स्वच्छता ही सेवा (Swachhata Hi Seva) 2025
परिचय - उद्देश्य, महत्व और योजना
स्वच्छता ही सेवा 2025 (Swachhata Hi Seva 2025) एक राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान है जिसका आयोजन भारत सरकार द्वारा Swachh Bharat Mission के तहत किया जा रहा है। इस अभियान की अवधि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक है, जिसमें जनता, संस्थाएँ, स्कूल-कॉलेज, सरकारी विभाग, SafaiMitra सहित सभी भागीदार सक्रिय रूप से शामिल होंगे। (
इसका मुख्य विषय है “Swachhotsav – Celebrating Cleanliness Together”, जो स्वच्छता को कर्तव्य ही नहीं बल्कि सौहार्द और उत्सव का हिस्सा मानता है। अभियान में Cleanliness Target Units (CTUs) की पहचान, SafaiMitra कल्याण, सार्वजनिक स्थानों की सफाई, प्लास्टिक मुक्त उत्सव और जागरूकता अभियान जैसे अनेक घटक हैं।
Swachhata Hi Seva का ऐतिहासिक परिचय और विकास
- यह अभियान Swachh Bharat Mission के हिस्से के रूप में आयोजित हो रहा है, जो भारत में स्वच्छता और खुले में शौच (open defecation) को समाप्त करने का लक्ष्य है।
- Swachhata Hi Seva का 2025 संस्करण नौवाँ संस्करण है जिसमें पिछले वर्षों के अनुभवों से सीख ली गई है।
- पिछले अभियानों में CTUs की संख्या, SafaiMitra welfare initiatives आदि में सुधार हुआ है और इस वर्ष उन्हें त्वरित गति से लागू करने की योजना है।
मुख्य संगठक: सरकार एवं मंत्रालयों की भूमिका
- इस साल अभियान का संयुक्त संचालन Ministry of Housing & Urban Affairs (MoHUA) और Department of Drinking Water and Sanitation (DDWS), Ministry of Jal Shakti द्वारा किया जा रहा है।
- विभिन्न मंत्रालय और विभाग (जैसे Minority Affairs, Railway divisions आदि) अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान के कार्यक्रमों को लागू कर रहे हैं।
- राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय (municipal corporations, gram panchayats), शहरी व ग्रामीण सार्वजनिक संस्थाएँ जागरूकता एवं क्रियान्वयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
अभियान की अवधि, समयरेखा और थीम “Swachhotsav”
- अवधि: 17 सितंबर 2025 से 2 अक्टूबर 2025 तक, जिसका समापन गांधी जयंती के दिन होता है।
- थीम: “Swachhotsav – Celebrating Cleanliness Together” — यह दर्शाता है कि पूरे अभियान को सेवा के साथ एक त्योहार की तरह मनाने का प्रयास है।
- समय-विशेष आयोजन: 25 सितंबर को “एक दिन, एक घंटे, एक साथ” (Ek Din, Ek Ghanta, Ek Saath) नामक देशव्यापी शरमदान कार्यक्रम होगा।
Cleanliness Target Units (CTUs): पहचान और परिवर्तन
- CTUs वे गंदी या उपेक्षित स्थान होते हैं जैसे कि पुराने डंपसाइट, रेलवे स्टेशन, बैक लेन, मेल-जोल स्थल आदि। इनकी पहचान स्थानीय निकायों द्वारा की जा रही है।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में CTUs का परिवर्तन और सौंदर्यीकरण (beautification) किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि ये स्थान उपयोगी और दर्शनीय बने। ()
- उदाहरण के लिए, दिल्ली में Bhalswa डंपसाइट का चयन किया गया है और वहां पुनरुद्धार व सौंदर्यीकरण की योजना है।
SafaiMitra Suraksha एवं कल्याण योजनाएँ
- SafaiMitra (स्वच्छता कर्मचारी) अभियान के केंद्र में हैं। इस वर्ष उनके लिए Suraksha Shivirs, सुरक्षा उपकरण, स्वास्थ्य-जांच किट, सामाजिक एवं आर्थिक सहायता की व्यवस्था की गई है।
- Surat एवं Navsari क्षेत्रों में SafaiMitra Suraksha Fund की स्थापना – जिसमें SafaiMitra और उनके परिवारों को शिक्षा सहायता और ब्याज-रहित ऋण प्रदान किया जाएगा।
स्वच्छ सार्वजनिक स्थान, त्योहार और पर्यावरणीय जागरूकता
- सार्वजनिक स्थानों जैसे बाजार, पार्क, रेलवे स्टेशन, नदी किनारे आदि को साफ किया जाएगा।
- त्योहारों के दौरान single-use plastic का उपयोग कम करने, zero-waste उत्सव मनाने और सफाई अभियान को उत्सवी रूप देने की पहल होगी।
- पौधारोपण, स्वच्छता प्रतियोगनाएँ, कला-कार्यक्रम आदि के ज़रिए पर्यावरण की रक्षा और जागरूकता बढ़ाने की योजनाएँ हैं।
नागरिक भागीदारी और सामाजिक ज़िम्मेदारी
- नागरिकों को शरमदान (voluntary labor), सफाई अभियान, त्योहारों में स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए।
- स्कूल-कॉलेज द्वारा जागरूकता कार्यक्रम और छात्र-संयुक्त पहल की अपेक्षा है। समाजिक संस्थाएँ एवं स्वयंसेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ। ()
- सरकार ने सार्वजनिक भागीदारी को प्रेरित करने के लिए अभियान अवधि पहले ही सुनिश्चित कर ली है कि ज़मीनी स्तर पर कार्य स्थायी हों।
राज्य-स्तरीय एवं स्थानीय चुनौतियाँ
- ग्रामीण इलाकों में संसाधनों और आवागमन की मुश्किलें। सफाई उपकरणों, कचरा प्रबंधन तंत्र आदि की कमी।
- व्यवहार परिवर्तन में समय लगता है — लोग अभी भी सार्वजनिक स्थानों पर कचरा डालने, प्लास्टिक उपयोग आदि में संकोच नहीं करते।
- स्थानीय सरकारी निकायों की प्रबंधन क्षमता में अंतर — कुछ क्षेत्रों में त्वरित परिवर्तन हो रहा है, कुछ में नहीं।
- वित्तीय संसाधन और मानव श्रम की कमी SafaiMitra के समर्थन की चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है।
प्रदूषण प्रबंधन और कचरा निस्तारण की रणनीतियाँ
- 3R सिद्धांत (Reduce-Reuse-Recycle) को बढ़ावा — घरों, विद्यालयों, बाजारों में कचरा अलग करना।
- कम्पोस्टिंग के माध्यम से जैविक कचरे को उपयोगी उत्पाद में बदलना।
- Waste Processing Units (WPUs) की मरम्मत और सौंदर्यीकरण।
- आम जनता को प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना — single use plastic का कम-से-कम उपयोग।
भविष्य में स्वच्छता मिशन की निरंतरता
- अभियान के बाद भी नजर रखने वाले कार्यक्रम होने चाहिए ताकि सफाई बनी रहे।
- SafaiMitra welfare को स्थायी नियमों एवं बजट में शामिल करना।
- स्थानीय सरकारी और नागरिक भागीदारी को मजबूती देना ताकि स्वच्छता सार्वजनिक आदत बन जाए।
- नवाचारी तकनीकी समाधानों का उपयोग जैसे स्मार्ट सफाई तंत्र, अपशिष्ट परिवहन में डिजिटल मैनेजमेंट आदि।
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके उत्तर
प्रश्न: Swachhata Hi Seva 2025 कब शुरू और कब समाप्त होगा?
प्रश्न: “Swachhotsav” थीम का क्या मतलब है?
उत्तर: यह थीम स्वच्छता ही सेवा को उत्सव की तरह मनाने की प्रेरणा देती है — जहाँ सफाई को सामूहिक, सकारात्मक और आनंददायक अनुभव बनाया जाए।प्रश्न: CTU (Cleanliness Target Units) क्या हैं?
उत्तर: CTUs वे सार्वजनिक स्थान हैं जो गंदे, उपेक्षित या कम देखे जाने वाले हैं — जैसे डंपसाइट, रेलवे स्टेशन, बैक लेन आदि — जिन्हें अभियान के दौरान पहचान कर साफ और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।प्रश्न: SafaiMitra Suraksha Fund क्या है और किस तरह काम करेगा?
उत्तर: यह एक विशेष कोष है जिसमे SafaiMitra और उनके परिवारों के लिए शिक्षा सहायता, ब्याज-रहित ऋण, स्वास्थ्य-जाँच तथा सुरक्षा उपकरण जैसे लाभ दिए जाएंगे। जैसे कि Surat और Navsari के लिए Rs 8-10 करोड़ का फंड घोषित हुआ है।प्रश्न: नागरिकों की भूमिका क्या होगी?
उत्तर: नागरिक सफाई अभियानों में भाग ले सकते हैं, कचरा अलग करें, प्लास्टिक कम उपयोग करें, सार्वजनिक स्थानों की सफाई बनाए रखें, जागरूकता फैलाएँ।प्रश्न: क्या इस अभियान के दौरान कोई विशेष दिन तय है?
उत्तर: हाँ, 25 सितंबर 2025 को देशव्यापी “एक दिन, एक घंटे, एक साथ” श्रमदान कार्यक्रम होगा।प्रश्न: राज्य-सरकारें क्या कर रही हैं?
उत्तर: राज्य सरकारों ने CTUs की पहचान, योजना बनाना, स्थानीय निकायों के माध्यम से सफाई और सौंदर्यीकरण कार्यक्रम आयोजित किये हैं; सरकारी विभागों ने सफाई समितियों को सक्रिय किया है।प्रश्न: क्या अभियान का असर लंबे समय तक रहेगी?
उत्तर: अभियान में यह योजना शामिल है कि CTUs की पहचान-परिवर्तन त्वरित हो और अभियान समाप्ति के बाद भी सफाई लगातार बनी रहे; SafaiMitra welfare योजनाएँ और अन्य नागरिक भागीदारी लगातार प्रभाव डालेगी।प्रश्न: कैसे प्लास्टिक मुक्त उत्सव मनाएँ?
उत्तर: single‐use plastic न उपयोग करें, पुन:उपयोग योग्य बर्तन व सजावट चुनें, कचरा संग्रह व्यवस्था रखें, पर्यावरण-अनुकूल सजावट व प्रबंधन अपनाएँ।प्रश्न: किसी स्थानीय CTU को बदलने में क्या कदम उठाएँ?
उत्तर: स्थानीय निकाय से संपर्क करें, सफाई की स्थिति दस्तावेज़ करें, जागरूकता फैलाएँ, स्वयंश्रमदान करें, समुदाय मिलकर पौधा लगाएँ या बगीचा बनवाएँ आदि।निष्कर्ष
Swachhata Hi Seva 2025 एक क्रांतिकारी पहल है जो केवल सफाई से आगे बढ़कर हमारी ज़िम्मेदारी, सामाजिक आदतों और पर्यावरण के प्रति हमारी संवेदनशीलता को मजबूत करेगी। यह अभियान सरकार, नागरिक, SafaiMitra और संस्थाओं के सहयोग से तभी सफल होगा जब हम स्वयं से शुरुआत करें, स्थायी बदलाव के लिए प्रयास करें।
स्वच्छता सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता, स्वास्थ्य और गौरव का प्रतीक है। आइए मिलकर इस सुनहरे अवसर का उपयोग करें — अपने मोहल्ले, अपने शहर, अपने देश को स्वच्छ और हरित बनाएं। क्योंकि स्वच्छता ही सेवा है, और सेवा ही परिवर्तन है।
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