भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
इतिहास, उद्देश्य और योगदान
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक संगठन था, जिसने भारत को स्वतंत्रता की दिशा में अग्रसर किया। इसकी स्थापना, संगठनात्मक संरचना, प्रमुख नेता और आंदोलनों में योगदान भारतीय इतिहास का अभिन्न हिस्सा हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
- साल: 28 दिसंबर 1885
- स्थापक: एलन ऑक्टेवियन ह्यूम और भारतीय नेताओं का समूह
- स्थापना स्थल: मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे)
- प्रारंभिक उद्देश्य: ब्रिटिश शासन से संवाद स्थापित करना और भारतीयों के राजनीतिक अधिकारों की मांग करना।
प्रारंभिक उद्देश्य और राजनीतिक दृष्टिकोण
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य था:
- भारत में राजनीतिक सुधार की मांग।
- समान नागरिक अधिकार और न्यायपूर्ण शासन।
- अंग्रेज़ी सरकार के सामने भारतीयों के हितों की आवाज़ उठाना।
- प्रारंभ में, INC ब्रिटिश सरकार के सहयोग से काम करने वाली संस्था थी और इसका स्वरूप अहिंसात्मक एवं संवादात्मक था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख चरण
1. प्रारंभिक चरण (1885–1905)
- इस दौरान कांग्रेस के नेता प्रीमैचिव और सांस्कृतिक दृष्टिकोण पर केंद्रित थे।
- प्रमुख नेता: अल्बर्ट ओक्टेवियन ह्यूम, वायसराय से संवाद करने वाले भारतीय नेता
- आंदोलन का स्वरूप शांतिपूर्ण और सलाहपरक था।
2. रैडिकल चरण (1905–1919)
- बंगाल विभाजन (1905) के विरोध में आंदोलन ने नया मोड़ लिया।
- नेताओं ने स्वदेशी आंदोलन और विदेशियों के बहिष्कार को प्रमुख रूप से अपनाया।
- प्रमुख नेता: बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल
3. महात्मा गांधी का नेतृत्व (1919–1947)
- महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने सत्याग्रह और अहिंसा को आंदोलन की मुख्य रणनीति बनाया।
प्रमुख आंदोलन:
- असहयोग आंदोलन (1920–1922)
- सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता
| नेता का नाम | काल/जीवन | मुख्य योगदान | 
|---|---|---|
| महात्मा गांधी | 1869–1948 | अहिंसात्मक आंदोलन, सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन | 
| पंडित जवाहरलाल नेहरू | 1889–1964 | युवा नेतृत्व, आधुनिक भारत के लिए राजनीतिक दृष्टि | 
| सरोजिनी नायडू | 1879–1949 | महिलाओं का नेतृत्व, असहयोग और भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय | 
| बाल गंगाधर तिलक | 1856–1920 | स्वदेशी आंदोलन, राजनीतिक जागरूकता | 
| लाला लाजपत राय | 1865–1928 | ब्रिटिश विरोधी आंदोलन, सत्याग्रह और जनता का जागरूक नेतृत्व | 
| सुभाष चंद्र बोस | 1897–1945 | कांग्रेस के भीतर युवाओं का संगठन और INA का नेतृत्व | 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का योगदान
- स्वतंत्रता संग्राम: भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में कांग्रेस का निर्णायक योगदान।
- सामाजिक सुधार: जाति, धर्म और लिंग के आधार पर समानता की दिशा में आंदोलन।
- आर्थिक जागरूकता: स्वदेशी आंदोलन और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार।
- राजनीतिक संगठन: भारत के प्रत्येक क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक जागरूकता का प्रसार।
- महिला और युवाओं की भागीदारी: समाज के सभी वर्गों को स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय किया।
निष्कर्ष
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे प्रभावशाली संगठन रहा है। इसके नेतृत्व में जनता ने अहिंसा, सत्याग्रह और संगठित संघर्ष के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त की। यह संगठन न केवल राजनीतिक परिवर्तन का केंद्र रहा, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता का भी प्रतीक बना।
 
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