भारत की प्रमुख नदियाँ और उनके जलसम्भर

भारत की प्रमुख नदियाँ और उनके जलसम्भर

परिचय

भारत का भूगोल अपनी नदियों के बिना अधूरा है। नदियाँ न केवल देश की जीवन रेखा हैं, बल्कि वे कृषि, जलापूर्ति, परिवहन, ऊर्जा उत्पादन और सांस्कृतिक जीवन में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। भारत की नदियों को उनके प्रवाह क्षेत्र और जलसम्भर के आधार पर मुख्यतः हिमालयी नदियाँ और प्रायद्वीपीय नदियाँ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।


हिमालयी नदियाँ और उनका जलसम्भर

गंगा नदी प्रणाली

  • उद्गम: उत्तराखंड में गंगोत्री ग्लेशियर से (भागीरथी के रूप में)।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: यमुना, घाघरा, गंडक, कोसी, सोन।
  • जलसम्भर क्षेत्र: उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक फैला।
  • विशेषता: स्थायी प्रवाह, हिमनदों और वर्षा दोनों से जल की प्राप्ति।

ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली

  • उद्गम: तिब्बत में अंग्सी ग्लेशियर से (सांगपो के नाम से)।
  • प्रवाह क्षेत्र: अरुणाचल प्रदेश, असम और बांग्लादेश।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: सुबनसिरी, मानस, लोहित, दिहांग।
  • विशेषता: बाढ़ प्रवण क्षेत्र, विशाल जलसम्भर।

सिंधु नदी प्रणाली

  • उद्गम: तिब्बत के मानसरोवर झील के पास।
  • भारत में प्रवाह: जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज।
  • विशेषता: सिंचाई के लिए ऐतिहासिक महत्व, इंडस वैली सभ्यता का केंद्र।


प्रायद्वीपीय नदियाँ और उनका जलसम्भर

पूर्व प्रवाहिनी नदियाँ (बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली)

गोदावरी नदी प्रणाली

  • उद्गम: महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर से।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: प्राणहिता, इंद्रावती, मंजीरा।
  • जलसम्भर क्षेत्र: महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़।
  • विशेषता: दक्षिण की गंगा के नाम से प्रसिद्ध।

कृष्णा नदी प्रणाली

  • उद्गम: महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: भीमा, तुंगभद्रा, घाटप्रभा।
  • जलसम्भर क्षेत्र: महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश।

कावेरी नदी प्रणाली

  • उद्गम: कर्नाटक के कोडगु जिले में तालकावेरी से।
  • मुख्य सहायक नदियाँ: हेमावती, भवानी, अमरावती।
  • जलसम्भर क्षेत्र: कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी।

पश्चिम प्रवाहिनी नदियाँ (अरब सागर में गिरने वाली)

नर्मदा नदी

  • उद्गम: मध्य प्रदेश के अमरकंटक से।
  • विशेषता: सतपुड़ा और विंध्य के बीच नर्मदा घाटी का निर्माण।

ताप्ती नदी

  • उद्गम: मध्य प्रदेश के सतपुड़ा पर्वत से।
  • विशेषता: छोटा लेकिन महत्वपूर्ण जलसम्भर, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात में प्रवाह।


आंतरिक जलसम्भर वाली नदियाँ

  • राजस्थान में लूणी नदी का जलसम्भर ऐसा है, जो अरब सागर या बंगाल की खाड़ी तक नहीं पहुँचता।
  • कच्छ का रण और थार मरुस्थल में छोटी-छोटी अस्थायी धाराएँ।


जलसम्भर का महत्व

  • कृषि: सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना।
  • ऊर्जा उत्पादन: जलविद्युत परियोजनाएँ।
  • पर्यावरण संरक्षण: भूजल पुनर्भरण और जैव विविधता का संरक्षण।
  • परिवहन और व्यापार: ऐतिहासिक रूप से नदी मार्गों का महत्व।


निष्कर्ष

भारत की नदियाँ और उनके जलसम्भर देश के आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। हिमालयी नदियाँ स्थायी जल स्रोत प्रदान करती हैं, जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ वर्षा आधारित प्रवाह से कृषि को सहारा देती हैं। इन नदियों और उनके जलसम्भर का संरक्षण भारत के सतत विकास के लिए अनिवार्य है।



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