G20 शिखर सम्मेलन 2025

🌍 G20 Summit 2025

G20 Summit 2025

जोहान्सबर्ग में एक वैश्विक मोड़


    G20 Summit 2025 का परिचय

    G20 Summit 2025 जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुआ। यह सम्मेलन पहली बार अफ्रीकी महाद्वीप पर हुआ, इसलिए इसे ऐतिहासिक माना गया। इसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। सभी प्रमुख राष्ट्रों ने सहभागिता निभाई।

    G20 Summit 2025, यानी 20वां G20 लीडर्स’ समिट, 22-23 नवंबर को जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया। 

    यह G20 शिखर सम्मेलन पहली बार अफ्रीकी महाद्वीप पर आयोजित हुआ। 
    सम्मेलन का मुख्य नाम “Solidarity, Equality, Sustainability” (“एकता, समानता, स्थिरता”) है। 
    दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा इस समिट के अध्यक्ष हैं। 


    इतिहास और पृष्ठभूमि

    G20 की शुरुआत 1999 में वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सहयोग के उद्देश्य से की गई थी। यह दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। 2025 का समिट 20वां संस्करण था, जिसमें पहले से अधिक व्यापक सामाजिक और तकनीकी मुद्दों को शामिल किया गया, विशेषकर ग्लोबल साउथ की चिंताओं को।
    • G20 (Group of Twenty) प्रमुख अग्रणी और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का मंच है, जिसका उद्देश्य वैश्विक आर्थिक सहयोग और नीति-निर्माण को बढ़ावा देना है।
    • 2025 में यह 20वां लीडर्स’ समिट है, और यह अफ्रीका में पहली बार आयोजित हो रहा है। 
    • दक्षिण अफ्रीका की G20 अध्यक्षता (2024-2025) ने “वैश्विक दक्षिण” देशों की आवाज़ को और केंद्र में लाने की उम्मीद जगाई। 


    सम्मेलन का मेजबान देश और महत्व

    दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी अफ्रीका की बढ़ती वैश्विक भूमिका को दर्शाती है। जोहान्सबर्ग में हुआ यह समिट अफ्रीका की विकास चुनौतियों, आर्थिक अवसरों और सामाजिक असमानताओं पर दुनिया का ध्यान केंद्रित करने का महत्वपूर्ण मंच बना। इससे अफ्रीकी देशों की भागीदारी और आवाज़ को मजबूती मिली।
    • जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में यह सम्मेलन हुआ, जो आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण शहर है। 
    • दक्षिण अफ्रीका का G20 की अध्यक्षता लेना इस बात का प्रतीक है कि G20 अधिक समावेशी और विविधता-उन्मुख मंच बनना चाहता है।
    • यह समिट अफ्रीका की विकास चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है।


    प्रमुख विषय / एजेंडा

    G20 2025 का एजेंडा विविध रहा, जिसमें जलवायु वित्त, डिजिटल शासन, आर्थिक न्याय, वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और सतत विकास मुख्य विषय थे। इसमें तेज़ी से बदलती विश्व अर्थव्यवस्था के अनुरूप नई नीतियों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा तय की गई, जो आने वाले वर्षों को प्रभावित करेगी।

    2025 के G20 समिट में कई बड़े विषय प्रमुखता से उठाए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

    • आर्थिक असमानता और विकास मॉडल में पुनरविचार। 
    • जलवायु वित्त और हरित संक्रमण (Green Transition)। 
    • डिजिटल अर्थव्यवस्था, AI नियमन और डेटा शासन। 
    • स्वास्थ्य सुरक्षा, महामारी तैयारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियाँ। 
    • सुधारित वैश्विक आर्थिक शासन और G20 की भूमिका। 


    डिजिटल और AI शासन

    इस वर्ष डिजिटल परिवर्तन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सबसे प्रमुख मुद्दे रहे। नैतिक AI, डेटा सुरक्षा, डिजिटल असमानता और साइबर सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा हुई। देशों ने मिलकर वैश्विक डिजिटल नीति ढांचा विकसित करने की दिशा में नए कदम बढ़ाए, ताकि तकनीक सभी के लिए सुरक्षित और समान रूप से उपलब्ध हो।
    • G20 2025 में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और डेटा नीति पर जोर दिया गया है — नैतिक AI, डेटा गोपनीयता और डिजिटल विभाजन जैसी चुनौतियाँ बैठक में चर्चा की गईं। 
    • डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने का लक्ष्य है — वैश्विक डिजिटल कौशल, कनेक्टिविटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना। 
    • कुछ अपेक्षित पहलें हैं जैसे डिजिटल कॉम्पैक्ट, जो विभिन्न देशों के बीच डिजिटल सहयोग को बढ़ावा दे सकती है। 


    जलवायु और हरित विकास पहलें

    G20 Summit 2025 में जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए हरित ऊर्जा, कार्बन उत्सर्जन में कमी और नवीकरणीय संसाधनों के विकास पर जोर दिया गया। एक बड़ा ग्रीन ट्रांज़िशन सहयोग प्रस्तावित हुआ, जिससे गरीब और विकासशील देशों को जलवायु वित्त प्राप्त करने में सहायता मिलने की उम्मीद है।
    • एक बड़ी ग्रीन ट्रांज़िशन फंड की घोषणा की गयी है, जो नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन, हाइड्रोजन) में निवेश करने के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं को सहायता देगा। 
    • G20 ने समाजिक रूप से समावेशी जलवायु कार्रवाई पर जोर दिया है — पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं में बदलाव को सामाजिक सुरक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से आसान बनाना। 
    • प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, जैव विविधता और टिकाऊ विकास लक्ष्य (SDGs) को G20 एजेंडा में उच्च प्राथमिकता मिली है।


    वैश्विक दक्षिण (Global South) का सशक्तिकरण

    इस समिट का मुख्य केंद्र ग्लोबल साउथ को अधिक प्रतिनिधित्व और आर्थिक समर्थन देना रहा। अफ्रीकी देशों की चुनौतियों, युवा विकास, डिजिटल कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा सुधार पर विशेष ध्यान दिया गया। दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता ने इन मुद्दों को वैश्विक निर्णय प्रक्रिया में प्रमुखता दिलाई।
    • जैसा कि दक्षिण अफ्रीका G20 की मेज़बानी कर रहा है, Global South देशों (विशेषकर अफ्रीका) को विकास मंच पर अधिक आवाज़ दी गई है। 
    • एजेंडा में अफ्रीका-केंद्रित आर्थिक विकास, अवसंरचना, डिजिटल वित्तीय समावेशन और युवाओं / महिलाओं का सशक्तिकरण प्रमुख बिंदु हैं।
    • इस समिट के माध्यम से G20 उम्मीद कर रहा है कि ग्लोबल साउथ के देशों की भागीदारी बढ़े और वे वैश्विक नीतिगत फैसलों में अधिक शामिल हों।


    आर्थिक न्याय और कर्ज पुनर्गठन

    कई विकासशील देश गंभीर कर्ज संकट से जूझ रहे हैं। G20 2025 में पारदर्शी कर्ज संरचना, राहत योजनाओं और आर्थिक न्याय पर चर्चा हुई। इसका उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाना और गरीब देशों को विकास के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे आर्थिक असमानता से उभर सकें।
    • G20 देशों ने विकासशील देशों में कर्ज पुनर्गठन (debt restructuring) की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि वे आर्थिक दबाव से उबर सकें। 
    • वैश्विक आर्थिक प्रणाली में सुधार की मांग की गई है ताकि विकासशील देशों को अधिक वित्तीय सहायता और निवेश मिल सके।
    • G20 में टैक्स सुधार, सुपर-रिच टैक्स और वित्तीय पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई है।


    स्वास्थ्य सुरक्षा और महामारी तैयारी

    COVID-19 के बाद, स्वास्थ्य सुरक्षा फिर से वैश्विक प्राथमिकता बनी। समिट में महामारी तैयारी, स्वास्थ्य अवसंरचना, समान वैक्सीन पहुंच और आपातकालीन सहयोग तंत्र पर विचार हुआ। देशों ने साथ मिलकर एक मजबूत वैश्विक स्वास्थ्य नेटवर्क बनाने की आवश्यकता स्वीकार की।
    • COVID-19 के बाद, G20 ने स्वास्थ्य प्रणालियों की मजबूती और तैयारी बढ़ाने पर मजबूत सहमति बनाई है। 
    • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, महामारी प्रतिक्रिया टीमों की स्थापना और समान वैक्सीन पहुंच जैसे प्रस्तावों पर विचार हुआ है। 
    • स्वास्थ्य आपात स्थितियों में बेहतर आर्थिक/राजनीतिक समर्थन देने के लिए G20 देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।


    राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दे

    वैश्विक शांति और स्थिरता G20 का महत्वपूर्ण विषय रहा। आतंकवाद, क्षेत्रीय संघर्ष और साइबर खतरों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। राजनीतिक तनावों के बावजूद, समिट ने संवाद और कूटनीति के महत्व को रेखांकित किया, ताकि आर्थिक प्रगति बाधित न हो।
    • G20 समिट में आतंकवाद, सुरक्षा चुनौतियों और वैश्विक शांति-संवाद पर भी ध्यान दिया गया था। हालाँकि, सार्वजनिक रिपोर्टों में इनमें से किसी बहुत बड़े नए समझौते का ज़िक्र सीमित है।
    • व्यापार और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भूराजनीतिक स्थिरता को प्राथमिकता दी गई है, ताकि वैश्विक आर्थिक विकास को सुरक्षा संकटों से न रोका जा सके।
    • राष्ट्र-निरपेक्ष तनाव (जैसे क्षेत्रीय संघर्ष, ऊर्जा सुरक्षा) को देखते हुए G20 एक प्लेटफॉर्म के रूप में राजनीतिक डायलॉग बनाए रखने में सहायक हो सकता है।


    भारत की भूमिका और भागीदारी

    भारत ने समिट में सक्रिय और रचनात्मक भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने आर्थिक विकास मॉडल, स्वास्थ्य तैयारी, डिजिटल समावेशन और पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देने पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। भारत ने अफ्रीका के कौशल विकास के लिए “Skill Multiplier Program” भी प्रस्तावित किया, जिससे सहयोग मजबूत होगा।
    • भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 2025 में भाग लिया और उन्होंने आर्थिक विकास, स्वास्थ्य और पारंपरिक ज्ञान कोष जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखे। 
    • मोदी ने G20 ग्लोबल हेल्थ रिस्पांस टीम प्रस्तावित किया है, ताकि स्वास्थ्य आपात स्थितियों में तेजी से समन्वय किया जा सके। 
    • भारत ने “वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष” की बात की — यह पहल विकासशील देशों के पारंपरिक और स्थानीय ज्ञान को वैश्विक विकास मॉडल में शामिल करने का इरादा रखती है। 
    • मोदी और अन्य नेताओं ने द्विपक्षीय मुलाकातों में रक्षा, व्यापार और खनिज संसाधन सहयोग पर भी बातचीत की। 

    विरोध और विवाद — यूएस का बहिष्कार

    2025 के समिट में सबसे बड़ी घटना रही अमेरिका का बहिष्कार। ट्रम्प प्रशासन ने दक्षिण अफ्रीका के मानवाधिकार मुद्दों का हवाला देते हुए G20 में हिस्सा नहीं लिया। इससे राजनीतिक तनाव बढ़ा और वैश्विक सहयोग की एकता पर सवाल उठे, हालांकि अन्य देशों ने समिट को सफल बनाया।
    • इस समिट में यूएस अधिकारियों ने भाग लेने से इनकार किया। डोनाल्ड ट्रम्प ने कथित मानव अधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए G20 समिट का बहिष्कार किया था। 
    • ट्रम्प ने आरोप लगाए कि दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीकर किसानों पर "भेदभाव" हो रहा है, जिसने बहुपक्षीय सहयोग में एक बड़ी बाधा खड़ी की। 
    • यह बहिष्कार G20 मंच की एकता और इसकी महत्वाकांक्षाओं के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करता है, खासकर उन पहलों के लिए जो समावेशी विकास और ग्लोबल साउथ को बढ़ावा देती हैं।


    सोशल समिट के परिणाम

    G20 Social Summit में सामाजिक असमानता, लैंगिक न्याय, युवाओं के अवसर, श्रमिक अधिकार और समावेशी विकास पर चर्चा हुई। इसकी घोषणा में स्पष्ट किया गया कि आर्थिक प्रगति तभी सार्थक है जब समाज के सभी वर्गों को समान अवसर और सुरक्षा मिले।
    • इसी G20 चक्र में सोशल समिट (G20 Social Summit) भी हुआ, जो 18-20 नवंबर 2025 को आयोजित किया गया था। 
    • इसमें असमानता, सामाजिक समावेशन, लैंगिक न्याय और भविष्य-की-कार्यस्थल जैसी विषयों पर जोर दिया गया।
    • G20 Social Summit Declaration जारी की गई है, जिसमें सामाजिक विकास और समावेशन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई गई है। 


    अपेक्षित घोषणाएँ और समझौते

    समिट से कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ सामने आईं—ग्रीन ट्रांज़िशन फंड, डिजिटल सहयोग ढांचा, स्वास्थ्य प्रतिक्रिया टीम और आर्थिक सुधार एजेंडा। ये पहलें आने वाले वर्षों में वैश्विक विकास को दिशा दे सकती हैं, बशर्ते सभी देश मिलकर इन्हें प्रभावी रूप से लागू करें।
    • ग्रीन ट्रांज़िशन फंड: नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बड़े निवेश का वादा। 
    • AI और डिजिटल कॉम्पैक्ट: देश-देश के बीच डेटा नीति और AI नैतिकता पर सहयोग। 
    • ग्लोबल स्वास्थ्य प्रतिक्रिया टीम: स्वास्थ्य आपातकालीन स्थितियों के सामूहिक समाधान की दिशा में पहला कदम। 
    • कर्ज़ पुनर्गठन / आर्थिक न्याय पहलें: विकासशील देशों की वित्तीय स्थिरता के लिए साझा योजनाएँ। 

    निष्कर्ष और भविष्य की दिशा

    G20 Summit 2025 एक ऐतिहासिक मोड़ है — यह पहला G20 है जो अफ्रीका में हुआ और जिसने वैश्विक दक्षिण की महत्वता को पूरी तरह केंद्र में रखा। सम्मेलन ने “एकता, समानता, स्थिरता” की थीम के तहत महत्वाकांक्षी एजेंडे उठाए:

    • जलवायु वित्त और हरित ऊर्जा में निवेश

    • डिजिटल भविष्य और AI शासन

    • स्वास्थ्य आपात स्थिति तैयारी

    • आर्थिक न्याय और कर्ज पुनर्गठन

    हालाँकि यूएस के बहिष्कार जैसे विवाद भी सामने आए, लेकिन G20 2025 ने यह संदेश दिया कि वैश्विक चुनौतियों (क्लाइमेट चेंज, असमानता, डिजिटल विभाजन) का सामना सहयोग और नैतिक नेतृत्व के साथ किया जाना चाहिए।

    भविष्य में, इस समिट से उत्पन्न पहलों (जैसे ग्रीन फंड, डिजिटल कॉम्पैक्ट और स्वास्थ्य टीम) को अमल में लाना ही G20 की सच्ची सफलता होगी। अगर यह कामयाब होता है, तो यह केवल G20 का ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का लाभ होगा — और विशेष रूप से वे देश जो अक्सर विकास की दौड़ में पिछड़ जाते हैं।

    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    Q1. G20 Summit 2025 कब और कहाँ हुआ?
    A1. यह 22-23 नवंबर 2025 को जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में हुआ। 

    Q2. G20 2025 की थीम क्या थी?
    A2. “Solidarity, Equality, Sustainability” (एकता, समानता, स्थिरता) थी।

    Q3. किन बड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई?
    A3. आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल AI शासन, स्वास्थ्य सुरक्षा और विकास-वित्तीय सुधार।

    Q4. भारत ने इस शिखर सम्मेलन में क्या प्रस्ताव पेश किया?
    A4. भारत ने वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष प्रस्तावित किया, G20 ग्लोबल हेल्थ रिस्पांस टीम की मांग उठाई, और आर्थिक विकास मॉडल पर नए विचार प्रस्तुत किए।

    Q5. क्या कोई देश इस सम्मेलन का बहिष्कार किया?
    A5. हाँ, यूएस (United States) ने डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के तहत समिट को बहिष्कृत किया था। 

    Q6. G20 Social Summit क्या था?
    A6. यह G20 समिट का एक सह-मंच था (18-20 नवम्बर 2025) जहाँ सामाजिक समावेशन, असमानता और लैंगिक न्याय जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई

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