💡 Shram Shakti Niti 2025
🔍 Shram Shakti Niti 2025
Shram Shakti Niti 2025 भारत सरकार की प्रस्तावित राष्ट्रीय श्रम और रोजगार नीति है, जिसका लक्ष्य है एक न्यायपूर्ण, समावेशी और भविष्य-उन्मुख श्रम पारिस्थितिकी तंत्र बनाना। यह नीति श्रमिकों की सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार के अवसरों और प्रशिक्षण-स्किल विकास पर जोर देती है ताकि भारत की श्रम शक्ति “Viksit Bharat @2047” की दिशा में तैयार हो सके।
🎯 Shram Shakti Niti 2025 क्या है?
यह नीति Ministry of Labour & Employment द्वारा जारी की गई एक ड्राफ्ट नीति है, जिसे Shram Shakti Niti 2025 नाम से जाना जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत के रोजगार-दायित्व, श्रमिकों के कल्याण और काम के स्वरूपों में हो रही तकनीकी व आर्थिक बदलावों को समायोजन करना है। नीति विशेषज्ञों, श्रमिक संगठनों और उद्योगों से सुझाव लेने के बाद तैयार की जा रही है।
🏆 नीति के उद्देश्य
- श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का सार्वभौमिक कवच बनाना।
- Occupational Safety & Health के मानकों में सुधार। महिलाओं और युवाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाना।
- MSMEs की अनुपालन प्रक्रियाएँ आसान करना, डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग बढ़ाना।
- काम के स्वरूपों में हो रही बदलावों के अनुरूप कौशल विकास, गिग व प्लेटफ़ॉर्म वर्कर की सुरक्षा।
- ग्रीन जॉब्स और टेक्नोलॉजी-आधारित उद्योगों में रोज़गार सृजन।
⚙️ प्रमुख विशेषताएँ
- यूनिफाइड Labour Stack: EPFO, ESIC, e-Shram, NCS समेत विभिन्न सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम प्लेटफार्मों का एकीकृत डिजिटल तंत्र।
- NCS को एक Digital Public Infrastructure (DPI) बनाना ताकि रोज़गार-मिलान आसान हो, कौशल प्रमाणन, नौकरियों का मैपिंग हो सके।
- सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद कार्य-स्थल सुनिश्चित करना, जोखिम-आधारित निरीक्षण, लैंगिक दृष्टिकोण से मानक तैयार करना।
- महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उपाय जैसे लचीला काम-समय, सुरक्षा उपाय, लैंगिक समानता।
- तकनीकी रोजगारों व हरित उद्योगों का विकास।
- अनुपालन को सरल बनाने के लिए एक-विन्डो डिजिटल पोर्टल, MSME के लिए संरचनाएँ।
🏦 यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी खाता (USSA)
Shram Shakti Niti 2025 के अनुसार, USSA के माध्यम से श्रमिकों के विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ जैसे EPFO, ESIC, e-Shram आदि को जोड़कर एक पोर्टेबल और अंतर-राज्यीय प्रवाह हूँ। इससे काम बदलने पर भी सामाजिक सुरक्षा लाभ बरकरार रहने की व्यवस्था होगी। (The Economic Times)
🌐 राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) as Digital Public Infrastructure (DPI)
NCS को नए स्वरूप में विकसित किया जा रहा है ताकि यह रोजगार-सूची, कौशल प्रमाणन, करियर मार्गदर्शन आदि को डिजिटल रूप से कवर करे। इसमें AI-आधारित तकनीकें, मल्टीलिंगुअल सपोर्ट, API-आधारित इंटरफेस होंगे। (EdexLive)
🛡️ काम की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य (Occupational Safety & Health)
OSH (Occupational Safety & Health) को मजबूत किया जाएगा। नीति में जोखिम-आधारित निरीक्षण, लैंगिक सुरक्षा मानक, एवं कार्यस्थल पर स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधित नियमों का पालन सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं। (Current Affairs | Vision IAS)
👩💼 महिला और युवा सशक्तिकरण
नीति का लक्ष्य है महिला श्रमिकों की भागीदारी को 2030 तक लगभग 35% तक लाना। युवाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण, प्रोत्साहन, उद्यमिता, करियर काउंसलिंग आदि पर ध्यान केंद्रित है। (Current Affairs | Vision IAS)
🌿 ग्रीन व टेक्नोलॉजी-आधारित रोज़गार
नीति ग्रीन जॉब्स, सतत उत्पादन, पर्यावरण-अनुकूल उद्योगों में रोज़गार सृजन को प्राथमिकता देती है। तकनीकी रोजगारों (AI, डिजिटल इकोनॉमी आदि) के क्षेत्र में भी अवसर बढ़ेंगे। (EdexLive)
🏭 MSMEs और अनुपालन में सरलता
MSMEs के लिए डिजिटल अनुपालन, सेल्फ-सर्टिफिकेशन, एक-विन्डो पोर्टल, सरल कर/रिटर्न सिस्टम इत्यादि प्रस्तावित हैं ताकि छोटे उद्यमों को भारी प्रशासनिक बोझ से निज़ात मिल सके। (Current Affairs | Vision IAS)
📈 डिजिटल और डेटा-आधारित श्रम प्रबंधन
नीति श्रमिकों, नियोक्ताओं और प्रशिक्षण संस्थाओं को जोड़ने वाली डिजिटल प्रणाली-हरित “Labour Stack” के निर्माण और श्रम बाजार से जुड़ी डेटा पारदर्शिता पर जोर देती है। (Web India News)
📆 नीति लागू करने की चरणबद्ध योजना
नीति को तीन चरणों में लागू करने का प्रस्ताव है:
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चरण I (2025–27): संस्थागत तंत्र का निर्माण, सामाजिक सुरक्षा खाता एवं डिजिटल प्लेटफ़ार्म की शुरुआत। (EdexLive)
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चरण II (2027–30): विस्तार, हर राज्य-जिला में कार्यान्वयन, रोज़गार और स्किल-प्राप्ति कार्यक्रमों का व्यवहार में लाना। (Web India News)
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चरण III (बाद 2030): नीति के समेकन, पोर्टेबिलिटी एवं गुणवत्ता-नियंत्रण, निरंतर सुधार। (EdexLive)
🏛️ राज्यों की भूमिका एवं सरकारी संस्थाएँ
राज्य सरकारें नीति को अपने-अपने स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार लागू करेंगी। जिला श्रम संसाधन केंद्र (DLRCs), राज्य श्रम मिशन, और राष्ट्रीय श्रम आयोग या Implementation Council इसकी निगरानी करेंगे। (The Economic Times)
✅ संभावित लाभ
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श्रमिकों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा और पोर्टेबिलिटी मिलेगी।
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नियोजित और अनियोजित श्रमिकों के बीच विभाजन कम होगा।
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MSMEs को अनुपालन में सुविधा मिलेगी, जिससे व्यवसाय सुगम होगा।
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महिलाओं एवं युवाओं को रोजगार अवसर बढ़ेंगे।
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जीवित-पर्यावरण अनुकूल (ग्रीन) और तकनीकी रोजगारों का विकास होगा।
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डिजिटल प्लेटफ़ार्मों से पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता बढ़ेगी।
⚠️ चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ | प्रस्तावित समाधान |
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ग्राम-इलाकों और Tier-III-स्थलों में डिजिटल पहुँच की कमी | इंटरनेट आधारभूत ढाँचा मजबूत करना, मोबाइल नेटवर्क एवं डिजिटल शिक्षा बढ़ाना |
कम स्किल स्तर और प्रशिक्षण संस्थाओं का अभाव | स्किल इंडिया, प्राइवेट-पब्लिक भागीदारी, प्रशिक्षण केंद्रों का विस्तार |
नियोक्ताओं में अनुपालन से जुड़ी झिझक | प्रोत्साहन, मान्यता और अनुपालन लागत को कम करना |
डेटा गोपनीयता और सुरक्षा से जुड़ी चिंताएँ | डेटा मॉडलिंग मानक, पारदर्शी गोपनीयता नीति, कानूनों के अनुरूप आईटी नियंत्रण |
नीति-क्रियान्वयन में राज्यों के बीच असमानता | केंद्र-राज्य सहयोग, अनुदान एवं संसाधन वितरण में न्याय, मॉनिटरिंग मैट्रिक्स की स्पष्टता |
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
🏁 निष्कर्ष एवं भविष्य की दिशा
Shram Shakti Niti 2025 भारत की श्रम नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो पारंपरिक विनियमन से निकल कर सशक्तिकरण, डिजिटलता, समावेशन और हरित रोजगारों की ओर अग्रसर है। यदि नीति सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह न केवल श्रमिकों की जीवन स्थितियों में सुधार करेगी बल्कि भारत को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी दृष्टि से मजबूत श्रम शक्ति बनाएगी।
भविष्य में जरूरी होगा कि राज्यों में समान कार्यान्वयन हो, संसाधन पर्याप्त हों और नीति निरंतर निगरानी एवं समीक्षा से बेहतर बनी रहे।
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