प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025

(PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025)


    परिचय(Introduction)

    भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि क्षेत्र है। लेकिन अभी भी कई ज़िले ऐसे हैं जहाँ कृषि उत्पादन, फसल विविधता और ऋण उपलब्धता बेहद कम है। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025) की शुरुआत की। यह योजना छह वर्षों की अवधि में लागू होगी और लगभग 1.7 करोड़ किसानों तक पहुँचेगी। इसका लक्ष्य है कृषि उत्पादन बढ़ाना, किसानों की आय दोगुनी करना और खेती को टिकाऊ एवं आधुनिक बनाना।


    प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 क्या है?

    यह योजना उन 100 चयनित ज़िलों पर केंद्रित है जहाँ कृषि पिछड़ी हुई है। सरकार ने इसे "Flagship Programme" का दर्जा दिया है। योजना के अंतर्गत किसानों को बेहतर बीज, आधुनिक तकनीक, सिंचाई सुविधाएँ, भंडारण केंद्र, और आसान ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

    PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025 का उद्देश्य सिर्फ़ उत्पादन बढ़ाना ही नहीं है, बल्कि फसल विविधीकरण और value addition को बढ़ावा देना भी है ताकि किसानों को बाजार में बेहतर दाम मिल सके।


    योजना के मुख्य उद्देश्य (Objectives of PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025)

    • कृषि उत्पादकता बढ़ाना और food security को मजबूत करना।
    • Crop Diversification के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाना।
    • पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करना।
    • कटाई के बाद होने वाली क्षति को रोकने के लिए भंडारण और कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ बनाना।
    • किसानों को institutional credit तक आसान पहुँच प्रदान करना।
    • ज़िलास्तरीय योजना बनाकर स्थानीय जरूरतों के अनुसार समाधान लागू करना।


    लक्षित क्षेत्र और लाभार्थी(Target Area and Benifciary)

    • यह योजना पूरे भारत के 100 जिलों में लागू होगी।
    • प्राथमिकता उन क्षेत्रों को दी जाएगी जहाँ उत्पादन कम है, ऋण वितरण न्यूनतम है और फसल विविधता नहीं है।
    • अनुमानित 1.7 करोड़ किसान परिवार इस योजना से लाभान्वित होंगे।
    • छोटे और सीमांत किसानों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा।
    • महिला किसान और युवा किसान उद्यमियों को भी इसमें विशेष प्राथमिकता मिलेगी।


    वित्तीय प्रावधान (Budget & Duration)

    • योजना की अवधि: 6 वर्ष (2025-2031)
    • कुल अनुमानित व्यय: ₹1.44 लाख करोड़
    • प्रतिवर्ष बजट प्रावधान: लगभग ₹24,000 करोड़
    • खर्च का बड़ा हिस्सा जाएगा – सिंचाई, बीज वितरण, भंडारण, और किसानों के प्रशिक्षण पर।
    • इसमें केंद्र और राज्य सरकारों दोनों का योगदान रहेगा।


    कार्यान्वयन प्रक्रिया (Implementation Process)

    जिला स्तर पर

    • हर ज़िले में धन-धान्य समिति बनाई जाएगी।
    • इस समिति में प्रगतिशील किसान, पंचायत प्रतिनिधि और कृषि विशेषज्ञ शामिल होंगे।
    • ज़िले की कृषि स्थिति के अनुसार एक District Action Plan तैयार होगा।

    राज्य स्तर पर

    • राज्य सरकारें योजना के कार्यान्वयन की समन्वयक होंगी।
    • कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और ग्रामीण विकास विभाग मिलकर योजना लागू करेंगे।

    केंद्र स्तर पर

    • नीति आयोग और कृषि मंत्रालय योजना की निगरानी और मूल्यांकन करेंगे।
    • DRDO, ICAR जैसी वैज्ञानिक संस्थाएँ नई तकनीक उपलब्ध कराएँगी।


    PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025 Benefits (लाभ)

    • किसानों की आमदनी में वृद्धि
    • फसल विविधता बढ़ने से बाजार जोखिम कम होगा
    • भंडारण सुविधाओं से कटाई के बाद की हानि कम होगी
    • सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध होने से छोटे किसानों को राहत मिलेगी
    • कृषि-आधारित छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा
    • ग्रामीण रोजगार में वृद्धि होगी
    • खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी


    कैसे करें आवेदन (How to Apply Online/Offline)

    • किसान राज्य कृषि विभाग की वेबसाइट या PM Kisan Portal पर आवेदन कर सकेंगे।
    • ऑफलाइन आवेदन जिला कृषि कार्यालय, पंचायत कार्यालय या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर किया जा सकेगा।
    आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
    • आधार कार्ड
    • भूमि के दस्तावेज़
    • बैंक खाता विवरण
    • मोबाइल नंबर
    आवेदन की स्थिति ऑनलाइन पोर्टल पर देखी जा सकेगी।

    जिला सूची (District List 2025)

    • योजना में कुल 100 जिले शामिल किए जाएंगे।
    • हर राज्य से कम से कम 1 जिला चयनित होगा।
    चयन मापदंड होंगे:
    • कम उत्पादन
    • फसल विविधता की कमी
    • ऋण वितरण में पिछड़ापन
    • ग्रामीण गरीबी का स्तर
    आधिकारिक District List 2025 सरकार की वेबसाइट पर जारी होगी।

    निगरानी और मूल्यांकन (Monitoring & KPIs)

    • योजना की निगरानी एक डिजिटल डैशबोर्ड से होगी।
    • 117 Key Performance Indicators (KPIs) तय किए गए हैं।
    • प्रगति की मासिक समीक्षा होगी।
    • हर ज़िले के लिए एक केंद्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त होगा।
    • नीति आयोग और कृषि मंत्रालय संयुक्त रूप से मूल्यांकन करेंगे।


    चुनौतियाँ और समाधान(Challenges and Solution)

    • बुनियादी ढाँचे की कमी – समाधान: निजी निवेश और PPP मॉडल।
    • तकनीकी ज्ञान का अभाव – समाधान: किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर।
    • जलवायु परिवर्तन – समाधान: सूखा-रोधी और जलवायु-अनुकूल फसलें।
    • ऋण वितरण में पारदर्शिता – समाधान: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और DBT (Direct Benefit Transfer)।
    • बजट आवंटन – समाधान: केंद्र और राज्य का साझा दायित्व।


    FAQs 

    1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 क्या है?

    यह योजना 100 जिलों में किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को टिकाऊ बनाने के लिए शुरू की गई है।

    2. योजना से कितने किसानों को लाभ मिलेगा?

    लगभग 1.7 करोड़ किसान परिवार लाभान्वित होंगे।

    3. योजना की अवधि कितनी है?

    कुल अवधि 6 वर्ष (2025-2031) है।

    4. इस योजना पर कितना खर्च होगा?

    करीब ₹1.44 लाख करोड़ खर्च होंगे।

    5. आवेदन कैसे करें?

    किसान ऑनलाइन पोर्टल या जिला कृषि कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

    6. किन जिलों को शामिल किया जाएगा?

    कुल 100 जिले, हर राज्य से कम से कम 1 जिला चयनित होगा।

    7. क्या महिला किसान भी लाभान्वित होंगी?

    हाँ, योजना में महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।

    8. योजना से क्या-क्या सुविधाएँ मिलेंगी?

    सस्ती ब्याज दर पर ऋण, बेहतर बीज, भंडारण केंद्र, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता।

    9. निगरानी कैसे होगी?

    117 Key Performance Indicators के आधार पर, एक डिजिटल डैशबोर्ड से।

    10. योजना का सबसे बड़ा लाभ क्या होगा?

    किसानों की आय में वृद्धि और कृषि क्षेत्र की समग्र मजबूती।


    निष्कर्ष(Conclusion)

    प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025) भारत की कृषि नीतियों में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। यदि इसे समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से लागू किया गया, तो यह योजना भारत के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम होगी।



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