भारत के जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र

 भारत के जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र

विशेषताएँ, वितरण और महत्व

भारत विश्व के मेगा बायोडायवर्सिटी देशों में से एक है। यहाँ की भौगोलिक विविधता – हिमालय, मैदान, मरुस्थल, तटीय क्षेत्र और द्वीप – इसे जैव विविधता की दृष्टि से अद्वितीय बनाती है। इसी जैव विविधता की सुरक्षा और सतत उपयोग के लिए भारत सरकार ने जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserves) स्थापित किए हैं।


जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र क्या है?

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र ऐसे बड़े संरक्षित क्षेत्र होते हैं जहाँ –

  • पारिस्थितिकी तंत्र, वनस्पति, जीव-जंतु और मानव समुदाय सहअस्तित्व में रहते हैं।
  • इनका उद्देश्य केवल संरक्षण ही नहीं बल्कि अनुसंधान, शिक्षा और सतत विकास भी है।


भारत में जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का आँकड़ा

  • भारत में वर्तमान समय में 18 जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र हैं।
  • इनमें से 12 को यूनेस्को के ‘मानव एवं जैवमंडल कार्यक्रम (MAB)’ के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।


भारत के प्रमुख जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र राज्य विशेषता / प्रमुख प्रजातियाँ
नंदा देवी उत्तराखंड हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग, विश्व धरोहर स्थल
नोकरेक मेघालय रेड पांडा का प्राकृतिक आवास
सुंदरबन पश्चिम बंगाल रॉयल बंगाल टाइगर, मैंग्रोव वन
अंदमान एवं निकोबार द्वीप अंडमान-निकोबार समुद्री कछुए, प्रवाल भित्तियाँ
मन्नार की खाड़ी तमिलनाडु डुगोंग (समुद्री गाय), प्रवाल
सिमलीपाल ओडिशा हाथी, बाघ, जैवमंडल विविधता
पचमढ़ी मध्य प्रदेश साल वन, बाघ, जनजातीय संस्कृति
अमर्खंटक मध्य प्रदेश नर्मदा नदी का उद्गम, विविध वनस्पतियाँ
अगस्त्यमलाई तमिलनाडु–केरल पश्चिमी घाट की समृद्ध जैव विविधता
दिब्रू-सैखोवा असम जंगली घोड़े, दुर्लभ पक्षी
रणछोड़ (कच्छ का रण) गुजरात जंगली गधा, खारे मरुस्थलीय पारिस्थितिकी
नीलगिरि तमिलनाडु–कर्नाटक–केरल यूनेस्को धरोहर, शेर, हाथी
आचंलम (आचंलमलई) तमिलनाडु पश्चिमी घाट की प्रजातियाँ
कंचनजंघा सिक्किम हिमालयी भालू, हिम तेंदुआ

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के कार्य

  • संरक्षण कार्य – दुर्लभ प्रजातियों और पारिस्थितिकी की रक्षा।
  • अनुसंधान एवं शिक्षा – वैज्ञानिक अध्ययन और पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण।
  • सतत विकास – स्थानीय जनजातियों और समुदायों की आजीविका।
  • सांस्कृतिक महत्व – कई क्षेत्र जनजातीय परंपराओं और आस्था से जुड़े हैं।


अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त भारतीय जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र

(यूनेस्को MAB सूची में शामिल)

  1. नीलगिरि
  2. नंदा देवी
  3. नोकरेक
  4. सुंदरबन
  5. मन्नार की खाड़ी
  6. सिमलीपाल
  7. पचमढ़ी
  8. अचंलमलाई
  9. ग्रेट निकोबार
  10. कंचनजंघा
  11. अमर्खंटक
  12. दिब्रू-सैखोवा


महत्व

  • पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना।
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना।
  • जैव विविधता का संरक्षण और लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा।
  • स्थानीय समुदायों की सहभागिता और उनके परंपरागत ज्ञान का सम्मान।
  • पर्यटन और शिक्षा के अवसर।


चुनौतियाँ

  • वनों की कटाई और अतिक्रमण।
  • शिकार और अवैध वन्यजीव व्यापार।
  • जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण।
  • पर्यटन और विकास कार्यों का दबाव।


निष्कर्ष

भारत के जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र केवल वन्यजीवों का ही घर नहीं हैं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और पारिस्थितिक धरोहर भी हैं। यदि इनका संरक्षण सामुदायिक सहभागिता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किया जाए, तो ये आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्राकृतिक प्रयोगशाला और जीवन का आधार बने रहेंगे।



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