🌍 G20 Summit 2025
जोहान्सबर्ग में एक वैश्विक मोड़
G20 Summit 2025 का परिचय
G20 Summit 2025, यानी 20वां G20 लीडर्स’ समिट, 22-23 नवंबर को जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया।
इतिहास और पृष्ठभूमि
- G20 (Group of Twenty) प्रमुख अग्रणी और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का मंच है, जिसका उद्देश्य वैश्विक आर्थिक सहयोग और नीति-निर्माण को बढ़ावा देना है।
- 2025 में यह 20वां लीडर्स’ समिट है, और यह अफ्रीका में पहली बार आयोजित हो रहा है।
- दक्षिण अफ्रीका की G20 अध्यक्षता (2024-2025) ने “वैश्विक दक्षिण” देशों की आवाज़ को और केंद्र में लाने की उम्मीद जगाई।
सम्मेलन का मेजबान देश और महत्व
- जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में यह सम्मेलन हुआ, जो आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण शहर है।
- दक्षिण अफ्रीका का G20 की अध्यक्षता लेना इस बात का प्रतीक है कि G20 अधिक समावेशी और विविधता-उन्मुख मंच बनना चाहता है।
- यह समिट अफ्रीका की विकास चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है।
प्रमुख विषय / एजेंडा
2025 के G20 समिट में कई बड़े विषय प्रमुखता से उठाए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आर्थिक असमानता और विकास मॉडल में पुनरविचार।
- जलवायु वित्त और हरित संक्रमण (Green Transition)।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था, AI नियमन और डेटा शासन।
- स्वास्थ्य सुरक्षा, महामारी तैयारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियाँ।
- सुधारित वैश्विक आर्थिक शासन और G20 की भूमिका।
डिजिटल और AI शासन
- G20 2025 में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और डेटा नीति पर जोर दिया गया है — नैतिक AI, डेटा गोपनीयता और डिजिटल विभाजन जैसी चुनौतियाँ बैठक में चर्चा की गईं।
- डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने का लक्ष्य है — वैश्विक डिजिटल कौशल, कनेक्टिविटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना।
- कुछ अपेक्षित पहलें हैं जैसे डिजिटल कॉम्पैक्ट, जो विभिन्न देशों के बीच डिजिटल सहयोग को बढ़ावा दे सकती है।
जलवायु और हरित विकास पहलें
- एक बड़ी ग्रीन ट्रांज़िशन फंड की घोषणा की गयी है, जो नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन, हाइड्रोजन) में निवेश करने के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं को सहायता देगा।
- G20 ने समाजिक रूप से समावेशी जलवायु कार्रवाई पर जोर दिया है — पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं में बदलाव को सामाजिक सुरक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से आसान बनाना।
- प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, जैव विविधता और टिकाऊ विकास लक्ष्य (SDGs) को G20 एजेंडा में उच्च प्राथमिकता मिली है।
वैश्विक दक्षिण (Global South) का सशक्तिकरण
- जैसा कि दक्षिण अफ्रीका G20 की मेज़बानी कर रहा है, Global South देशों (विशेषकर अफ्रीका) को विकास मंच पर अधिक आवाज़ दी गई है।
- एजेंडा में अफ्रीका-केंद्रित आर्थिक विकास, अवसंरचना, डिजिटल वित्तीय समावेशन और युवाओं / महिलाओं का सशक्तिकरण प्रमुख बिंदु हैं।
- इस समिट के माध्यम से G20 उम्मीद कर रहा है कि ग्लोबल साउथ के देशों की भागीदारी बढ़े और वे वैश्विक नीतिगत फैसलों में अधिक शामिल हों।
आर्थिक न्याय और कर्ज पुनर्गठन
- G20 देशों ने विकासशील देशों में कर्ज पुनर्गठन (debt restructuring) की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि वे आर्थिक दबाव से उबर सकें।
- वैश्विक आर्थिक प्रणाली में सुधार की मांग की गई है ताकि विकासशील देशों को अधिक वित्तीय सहायता और निवेश मिल सके।
- G20 में टैक्स सुधार, सुपर-रिच टैक्स और वित्तीय पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई है।
स्वास्थ्य सुरक्षा और महामारी तैयारी
- COVID-19 के बाद, G20 ने स्वास्थ्य प्रणालियों की मजबूती और तैयारी बढ़ाने पर मजबूत सहमति बनाई है।
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, महामारी प्रतिक्रिया टीमों की स्थापना और समान वैक्सीन पहुंच जैसे प्रस्तावों पर विचार हुआ है।
- स्वास्थ्य आपात स्थितियों में बेहतर आर्थिक/राजनीतिक समर्थन देने के लिए G20 देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दे
- G20 समिट में आतंकवाद, सुरक्षा चुनौतियों और वैश्विक शांति-संवाद पर भी ध्यान दिया गया था। हालाँकि, सार्वजनिक रिपोर्टों में इनमें से किसी बहुत बड़े नए समझौते का ज़िक्र सीमित है।
- व्यापार और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भूराजनीतिक स्थिरता को प्राथमिकता दी गई है, ताकि वैश्विक आर्थिक विकास को सुरक्षा संकटों से न रोका जा सके।
- राष्ट्र-निरपेक्ष तनाव (जैसे क्षेत्रीय संघर्ष, ऊर्जा सुरक्षा) को देखते हुए G20 एक प्लेटफॉर्म के रूप में राजनीतिक डायलॉग बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
भारत की भूमिका और भागीदारी
- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G20 2025 में भाग लिया और उन्होंने आर्थिक विकास, स्वास्थ्य और पारंपरिक ज्ञान कोष जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखे।
- मोदी ने G20 ग्लोबल हेल्थ रिस्पांस टीम प्रस्तावित किया है, ताकि स्वास्थ्य आपात स्थितियों में तेजी से समन्वय किया जा सके।
- भारत ने “वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष” की बात की — यह पहल विकासशील देशों के पारंपरिक और स्थानीय ज्ञान को वैश्विक विकास मॉडल में शामिल करने का इरादा रखती है।
- मोदी और अन्य नेताओं ने द्विपक्षीय मुलाकातों में रक्षा, व्यापार और खनिज संसाधन सहयोग पर भी बातचीत की।
विरोध और विवाद — यूएस का बहिष्कार
- इस समिट में यूएस अधिकारियों ने भाग लेने से इनकार किया। डोनाल्ड ट्रम्प ने कथित मानव अधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए G20 समिट का बहिष्कार किया था।
- ट्रम्प ने आरोप लगाए कि दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीकर किसानों पर "भेदभाव" हो रहा है, जिसने बहुपक्षीय सहयोग में एक बड़ी बाधा खड़ी की।
- यह बहिष्कार G20 मंच की एकता और इसकी महत्वाकांक्षाओं के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करता है, खासकर उन पहलों के लिए जो समावेशी विकास और ग्लोबल साउथ को बढ़ावा देती हैं।
सोशल समिट के परिणाम
- इसी G20 चक्र में सोशल समिट (G20 Social Summit) भी हुआ, जो 18-20 नवंबर 2025 को आयोजित किया गया था।
- इसमें असमानता, सामाजिक समावेशन, लैंगिक न्याय और भविष्य-की-कार्यस्थल जैसी विषयों पर जोर दिया गया।
- G20 Social Summit Declaration जारी की गई है, जिसमें सामाजिक विकास और समावेशन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई गई है।
अपेक्षित घोषणाएँ और समझौते
- ग्रीन ट्रांज़िशन फंड: नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बड़े निवेश का वादा।
- AI और डिजिटल कॉम्पैक्ट: देश-देश के बीच डेटा नीति और AI नैतिकता पर सहयोग।
- ग्लोबल स्वास्थ्य प्रतिक्रिया टीम: स्वास्थ्य आपातकालीन स्थितियों के सामूहिक समाधान की दिशा में पहला कदम।
- कर्ज़ पुनर्गठन / आर्थिक न्याय पहलें: विकासशील देशों की वित्तीय स्थिरता के लिए साझा योजनाएँ।
निष्कर्ष और भविष्य की दिशा
G20 Summit 2025 एक ऐतिहासिक मोड़ है — यह पहला G20 है जो अफ्रीका में हुआ और जिसने वैश्विक दक्षिण की महत्वता को पूरी तरह केंद्र में रखा। सम्मेलन ने “एकता, समानता, स्थिरता” की थीम के तहत महत्वाकांक्षी एजेंडे उठाए:
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जलवायु वित्त और हरित ऊर्जा में निवेश
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डिजिटल भविष्य और AI शासन
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स्वास्थ्य आपात स्थिति तैयारी
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आर्थिक न्याय और कर्ज पुनर्गठन
हालाँकि यूएस के बहिष्कार जैसे विवाद भी सामने आए, लेकिन G20 2025 ने यह संदेश दिया कि वैश्विक चुनौतियों (क्लाइमेट चेंज, असमानता, डिजिटल विभाजन) का सामना सहयोग और नैतिक नेतृत्व के साथ किया जाना चाहिए।
भविष्य में, इस समिट से उत्पन्न पहलों (जैसे ग्रीन फंड, डिजिटल कॉम्पैक्ट और स्वास्थ्य टीम) को अमल में लाना ही G20 की सच्ची सफलता होगी। अगर यह कामयाब होता है, तो यह केवल G20 का ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का लाभ होगा — और विशेष रूप से वे देश जो अक्सर विकास की दौड़ में पिछड़ जाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. G20 Summit 2025 कब और कहाँ हुआ?
A1. यह 22-23 नवंबर 2025 को जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में हुआ।
Q2. G20 2025 की थीम क्या थी?
A2. “Solidarity, Equality, Sustainability” (एकता, समानता, स्थिरता) थी।
Q3. किन बड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई?
A3. आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल AI शासन, स्वास्थ्य सुरक्षा और विकास-वित्तीय सुधार।
Q4. भारत ने इस शिखर सम्मेलन में क्या प्रस्ताव पेश किया?
A4. भारत ने वैश्विक पारंपरिक ज्ञान कोष प्रस्तावित किया, G20 ग्लोबल हेल्थ रिस्पांस टीम की मांग उठाई, और आर्थिक विकास मॉडल पर नए विचार प्रस्तुत किए।
Q5. क्या कोई देश इस सम्मेलन का बहिष्कार किया?
A5. हाँ, यूएस (United States) ने डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के तहत समिट को बहिष्कृत किया था।
Q6. G20 Social Summit क्या था?
A6. यह G20 समिट का एक सह-मंच था (18-20 नवम्बर 2025) जहाँ सामाजिक समावेशन, असमानता और लैंगिक न्याय जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई

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