uppcs mains paper 2024 Hindi

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प्रश्न 1.    निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजीए।


            सही प्रकार का समाजीकरण होने पर समाज के सदस्य सामाजिक नियमों के अनुरूप व्यवहार करते हैं। यदि गलत समाजीकरण हो जाता है तो विपथगामी व्यवहार में वृद्धि होती है। इसलिए समाजीकरण के दायित्व से संबंधित जो व्यक्ति होते हैं उन पर सामाजिक नियंत्रण का बहुत बड़ा दायित्व होता है। बॉटोमोर के अनुसार शिक्षा बच्चे के प्रारम्भिक समाजीकरण का सबसे दृढ़ आधार है। शैक्षिक व्यवस्था नैतिक विचारों को स्पष्ट करके और अशांत व्यक्ति का बौद्धिक विकास करके सामाजिक नियमन में योगदान देती है। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को समाज की विभिन्न इकाइयों से परिचित करवाना है। शिक्षा का केवल सैद्धान्तिक महत्व ही नहीं, अपितु उसकी व्यावहारिक उपयोगिता भी है। सामाजिक नियंत्रण के अन्य साधन जहाँ व्यक्ति को दबावपूर्ण ढंग से सामाजिक नियमों को मानने के लिए बाध्य करते हैं, वहाँ शिक्षा उसे स्वतः आत्म विश्लेषण द्वारा अप्रभावात्मक ढंग से सामाजिक नियमों का पालन करने की प्रेरणा देती है। एक तो सामाजीकरण हमें करणीय व्यवहार की जानकारी करता है, दूसरे विपथगामी व्यवहार की निन्दा की भी हमसे अपेक्षा रखता है। अतः करणीय व्यवहार के बीच सन्तुलन रखकर समाजीकरण, जो शिक्षा का एक भाग है, समाज में सबसे बड़ी नियंत्रक शक्ति के रूप में कार्य करता है। समाजीकरण हमें आवश्यकता की अत्यन्त विषम स्थिति से बचाकर सामान्य रूप से सामाजिक क्रियाओं केे संचालन में सहायक होता है। परिणामस्वरूप सामाजिक नियंत्रण बना रहता है। शिक्षा का सामाजिक नियंत्रण से दूसरा महत्वपूर्ण कार्य हमारे जीवन में ज्ञान का विकास करना है। जब हममे ज्ञान का विकास होगा तब हम इस स्थिति में होंगे कि अच्छे बुरे, उचित-अनुचित की पहचान कर सकें। जब हम उचित को अनुचित से अलग कर लेंगे तब हम अनुचित व्यवहार को जीवन से हटा देंगे तथा उचित व्यवहार का प्रयोग करेंगे। उचित व्यवहार वही होगा जो सामाजिक मानदण्डों के अनुरूप है। अतः हम ज्ञान के विकास के साथ उचित व्यवहार को समझेंगे तथा उसका पालन करेंगे जिससे सामाजिक नियंत्रण स्वतः बना रहेगा। शिक्षा हमें तर्क प्रदान करती है तथा भावुक, अतार्किक एवं व्यक्तिपरक निर्णयों सेे मुक्त होने की प्रेरणा देती है। इसलिए हम देखतेे हैं कि एक अशिक्षित व्यक्ति आवेश में आकर कुछ भी अहित कर बैठता है, जबकि शिक्षित व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी धैर्यपूर्वक निर्णय लेकर अपने विवेक का परिचय देता है। संक्षेप में, शिक्षा व्यक्ति को आत्म नियंत्रण सिखाती है। चूंकि व्यक्ति समाज की इकाई है, अतः व्यक्ति के स्तर पर नियंत्रण रहने से सामाजिक नियंत्रण तो स्वतः हो जाता है।

(क)    उपरिलिखित गद्यांश का आशय अपने शब्दों में लिखिए।
(ख)    समाजीकरण के लिए सामाजिक नियंत्रण के अन्य साधन से शिक्षा क्यों भिन्न है
(ग)    गद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए।


पश्न 2.    सहयोग से ही जीवन है, स्पर्धा तो अन्ततः विनाश और मृत्यु की ओर ले जाती है। हम अपने साथ अन्य को भी ले, यदि वह पिछड़ जाता है तो उसकी मदद करें। यदि हम सभी परस्पर यह भाव अपनाते हैं तो हम एक दूसरे के संकट्र में साथी बनकर एक दूसरे को बचाएंगे और विकास के मार्ग पर एक दूसरे को प्रोत्साहित करेंगे। सहयोग की इस प्रक्रिया में ही जीवन सुरक्षित है। यदि हम अपना ही स्वार्थ सामने रखकर अन्य की टाँग खींचते हुए स्वयं को ही आगे बढाएंगे तो यह स्पर्धा होगी और यह स्पर्धा एक दूसरे के खिलाफ करते हुए आपस में लड़ने भिड़ने और अन्ततः एक दूसरे का विनाश करने का कारण बनेगी। प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध अपने अपने साम्राज्य, उपनिवेश तथा व्यापार को बढ़ाने के संघर्ष का परिणाम थे जिसमें व्यापकर नररंहार हुआ। वस्तुतः स्पर्धा मानव संस्कृति के लिए विनाश का मार्ग है। व्यक्तियों एवं राष्ट्रों के बीच आपसी सहयोग से ही मानव संस्कृति सुरक्षित है। वर्तमान मेे यह जो भूमण्डलीकरण और आर्थिक उदारीकरण का नारा है, वह विकसित देशों के आर्थिक साम्राज्य को बढ़ाने का नवीनतम अभियान है जिसमें विकसित देशों के आपसी हित भी टकरा रहे हैं तथा जिसमें नए विश्व संकट की आशंकाएं उभर रही है।

उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

(क)    गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ख)    स्पर्धा और सहयोग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
(ग)    गद्यांश का संक्षेपण (लगभग एक तिहाई शब्दों में ) कीजिए।

पश्न 3.(क)    उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक की ओर से क जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखिए, जिसमें सम्बद्ध जिले में आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए कठोर कार्यवाही करने का अनुदेश हो।

पश्न 3.(ख)    उप सचिव , गृह मंत्रालय , भारत सरकार की ओर से सभा राज्य सरकारों को परिपत्र लिखिए जिसमें प्रसुति पूर्व भ्रूण लिंग परीक्षण पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने का प्रावधान हो ताकि बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ अभियान सफल हो सकें।

प्रश्न 4.    निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए।

            सारयुक्त, सकाम, पुरस्कृत, पूर्वकालीन, उत्थान, समीप, ईश्वर, कृत्रिम, रोगी, ऊर्ध्वगामी।

प्रश्न 5.(क)    निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्गों का निर्देश कीजिए।

                    दुष्प्राप्य, अध्यात्म, अभ्युदय, स्वागत, प्रत्यक्ष ।

प्रश्न 5.(ख)    निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय को प्रथक कीजिए।

                    पावक, पाणिनीय, झाडू, शक्ति, बलिष्ठ

प्रश्न 6.    निम्नलिखित वाक्यांशों या पदबंध के लिए एक एक शब्द लिखिए।

        (ⅰ)    जो कहीं लौटकर आया है
        (ⅱ)    जो अपनी जन्मभूमि छोड़कर विदेश में वास करता हो
        (ⅲ)    जिसे करना बहुत कठिन हो
        (ⅳ)    जिस पर अभियोग लगाया गया हो
        (ⅴ)    जो अपनी पत्नी के साथ हो

प्रश्न 7. (क)    निम्नलिखित  वाक्यों को शुद्ध कीजिए।
        

        (ⅰ)    हमें अपने माता पिता की आज्ञानुसार चलना चाहिए।
        (ⅱ)    वह डरती डरती घर में घुसी।
        (ⅲ)    आज में हरी हरी मटर लाया हूंँ।
        (ⅳ)    उसने सारा दोष अपने सिर पर ले लिया।
        (ⅴ)    मनुष्य इसलिए परिश्रम करता है ताकि उसे अपना पेट पालना है।

प्रश्न 7. (ख)    निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए।

        एकत्रित, उत्तरदाई, निरपाधी, दुरावस्था, ग्रिहप्रवेश।

प्रश्न 8.    निम्नलिखित मुहावरोंय लोकोक्तियों का अर्थ लिखिए और उनका वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
    
        (ⅰ)      कोल्हू का बैल
        (ⅱ)     गूलर का फूल
        (ⅲ)    गंगा  नहाना
        (ⅳ)     घड़ों पानी पड़ना
        (ⅴ)      हाथ पीले कर देना
        (ⅴⅰ)     ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
        (ⅴⅱ)    काठ की हाँडी एक ही बार चढ़ती है
        (ⅴⅲ)   नक्कारखाने में तूती की आवाज कौन सुने
        (ⅸ)     रस्सी जल गई पर एैँठन न गई
        (ⅹ)      हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा हो



 

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