- अंतरराष्ट्रीय संधियाँ और समझौते
- कूटनीतिक और वाणिज्य दूतावास संबंध
3. मुद्रा और वित्तीय मामले
- भारतीय मुद्रा और रिज़र्व बैंक
- विदेशी मुद्रा
- राष्ट्रीय बैंकिंग और बीमा
- अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार
4. संचार और परिवहन
- डाक, तार और दूरसंचार
- अंतर्राज्यीय रेल मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग
- वायु मार्ग और हवाई अड्डे
- जल परिवहन और शिपिंग
5. नागरिकता और आप्रवासन
- भारतीय नागरिकता
- विदेशी नागरिकों का प्रवेश और निकास
- प्रवासी भारतीयों से जुड़े विषय
6. अन्य विषय
- जनगणना
- राष्ट्रीय पुस्तकालय और संग्रहालय
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)
- अंतर्राज्यीय संगठनों का गठन
केंद्र सूची का महत्व
राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करना
सुरक्षा और रक्षा की गारंटी
अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा
आर्थिक स्थिरता
मुद्रा, बैंकिंग और व्यापार से जुड़े विषय केंद्र सूची में होने से देश में आर्थिक संतुलन और विकास सुनिश्चित होता है।केंद्र सूची और राज्यों की भूमिका
यद्यपि केंद्र सूची के विषयों पर मुख्य अधिकार केंद्र का है, फिर भी राज्यों का योगदान अप्रत्यक्ष रूप से होता है। उदाहरण के लिए:
- राष्ट्रीय राजमार्गों का रखरखाव राज्यों की सहायता से होता है।
- कानून-व्यवस्था बनाए रखने में राज्यों का सहयोग आवश्यक है।
निष्कर्ष
केंद्र सूची (Union List) भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो भारत के संघीय ढाँचे में केंद्र सरकार की शक्ति और भूमिका को स्पष्ट करती है। इसमें वे सभी विषय शामिल हैं जो राष्ट्रीय महत्व के हैं और जिन पर पूरे देश में समान नीति और कानून की आवश्यकता होती है।
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