भारत के भौगोलिक विभाग
परिचय(Introduction)
भारत का भौगोलिक स्वरूप अत्यंत विविधतापूर्ण है। यहाँ ऊँचे-ऊँचे हिमालय पर्वत हैं तो विशाल मैदान भी, मरुस्थल हैं तो उपजाऊ पठार भी, तटीय मैदान हैं तो द्वीप समूह भी। इसी आधार पर भारत को मुख्यतः छः प्रमुख भौगोलिक विभागों में बाँटा जाता है।
🗂️ भारत के प्रमुख भौगोलिक विभाग
1. हिमालय पर्वत क्षेत्र
स्थिति : भारत के उत्तरी भाग में लगभग 2,400 किमी लंबाई में फैला।उपविभाग :
- उत्तर हिमालय (हिमाद्रि / ग्रेट हिमालय) – सबसे ऊँचा भाग, एवरेस्ट, कंचनजंगा।
- मध्य हिमालय (हिमाचल) – घाटियाँ, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के सुंदर स्थल।
- शिवालिक – सबसे नया और निम्न हिमालय।
2. उत्तर भारतीय मैदान
- स्थिति : सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों की जलोढ़ मिट्टी से बने।
- विस्तार : पंजाब से लेकर असम तक।
उपविभाग :
- पश्चिमी भाग – पंजाब और हरियाणा (कृषि प्रधान)।
- मध्य गंगा मैदान – उत्तर प्रदेश और बिहार।
- पूर्वी भाग – असम और पश्चिम बंगाल का मैदान।
- महत्व : अत्यंत उपजाऊ भूमि, भारत का अन्न भंडार।
3. प्रायद्वीपीय पठार
स्थिति : दक्षिण भारत का सबसे प्राचीन भौगोलिक भाग।प्रमुख भाग :
- मालवा पठार (मध्य भारत)।
- छोटा नागपुर पठार (खनिज संपन्न)।
- दक्कन का पठार (गोदावरी, कृष्णा, कावेरी नदियाँ)।
4. मरुस्थलीय क्षेत्र (थार मरुस्थल)
स्थिति : राजस्थान का पश्चिमी भाग।विशेषता :
- बालू के टीले, शुष्क जलवायु।
- कम वर्षा (10–15 सेमी प्रतिवर्ष)।
5. तटीय मैदान
स्थिति : पश्चिमी और पूर्वी तट पर।उपविभाग :
- पश्चिमी तटीय मैदान – संकरा, अरब सागर किनारे (कच्छ से कन्याकुमारी तक)।
- पूर्वी तटीय मैदान – चौड़ा, बंगाल की खाड़ी किनारे (सौराष्ट्र से तमिलनाडु तक)।
6. द्वीप समूह
दो मुख्य समूह :- अंडमान-निकोबार द्वीप समूह – बंगाल की खाड़ी में, ज्वालामुखीय और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण।
- लक्षद्वीप द्वीप समूह – अरब सागर में, प्रवाल द्वीप (Coral Islands)।
📊 प्रमुख आँकड़े
- भारत का कुल क्षेत्रफल – 32.87 लाख वर्ग किमी।
- हिमालय की औसत ऊँचाई – 6,000 मीटर से अधिक।
- गंगा मैदान का क्षेत्रफल – लगभग 7 लाख वर्ग किमी।
- थार मरुस्थल – लगभग 2 लाख वर्ग किमी।
- तटीय रेखा – 7,516 किमी।
- द्वीपों की संख्या – लगभग 1,200 (अंडमान-निकोबार ~572, लक्षद्वीप ~36)।
✅ महत्व
- भारत के भौगोलिक विभाग देश की कृषि, उद्योग, खनिज, जलवायु और संस्कृति की विविधता को दर्शाते हैं।
- यह विभाजन हमें समझने में मदद करता है कि किस क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताएँ उसके आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन को कैसे प्रभावित करती हैं।
निष्कर्ष
भारत के भौगोलिक विभाग उसकी प्राकृतिक धरोहर और विविधता का प्रतीक हैं। हिमालय जहाँ प्राकृतिक सुरक्षा और जलस्रोत देता है, वहीं मैदान भारत की खाद्य सुरक्षा का आधार हैं। पठार खनिज संपदा से संपन्न है, मरुस्थल अद्वितीय जीवन शैली को दर्शाता है, तटीय मैदान और द्वीप समूह भारत को समुद्री शक्ति और वैश्विक संपर्क प्रदान करते हैं।
 
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