विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025

🔋 विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025

विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025

(World Hydrogen Summit 2025)

भारत की हरित ऊर्जावादी नीति की नई दिशा


    🟩 परिचय: शिखर सम्मेलन क्या है?

    World Hydrogen Summit 2025 विश्व स्तर पर आयोजित एक प्रमुख सम्मेलन है जिसमें हरी हाइड्रोजन (Green Hydrogen) को विश्व ऊर्जा संक्रमण (energy transition) के केंद्र में रखा गया है। यह सम्मेलन भारत की National Green Hydrogen Mission, उद्योग, नीति निर्माताओं, निवेशकों और शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान करता है जहाँ हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण, वितरण, और अनुप्रयोगों की रणनीतियाँ तैयार की जाती हैं। 

    भारत ने इस सम्मेलन में 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। साथ ही अनेक कंपनियों को हाइड्रोजन उत्पादन और इलेक्ट्रोलाइज़र (electrolyzer) निर्माण की क्षमता प्रदान की गई है। 


    🟦 मुख्य प्रावधान और निर्णय (Key Provisions & Announcements)

    भारत ने इस सम्मेलन में 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य तय किया। इलेक्ट्रोलाइज़र क्षमता, हाइड्रोजन सर्टिफिकेशन स्कीम और तीन प्रमुख बंदरगाहों को ग्रीन हब घोषित करने जैसे फैसलों ने भारत की ऊर्जा नीति को नई दिशा दी है।
    • 5 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) उत्पादन लक्ष्य स्थापित किया गया है। 
    • लगभग ₹862,000 टीपीए (TPA) उत्पादन क्षमता को 19 कंपनियों को आवंटित किया गया है। 
    • इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण के लिए 3,000 मेगावाट वार्षिक क्षमता 15 फर्मों को दी गई है। 
    • ग्रीन हाइड्रोजन प्रमाणपत्र योजना (Green Hydrogen Certification Scheme) को शुरू किया गया है, ताकि उत्पादन की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनी रहे। 
    • पर्यावरण स्वीकृति (Environmental Clearance) से कई हाइड्रोजन और अमोनिया संयंत्रों को छूट दी गई है, जिससे अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। 
    • तीन प्रमुख बंदरगाहों — कांडला, पारदीप, और तुतिकोरिन को हरित हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित करने की घोषणा। 


    🟨 समय के साथ बदलाव एवं प्रगति (Changes Over Time & Current Status)

    भारत की हाइड्रोजन नीति पिछले कुछ वर्षों में निरंतर विकसित हुई है। राज्य स्तर पर नीतियाँ बनीं, निवेश बढ़ा और नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता में बड़ा सुधार हुआ। यह प्रगति दर्शाती है कि भारत धीरे-धीरे ग्रीन एनर्जी में वैश्विक नेता बनने की राह पर है।
    • नीति बदलावों के अंतर्गत अब 15 राज्यों ने हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने वाले राज्य नीतियाँ एवं प्रोत्साहन लागू किए हैं। 
    • परियोजनाएँ प्रारंभिक चरण में हैं — इसको सुधारने के लिए उत्पादन लागत, बिजली की सुलभता और बुनियादी उपकरण (electrolyzer) इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 
    • सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा (renewables) की स्थापित क्षमता बढ़ी है — भारत अब लगभग 223 GW नविकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता के साथ है, जिसमें सौर और पवन प्रमुख योगदानकर्ता हैं। 


    🟧 शासन, नीति और समाज में भूमिका (Utility and Role in Governance & Society)

    ग्रीन हाइड्रोजन नीति ने शासन और समाज दोनों में ऊर्जा परिवर्तन का नया अध्याय खोला है। इस पहल से स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा, रोजगार सृजन, उद्योगों का आधुनिकीकरण और कार्बन उत्सर्जन में कमी संभव हो रही है, जो सतत विकास की ओर भारत को अग्रसर करती है।
    • यह सम्मेलन नीति निर्माताओं को ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को विस्तारित एवं मजबूत बनाने हेतु प्रेरित करता है। 
    • उद्योगों, विशेष रूप से इस्पात, शिपिंग एवं मोबिलिटी क्षेत्र में संक्रमण की दिशा तय करता है, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करेगा। 
    • रोजगार सृजन (600,000+ नौकरियाँ) और निवेश आकर्षण (लगभग $100 बिलियन) की दिशा में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 


    🟪 प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts for Competitive Exams)

    विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 से जुड़े मुख्य आँकड़े — जैसे 5 MMT उत्पादन लक्ष्य, 3 हाइड्रोजन हब, निवेश राशि और रोजगार आँकड़े — प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहद उपयोगी हैं। ये बिंदु छात्रों को समसामयिक ऊर्जा नीतियों की गहरी समझ प्रदान करते हैं।
    1. भारत का लक्ष्य: 5 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) ग्रीन हाइड्रोजन प्रति वर्ष — 2030 तक। 
    2. इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण क्षमता: 3,000 मेगावाट वार्षिक क्षमता 15 फर्मों को। 
    3. हरित हाइड्रोजन प्रमाणपत्र योजना शुरू। 
    4. पर्यावरण स्वीकृति (environmental clearance) में छूट। 
    5. हरित हाइड्रोजन हब: कांडला, पारदीप, तुतिकोरिन। 
    6. निवेश लक्ष्य: लगभग USD 100 बिलियन। 
    7. अनुमानित CO₂ उत्सर्जन कमी: लगभग 50 मिलियन टन प्रति वर्ष। 
    8. नौकरियाँ: लगभग 6,00,000+ काम मिलेगा। 
    9. नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता: लगभग 223 GW जिसमें सौर-108 GW, पवन-51 GW शामिल। 
    10. आयोजन देश/स्थान: India ने वैश्विक सम्मेलन Rotterdam आदि में भारत की हरित हाइड्रोजन नीति को प्रमुखता से प्रस्तुत किया। 

    🟫 निष्कर्ष

    World Hydrogen Summit 2025 ने भारत को हरित ऊर्जा के वैश्विक मानचित्र पर और मजबूत स्थिति में ला दिया है। उत्पादन लक्ष्य, निवेश, नीति सुधार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से यह राष्ट्र अपनी ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय जिम्मेदारी दोनों सुनिश्चित कर रहा है। यदि ये घोषणाएँ सफलतापूर्वक लागू हों, तो भारत न केवल स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में अग्रणी बनेगा, बल्कि हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के केंद्र में भी आएगा।


    FAQ


    1️⃣ विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 क्या है?

    विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन है जिसमें हाइड्रोजन ऊर्जा के उपयोग, उत्पादन और तकनीकी नवाचारों पर चर्चा की जाती है। इस मंच पर विभिन्न देशों ने ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य की स्वच्छ ऊर्जा के रूप में अपनाने की दिशा तय की।


    2️⃣ इस शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका क्या रही?

    भारत ने इस सम्मेलन में हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य प्रस्तुत किया। साथ ही इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण क्षमता, ग्रीन सर्टिफिकेशन स्कीम और हाइड्रोजन हब के विकास जैसे कदमों की घोषणा की गई।


    3️⃣ ग्रीन हाइड्रोजन क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

    ग्रीन हाइड्रोजन वह हाइड्रोजन है जिसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर या पवन से उत्पन्न बिजली द्वारा पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से बनाया जाता है। यह स्वच्छ, कार्बन-फ्री ईंधन है जो जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटाकर पर्यावरण प्रदूषण कम करता है।


    4️⃣ भारत में कौन-कौन से हाइड्रोजन हब विकसित किए जा रहे हैं?

    भारत सरकार ने तीन प्रमुख बंदरगाहों — कांडला, पारादीप और तुतिकोरिन — को हरित हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। इन केंद्रों पर उत्पादन, भंडारण, और निर्यात की सुविधाएँ स्थापित की जा रही हैं।


    5️⃣ विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 का आयोजन कहाँ हुआ था?

    इस सम्मेलन का आयोजन रॉटरडैम (Rotterdam, नीदरलैंड्स) में हुआ, जहाँ भारत ने अपनी हरित ऊर्जा रणनीति और हाइड्रोजन मिशन की प्रगति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने प्रस्तुत किया।


    6️⃣ भारत की हरित हाइड्रोजन नीति से कितने रोजगार सृजित होंगे?

    सरकारी अनुमानों के अनुसार, भारत की ग्रीन हाइड्रोजन पहल से लगभग 6 लाख से अधिक नए रोजगार सृजित होंगे। ये अवसर उत्पादन, उपकरण निर्माण, लॉजिस्टिक्स, और अनुसंधान क्षेत्रों में उत्पन्न होंगे।


    7️⃣ विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    इस सम्मेलन का उद्देश्य है — विश्व स्तर पर हाइड्रोजन को स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में अपनाने की रणनीति तैयार करना, निवेश को आकर्षित करना और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से टिकाऊ ऊर्जा समाधान खोजना।


    8️⃣ भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता कितनी है?

    भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 223 गीगावॉट (GW) है, जिसमें सौर ऊर्जा 108 GW और पवन ऊर्जा 51 GW का योगदान देती है। यह क्षमता ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को स्थायी रूप से बढ़ाने में मदद करती है।


    9️⃣ ग्रीन हाइड्रोजन मिशन से पर्यावरण को क्या लाभ मिलेगा?

    ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग से भारत हर वर्ष लगभग 50 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम कर सकता है। यह जलवायु परिवर्तन नियंत्रण और स्वच्छ वातावरण की दिशा में बड़ा कदम है।


    🔟 विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 से भारत को क्या लाभ हुआ?

    भारत को अंतरराष्ट्रीय निवेश, तकनीकी सहयोग और नीति समर्थन प्राप्त हुआ। इससे भारत ग्रीन एनर्जी में अग्रणी बना और वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व करने की स्थिति में पहुँचा।



    एक टिप्पणी भेजें

    0 टिप्पणियाँ