Uttar Pradesh Official Language Raajbhasha

 


उत्तर प्रदेश की राजभाषा (Official Language of Uttar Pradesh)
उत्तर प्रदेश की राजभाषा हिन्दी है। यह राज्य शासन, प्रशासन, विधायिका और न्यायपालिका के कार्यों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख भाषा है।


📜 संवैधानिक एवं विधिक आधार

उत्तर प्रदेश की राजभाषा संबंधी व्यवस्था निम्नलिखित अधिनियमों और प्रावधानों के अंतर्गत आती है:

कानूनी प्रावधान विवरण
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 345 राज्य को अपनी राजभाषा निर्धारित करने का अधिकार देता है।
उत्तर प्रदेश राजभाषा अधिनियम, 1951 इस अधिनियम के तहत हिन्दी को राज्य की एकमात्र राजभाषा घोषित किया गया।
उत्तर प्रदेश राजभाषा (संशोधन) अधिनियम, 1989 इसमें उर्दू को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया।

🗣️ राज्य की प्रमुख भाषाएँ

भाषा स्थिति
हिन्दी प्रथम राजभाषा
उर्दू द्वितीय राजभाषा (1989 से)
अवधी, ब्रज, भोजपुरी, कन्नौजी, बघेली, बुंदेली क्षेत्रीय बोलियाँ (गैर-आधिकारिक, परंतु सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण)

🏛️ प्रशासन में उपयोग

  • सभी सरकारी पत्राचार, आदेश, परिपत्र, अधिसूचना आदि हिन्दी में होते हैं।

  • नागरिकों को अपनी बात हिन्दी में रखने का अधिकार है।

  • विधान सभा एवं विधान परिषद की कार्यवाही हिन्दी में होती है।

  • उर्दू को भी कुछ क्षेत्रों में दस्तावेज़ी कार्यों में प्रयोग में लाया जाता है, विशेषतः जहाँ उर्दू भाषी जनसंख्या अधिक है।


📚 शिक्षा एवं साहित्य में स्थिति

  • विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में हिन्दी प्रमुख भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है।

  • उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य की राजधानी माना जाता है – खासकर प्रयागराज, लखनऊ, बनारस और कानपुर में।

  • मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जैसे महान हिन्दी साहित्यकारों की भूमि है।


🕌 उर्दू का योगदान

  • उर्दू भाषा ने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है।

  • लखनऊ और रामपुर जैसे शहर उर्दू अदब (साहित्य), शायरी, और ग़ज़लों के लिए प्रसिद्ध हैं।


निष्कर्ष

हिन्दी उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक रीढ़ है, जबकि उर्दू को सांस्कृतिक विविधता और द्वितीय राजभाषा के रूप में महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। राज्य की क्षेत्रीय बोलियाँ भी यहाँ की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती हैं।


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