भारत में नवीकरणीय ऊर्जा
भारत आज विश्व के उन देशों में अग्रणी है जो नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) पर तेजी से निवेश कर रहे हैं। कोयला और पेट्रोलियम जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करने और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा को अपनी ऊर्जा नीति का केंद्रीय स्तंभ बनाया है।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता (Energy Security): विदेशी तेल और गैस पर निर्भरता घटाने का साधन।
- पर्यावरण संरक्षण: प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन कम करने का उपाय।
- रोजगार सृजन: हरित ऊर्जा परियोजनाएँ लाखों नौकरियाँ प्रदान करती हैं।
- सतत विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति और आर्थिक गतिविधियों को गति।
- वैश्विक नेतृत्व: भारत "अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance)" का संस्थापक सदस्य है।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के प्रमुख स्रोत
1. सौर ऊर्जा (Solar Energy)
भारत सूर्य ऊर्जा से समृद्ध देश है क्योंकि यहाँ साल भर पर्याप्त धूप उपलब्ध रहती है।
प्रमुख परियोजनाएँ:
कामुथी सौर पार्क (तमिलनाडु)।
सरकारी पहल: राष्ट्रीय सौर मिशन (National Solar Mission) का लक्ष्य 2030 तक 280 GW सौर क्षमता।
2. पवन ऊर्जा (Wind Energy)
भारत विश्व के शीर्ष पवन ऊर्जा उत्पादकों में से एक है।
- प्रमुख राज्य: तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक।
- पवन ऊर्जा का प्रयोग मुख्यतः ग्रामीण विद्युतीकरण और ग्रिड आपूर्ति में।
3. जल विद्युत (Hydropower)
भारत में जल विद्युत उत्पादन की अपार संभावनाएँ हैं।
- प्रमुख परियोजनाएँ: भाखड़ा नांगल (हिमाचल- पंजाब), टिहरी (उत्तराखंड), हीराकुंड (ओडिशा), सरदार सरोवर (गुजरात)।
- जल विद्युत पर्यावरण के लिए अपेक्षाकृत स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है।
4. बायोमास और जैव ऊर्जा (Biomass & Bioenergy)
ग्रामीण भारत में गोबर गैस, कृषि अपशिष्ट और लकड़ी से ऊर्जा प्राप्त की जाती है।
- बायोगैस संयंत्र ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाते हैं।
- औद्योगिक स्तर पर बायो-एथेनॉल और बायो-डीजल उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है।
5. भू-तापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)
भारत में भू-तापीय ऊर्जा की संभावनाएँ मुख्यतः हिमालयी क्षेत्र, लद्दाख और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पाई जाती हैं।
6. ज्वारीय और तरंग ऊर्जा (Tidal & Wave Energy)
भारत का लंबा समुद्री तट इसे ज्वारीय और तरंग ऊर्जा के लिए उपयुक्त बनाता है।
प्रमुख क्षेत्र: कच्छ की खाड़ी (गुजरात), सुंदरबन (पश्चिम बंगाल)।भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का वर्तमान परिदृश्य
भारत की कुल स्थापित विद्युत क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी लगभग 43% (2024 तक) हो चुकी है।प्रमुख योगदान:
पवन ऊर्जा: ~ 45 GW
जल विद्युत: ~ 50 GW
बायोमास और अन्य: ~ 12 GW
नवीकरणीय ऊर्जा विकास में सरकारी पहल
- राष्ट्रीय सौर मिशन (NSM): सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना: किसानों को सौर पंप और ग्रिड से जोड़ना।
- ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर: नवीकरणीय ऊर्जा को ग्रिड से जोड़ने की परियोजना।
- विद्युत संशोधन अधिनियम: निजी निवेश और विदेशी पूंजी आकर्षण।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित चुनौतियाँ
- प्रारंभिक लागत अधिक होना।
- भंडारण तकनीक (Energy Storage) की कमी।
- ग्रिड अवसंरचना का अभाव।
- जलवायु और भौगोलिक असमानता।
- निजी निवेश और तकनीकी नवाचार की आवश्यकता।
नवीकरणीय ऊर्जा का भविष्य
- भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है।
- ग्रीन हाइड्रोजन मिशन भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा।
- ग्रामीण भारत में सौर माइक्रो-ग्रिड और बायोगैस संयंत्र आत्मनिर्भरता बढ़ाएँगे।
- भारत वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा निवेश का प्रमुख गंतव्य बनने की ओर अग्रसर है।
निष्कर्ष
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। यदि इन्हें योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया गया, तो भारत न केवल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हरित ऊर्जा नेतृत्व करेगा।
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