भारत का स्थान और सीमा रेखाएँ

भारत का स्थान और सीमा रेखाएँ

भूगोल, रणनीतिक महत्व और विशेषताएँ

परिचय

भारत दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जो अपनी भौगोलिक स्थिति, विविध संस्कृति और सामरिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसकी सीमा रेखाएँ न केवल भू-राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आदान-प्रदान का भी प्रमुख आधार हैं।


भारत का भौगोलिक स्थान

  • अक्षांशीय विस्तार: 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक।
  • देशांतर विस्तार: 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक।
  • कर्क रेखा (Tropic of Cancer): 23°26′ उत्तरी अक्षांश भारत के मध्य से गुजरती है, जो इसे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में विभाजित करती है।
  • पूर्व-पश्चिम विस्तार: लगभग 2933 किलोमीटर
  • उत्तर-दक्षिण विस्तार: लगभग 3214 किलोमीटर


भारत की सीमाएँ और क्षेत्रफल

  • कुल क्षेत्रफल: लगभग 32,87,263 वर्ग किलोमीटर, जो विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश है।
  • स्थलीय सीमा: 15,200 किलोमीटर
  • समुद्री तटरेखा: लगभग 7,516 किलोमीटर, जिसमें मुख्यभूमि, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।


भारत की सीमा रेखाएँ

उत्तर दिशा

  • उत्तर में हिमालय पर्वत श्रृंखला प्राकृतिक रक्षा रेखा का कार्य करती है।
  • सीमाएँ चीन (तिब्बत), नेपाल और भूटान से लगती हैं।

पश्चिम दिशा

  • पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सीमा।
  • रेगिस्तानी इलाका (राजस्थान का थार मरुस्थल) भी यहीं स्थित है।

पूर्व दिशा

  • म्यांमार और बांग्लादेश से सीमाएँ।
  • इस क्षेत्र में पहाड़ी और वनाच्छादित इलाका अधिक है।

दक्षिण दिशा

  • हिंद महासागर से घिरा, जिसमें पश्चिम में अरेबियन सागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
  • श्रीलंका से अलग करने वाली पाक जलडमरूमध्य और मन्नार की खाड़ी यहीं स्थित है।


सीमा साझा करने वाले देश

देश सीमा लंबाई (किमी)
बांग्लादेश 4,096
चीन 3,488
पाकिस्तान 3,323
नेपाल 1,751
म्यांमार 1,643
भूटान 699
अफगानिस्तान 106

भारत की सामरिक स्थिति

  • भारत हिंद महासागर के मध्य में स्थित होने के कारण समुद्री व्यापार मार्गों पर नियंत्रण रखने की क्षमता रखता है।
  • यह एशिया के पश्चिम एशिया, मध्य एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका से जुड़ाव का प्रमुख केंद्र है।
  • इसकी सीमा रेखाएँ न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को भी मजबूती देती हैं।


प्राकृतिक सीमा रेखाएँ

  • हिमालय – उत्तर दिशा में ऊँचे पर्वत, जो प्राकृतिक बाधा और जलवायु नियंत्रक का कार्य करते हैं।
  • रेगिस्तान – पश्चिम दिशा में थार मरुस्थल, जो प्राकृतिक अवरोध का कार्य करता है।
  • समुद्र – दक्षिण में हिंद महासागर, जो प्राकृतिक सीमा के साथ व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का मार्ग भी है।


निष्कर्ष

भारत का स्थान और सीमा रेखाएँ इसे न केवल एक भौगोलिक पहचान देती हैं, बल्कि रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति के रूप में भी स्थापित करती हैं। इसके सीमावर्ती क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से विविध सभ्यताओं और संस्कृतियों के संगम स्थल रहे हैं, जो आज भी इसकी विशिष्टता को बनाए रखते हैं।



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