मानव विकास सूंचकांक 2025

 

 मानव विकास सूंचकांक 2025

(Human Development Index 2025)


Maanav Vikash Suchkank 2025



मानव विकास सूचकांक 2025 में भारत का स्थान 130 हो गया है जिसमें 193 देश शामिल हैं  स्रोत

📖 मानव विकास सूचकांक (HDI) की परिभाषा

मानव विकास सूचकांक (Human Development Index - HDI) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा विकसित एक संयुक्‍त सूचकांक है, जिसका उद्देश्य किसी देश की कुल सामाजिक-आर्थिक प्रगति को मापना है। यह सूचकांक किसी देश के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता का आकलन तीन प्रमुख आयामों के आधार पर करता है:

1️⃣ स्वास्थ्य – जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy)
2️⃣ शिक्षा – औसत व अपेक्षित स्कूली शिक्षा के वर्ष
3️⃣ आर्थिक स्थिति – प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI per Capita)

HDI का स्कोर 0 से 1 के बीच होता है। उच्च स्कोर बेहतर मानव विकास को दर्शाता है, जबकि कम स्कोर कमजोर विकास को दिखाता है। HDI किसी देश के लोगों के लंबे, स्वस्थ, शिक्षित और समृद्ध जीवन जीने के अवसरों का व्यापक मूल्यांकन करता है।


यहाँ मानव विकास सूचकांक (Human Development Index - HDI) के मुख्य आधार (बेसिस) भी शामिल कर दिए गए हैं, ताकि यह और भी स्पष्ट हो सके कि HDI कैसे तय किया जाता है:


📌 HDI के तीन मुख्य आधार

मानव विकास सूचकांक को तय करने के लिए तीन प्रमुख मानकों (Dimensions) को मापा जाता है:

1️⃣ स्वास्थ्य (Health)


इसे जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy at Birth) के आँकड़ों के माध्यम से मापा जाता है।
यह बताता है कि जन्म के समय कोई व्यक्ति कितने वर्षों तक जीवित रह सकता है।

    2️⃣ शिक्षा (Education)

    इसके दो हिस्से होते हैं:
    1. औसत स्कूली शिक्षा के वर्ष (Mean Years of Schooling): किसी देश में 25 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों ने औसतन कितने साल स्कूल में पढ़ाई की।
    2. अपेक्षित स्कूली शिक्षा के वर्ष (Expected Years of Schooling): 5 वर्ष की उम्र के बच्चे के लिए यह अनुमान कि वह कितने साल स्कूल में पढ़ाई करेगा।

    3️⃣ आर्थिक स्थिति (Standard of Living)

    • इसे प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI per Capita) के आधार पर मापा जाता है।
    • यह बताता है कि देश के नागरिकों की औसत आय क्या है, जिससे उनके जीवनस्तर का अंदाजा मिलता है।


      🌏 HDI का महत्व

      🔹 इन तीनों मानकों के आधार पर देशों को 0 से 1 के बीच के स्कोर पर रखा जाता है, जहाँ 1 सर्वश्रेष्ठ विकास और 0 न्यूनतम विकास को दर्शाता है।
      🔹 यही कारण है कि HDI केवल आय ही नहीं, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य को भी मानव विकास के लिए अहम मानता है।
      🔹 UNDP (United Nations Development Programme) हर साल HDI रिपोर्ट जारी करता है, जो देशों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति का महत्वपूर्ण सूचक होता है।


      ✅ भारत के लिए HDI के आधार पर निष्कर्ष

      • भारत ने हाल के वर्षों में जीवन प्रत्याशा और आय में सुधार किया है।
      • शिक्षा के क्षेत्र में भी औसत स्कूली शिक्षा और अपेक्षित शिक्षा वर्ष बढ़े हैं।
      • फिर भी असमानता और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की ज़रूरत बनी हुई है, ताकि HDI में और सुधार हो सके।


        यहाँ पिछले एक दशक में भारत की एचडीआई (मानव विकास सूचकांक) रैंकिंग 

        वर्षएचडीआई मानरैंक (लगभग 189–191 देशों में से)
        20100.578119
        20110.586134
        20120.594136
        20130.600135
        20140.609135
        20150.617130
        20160.624131
        20170.640131
        20180.647129
        20190.645131
        20200.633131
        20210.633132
        20220.633134
        20230.644134

        मुख्य बातें

        ✅ भारत का एचडीआई मान लगातार बढ़ा है – 2010 में 0.578 से बढ़कर 2023 में लगभग 0.644 तक पहुँचा।
        ✅ हालांकि एचडीआई में सुधार हुआ, भारत की रैंक 129 से 136 के बीच ही बनी रही, इसका मतलब दूसरे देश भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
        ✅ भारत अभी भी “मध्यम मानव विकास” श्रेणी में आता है (एचडीआई 0.550 से 0.699 के बीच)।
        ✅ भारत के एचडीआई को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं – जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर और प्रति व्यक्ति आय।


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