लोक निधि का उपयोग
(utilization of public funds)
उत्तरदायी शासन का मूलाधार
परिचय
लोक निधि (Public Funds) जनता द्वारा करों, शुल्कों, सेवाओं आदि के माध्यम से सरकार को दिए गए संसाधन होते हैं। इनका उद्देश्य समाज के समग्र विकास के लिए योजनाएं चलाना, बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना होता है। लोक निधि का प्रभावी, पारदर्शी और नैतिक उपयोग ही किसी शासन की विश्वसनीयता और उत्तरदायित्व का मापदंड होता है।
लोक निधि का स्रोत
लोक निधि अनेक स्रोतों से आती है, जैसे:
- प्रत्यक्ष कर: आयकर, कॉर्पोरेट टैक्स
- अप्रत्यक्ष कर: GST, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क
- गैर-कर राजस्व: लाभकारी सरकारी उपक्रमों से लाभ
- ऋण और उधार: आंतरिक व बाह्य ऋण
- राज्य एवं केंद्र अनुदान: विशेष योजनाओं हेतु
लोक निधि के प्रमुख उपयोग
1. बुनियादी ढांचा विकास
सड़कों, पुलों, रेलमार्गों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और स्मार्ट शहरों का निर्माण – ये सब लोक निधि से ही संभव होते हैं।
2. सामाजिक कल्याण योजनाएं
प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, उज्ज्वला योजना, मनरेगा आदि योजनाएं जन-कल्याण हेतु लोक निधि से चलाई जाती हैं।
3. शिक्षा और स्वास्थ्य
सरकारी विद्यालयों, उच्च शिक्षा संस्थानों, AIIMS, स्वास्थ्य उपकेंद्रों, टीकाकरण अभियान आदि के संचालन के लिए लोक निधि अत्यावश्यक है।
4. आपदा प्रबंधन और राहत
बाढ़, भूकंप, महामारी (जैसे COVID-19) जैसी स्थितियों में राहत एवं पुनर्वास हेतु सार्वजनिक धन का प्रयोग होता है।
5. सुरक्षा एवं प्रशासन
सेना, पुलिस, न्यायपालिका, सिविल सेवा, आपात सेवाएं – इन सभी की क्रियान्वयन में लोक निधि का योगदान अहम है।
लोक निधि के नैतिक उपयोग के सिद्धांत
सिद्धांत | विवरण |
---|---|
उत्तरदायित्व | निधियों के उपयोग के लिए हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करना |
पारदर्शिता | जनता को जानकारी देना कि निधि कहां और कैसे उपयोग हो रही है |
निष्पक्षता | निधियों का वितरण सभी वर्गों तक समान रूप से होना चाहिए |
समर्पण | निधि का उपयोग केवल जनहित के लिए होना चाहिए, निजी स्वार्थ से रहित |
कुशलता और प्रभावशीलता | निधि का न्यूनतम अपव्यय के साथ अधिकतम लाभ हेतु प्रयोग |
लोक निधि दुरुपयोग की समस्याएं
- भ्रष्टाचार और घोटाले (जैसे कोल घोटाला, 2G स्पेक्ट्रम घोटाला)
- घटिया निर्माण और अधूरी परियोजनाएं
- लाभार्थियों की सूची में हेराफेरी
- मकैनिकल खर्च बिना वास्तविक विकास के
लोक निधि की निगरानी के तंत्र
1. कैग (CAG – Comptroller and Auditor General)
यह संस्था सरकारी खातों और खर्चों का लेखा परीक्षण कर रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत करती है।
2. सार्वजनिक लेखा समिति (PAC)
संसद की यह समिति CAG की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित मंत्रालयों से जवाब मांगती है।
3. सामाजिक लेखा परीक्षा (Social Audit)
जनभागीदारी के माध्यम से योजनाओं का मूल्यांकन एवं निधि उपयोग की समीक्षा।
4. ई-गवर्नेंस और RTI
RTI अधिनियम और डिजिटल पोर्टलों से जनता निधि उपयोग पर जानकारी प्राप्त कर सकती है।
लोक निधि उपयोग में सुधार हेतु उपाय
समस्या | समाधान |
---|---|
धन का अपव्यय | आधारित बजटिंग एवं खर्च की नियमित समीक्षा |
भ्रष्टाचार | ई-प्रोक्योरमेंट, डिजिटल भुगतान प्रणाली, निगरानी तंत्र |
कम पारदर्शिता | जन सूचना पोर्टल्स, वार्षिक रिपोर्ट्स, सोशल ऑडिट |
नीति-कार्यान्वयन में अंतर | जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण, स्थानीय निकायों का सशक्तिकरण |
उदाहरण: लोक निधि के उत्कृष्ट उपयोग की मिसालें
- केरल की कुदुंबश्री योजना: महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु लोक निधि का प्रभावी और स्वच्छ उपयोग।
- आंध्र प्रदेश का RTGS सिस्टम: राज्य में सभी योजनाओं की निधि उपयोग की रियल-टाइम ट्रैकिंग।
- दिल्ली में मोहल्ला क्लिनिक: सीमित संसाधनों से व्यापक जनस्वास्थ्य सेवाएं।
निष्कर्ष
लोक निधि केवल सरकार का वित्तीय संसाधन नहीं, यह जनता की मेहनत और विश्वास का प्रतीक है। इसके प्रत्येक रुपये का उत्तरदायी और प्रभावशाली उपयोग ही वास्तविक लोकतंत्र और सुशासन की पहचान है। जब लोक निधि का प्रयोग योजनाबद्ध, पारदर्शी और नैतिक ढंग से होता है, तब ही समाज का समग्र और सतत विकास संभव हो पाता है।
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