पीएम गति शक्ति योजना
भारत के विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला मास्टरप्लान 2025
रूपरेखा (Outline)
क्रमांक | शीर्षक (हेडिंग) | |
---|---|---|
1 | पीएम गति शक्ति योजना क्या है? | |
2 | गति शक्ति योजना का उद्देश्य | |
3 | इस योजना की मुख्य विशेषताएँ | |
4 | राष्ट्रीय अवसंरचना मास्टर प्लान (NMP) की भूमिका | |
5 | 7 इंजन ऑफ ग्रोथ – योजना के स्तंभ | |
6 | मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी का महत्व | |
7 | गति शक्ति योजना और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी | |
8 | डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और GIS आधारित योजना | |
9 | राज्यों और केंद्र का सहयोग | |
10 | गति शक्ति योजना का ग्रामीण भारत पर प्रभाव | |
11 | रोजगार और औद्योगिक विकास में योगदान | |
12 | गति शक्ति योजना और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान | |
13 | पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास | |
14 | चुनौतियाँ और समाधान | |
15 | गति शक्ति योजना से आम नागरिक को लाभ | |
16 | अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) | |
17 | निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम |
पीएम गति शक्ति योजना क्या है?
भारत सरकार ने पीएम गति शक्ति – राष्ट्रीय मास्टर प्लान (NMP) को 13 अक्टूबर 2021 को लॉन्च किया। इस योजना का मकसद है अवसंरचना परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करना, विभागों के बीच तालमेल बढ़ाना और निवेशकों के लिए भारत को आकर्षक बनाना।
सरकार का विज़न है कि भारत को 21वीं सदी की वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाया जाए। इसके लिए सड़क, रेल, हवाई अड्डा, बंदरगाह, बिजली और डिजिटल नेटवर्क को आपस में जोड़ा जा रहा है।
गति शक्ति योजना का उद्देश्य
पीएम गति शक्ति योजना के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- परियोजनाओं की देरी को कम करना – अक्सर विभागों के बीच समन्वय न होने से परियोजनाएँ वर्षों तक अधूरी रहती थीं।
- अवसंरचना का एकीकृत विकास – हर परियोजना को राष्ट्रीय दृष्टिकोण से जोड़ना।
- लॉजिस्टिक्स लागत घटाना – भारत में लॉजिस्टिक्स लागत जीडीपी का लगभग 13-14% है, जबकि विकसित देशों में यह 8% के करीब है।
- रोज़गार सृजन – नई परियोजनाओं से लाखों नौकरियाँ पैदा होंगी।
- निवेश आकर्षित करना – आसान प्रक्रियाओं और मजबूत अवसंरचना से विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
इस योजना की मुख्य विशेषताएँ
- GIS आधारित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म – सभी मंत्रालय और राज्य एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर आकर परियोजनाओं की निगरानी करेंगे।
- 7 इंजन ऑफ ग्रोथ – रेल, सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डा, मास ट्रांजिट, बिजली और लॉजिस्टिक्स।
- इंटर-कनेक्टिविटी – सभी परिवहन नेटवर्क को जोड़कर माल और यात्रियों की आवाजाही को तेज करना।
- निजी निवेश को प्रोत्साहन – PPP मॉडल के जरिए निजी कंपनियों की भागीदारी।
- सतत विकास पर जोर – हरित ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय अवसंरचना मास्टर प्लान (NMP) की भूमिका
एनएमपी पीएम गति शक्ति योजना की रीढ़ है। इसके तहत:
- 100 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाएँ चिन्हित की गई हैं।
- 2024-25 तक प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है।
- मंत्रालयों के बीच सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू किया गया है।
अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक साइट देखें
7 इंजन ऑफ ग्रोथ – योजना के स्तंभ
- रेलवे – माल ढुलाई कॉरिडोर और हाई-स्पीड ट्रेन।
- सड़क – नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे।
- पोर्ट्स और शिपिंग – समुद्री व्यापार को बढ़ावा।
- एयरपोर्ट्स – क्षेत्रीय हवाई अड्डों का विकास।
- मास ट्रांजिट – मेट्रो और स्मार्ट बस सिस्टम।
- ऊर्जा – हरित ऊर्जा और बिजली आपूर्ति।
- लॉजिस्टिक्स – मल्टी-मॉडल पार्क और वेयरहाउस।
मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी का महत्व
माल ढुलाई को तेज और सस्ता बनाने के लिए सड़क, रेल, हवाई और जल मार्ग का संयुक्त उपयोग होगा। इससे:
- ट्रांसपोर्ट लागत घटेगी।
- सप्लाई चेन मजबूत होगी।
- निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
गति शक्ति योजना और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी
भारत की लॉजिस्टिक्स लागत जीडीपी का 13-14% है। गति शक्ति योजना का लक्ष्य इसे 8% तक लाना है।
यह सीधे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा और मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करेगा।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और GIS आधारित योजना
- सभी मंत्रालय एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी परियोजनाएँ अपलोड करेंगे।
- टकराव और देरी कम होगी।
- रियल-टाइम मॉनिटरिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी।
राज्यों और केंद्र का सहयोग
गति शक्ति योजना में राज्यों की भूमिका अहम है। केंद्र और राज्य मिलकर अवसंरचना परियोजनाएँ पूरी करेंगे।
इससे फेडरल कोऑपरेशन और विकास की समानता सुनिश्चित होगी।
गति शक्ति योजना का ग्रामीण भारत पर प्रभाव
- गाँवों तक सड़क और इंटरनेट पहुँच।
- किसानों को फसल बाजार तक आसानी से पहुँचाने में मदद।
- ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर।
रोजगार और औद्योगिक विकास में योगदान
- नई फैक्ट्रियों और वेयरहाउस का निर्माण।
- निर्माण क्षेत्र में लाखों नौकरियाँ।
- MSME को बढ़ावा।
गति शक्ति योजना और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान
गति शक्ति योजना से निर्माण उद्योग को सीधा लाभ होगा।
कम लॉजिस्टिक्स लागत और बेहतर अवसंरचना से भारत वैश्विक विनिर्माण हब बन सकेगा।
पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास
- ग्रीन एनर्जी परियोजनाएँ।
- इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग नेटवर्क।
- प्रदूषण कम करने पर फोकस।
चुनौतियाँ और समाधान
- जमीन अधिग्रहण – समाधान: तेज़ मुआवज़ा प्रक्रिया।
- राज्यों के बीच समन्वय – समाधान: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म।
- वित्तीय संसाधन – समाधान: PPP मॉडल और विदेशी निवेश।
गति शक्ति योजना से आम नागरिक को लाभ
- यात्रा समय की बचत।
- रोज़गार के अवसर।
- सस्ती वस्तुएँ और सेवाएँ।
- बेहतर जीवन स्तर।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. पीएम गति शक्ति योजना कब शुरू हुई?
यह योजना 13 अक्टूबर 2021 को शुरू की गई।
2. इसका मुख्य उद्देश्य क्या है?
अवसंरचना विकास को गति देना और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना।
3. इस योजना से किसे सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा?
उद्योग, किसान, व्यापारी और आम नागरिक सभी को लाभ होगा।
4. क्या इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी है?
हाँ, PPP मॉडल के तहत निजी निवेशकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
5. क्या यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल करती है?
हाँ, ग्रामीण सड़कों, इंटरनेट और बाजार पहुँच को प्राथमिकता दी गई है।
6. लॉजिस्टिक्स लागत कम होने से आम जनता को क्या लाभ होगा?
सस्ती वस्तुएँ और तेज़ डिलीवरी सेवाएँ मिलेंगी।
निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
पीएम गति शक्ति योजना भारत को एक आधुनिक, कुशल और टिकाऊ अवसंरचना नेटवर्क प्रदान करेगी।
यह न सिर्फ़ आर्थिक विकास को तेज़ करेगी बल्कि रोज़गार, निवेश और सामाजिक विकास का नया युग लाएगी।
भारत का सपना है कि वह विश्व की आर्थिक महाशक्ति बने, और गति शक्ति योजना इस सपने को साकार करने का सशक्त माध्यम है।
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