भारत में रासायनिक उद्योग

भारत में रासायनिक उद्योग 

(Chemical Industry in India)

भारत का रासायनिक उद्योग देश की आर्थिक प्रगति, औद्योगिक विकास और निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह उद्योग न केवल कृषि, औषधि, वस्त्र, पेट्रोकेमिकल, खाद्य और निर्माण क्षेत्र को सहारा देता है बल्कि विदेशी मुद्रा अर्जन का भी बड़ा साधन है।


रासायनिक उद्योग का महत्व

  • भारत विश्व के शीर्ष 10 रासायनिक उत्पादक देशों में शामिल है।
  • देश की कुल औद्योगिक उत्पादन में लगभग 14% योगदान
  • निर्यात में 11% हिस्सेदारी और 80,00,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार।
  • कृषि और खाद्य सुरक्षा में उर्वरक उद्योग की प्रमुख भूमिका।


भारत में रासायनिक उद्योग की प्रमुख श्रेणियाँ

1. उर्वरक उद्योग (Fertilizer Industry)

  • कृषि क्षेत्र की रीढ़।
  • मुख्य प्रकार: नाइट्रोजनयुक्त (यूरिया), फॉस्फेटिक, पोटाश।
  • प्रमुख केंद्र: सिंदरी (झारखंड), तलचर (ओडिशा), विजयवाड़ा, लुधियाना, त्रावणकोर (केरल)
  • प्रमुख कंपनियाँ: IFFCO, NFL, FACT, GSFC

2. औषधि और दवा उद्योग (Pharmaceuticals)

  • भारत को "फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड" कहा जाता है।
  • प्रमुख केंद्र: हैदराबाद, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, अहमदाबाद
  • प्रमुख कंपनियाँ: Sun Pharma, Dr. Reddy’s, Cipla, Lupin

3. पेट्रोकेमिकल उद्योग (Petrochemical Industry)

  • कच्चे तेल से प्लास्टिक, सिंथेटिक फाइबर, रबर, पेंट और डिटर्जेंट का उत्पादन।
  • प्रमुख केंद्र: जामनगर (गुजरात), बरौनी (बिहार), माथेरान, हजीरा (गुजरात), रतnagiri (महाराष्ट्र)
  • प्रमुख कंपनियाँ: Reliance Industries, IOCL, ONGC Petro Additions

4. पेंट और डाई उद्योग (Paints & Dyes)

  • वस्त्र, निर्माण और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उपयोगी।
  • प्रमुख केंद्र: मुंबई, अहमदाबाद, कानपुर, चेन्नई
  • प्रमुख कंपनियाँ: Asian Paints, Berger Paints, Indigo Paints

5. सीमेंट और सोडा उद्योग (Cement & Soda Industry)

  • सीमेंट निर्माण में सोडा ऐश का प्रमुख योगदान।
  • प्रमुख केंद्र: मोरबी (गुजरात), डोलवी (महाराष्ट्र), आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु
  • प्रमुख कंपनियाँ: Tata Chemicals, GHCL, Nirma


भारत में रासायनिक उद्योग के प्रमुख केंद्र

उद्योग का प्रकार मुख्य केंद्र प्रमुख कंपनियाँ
उर्वरक सिंदरी, लुधियाना, तलचर, त्रावणकोर IFFCO, NFL, FACT
औषधि हैदराबाद, मुंबई, पुणे Sun Pharma, Cipla
पेट्रोकेमिकल जामनगर, बरौनी, हजीरा Reliance, IOCL
पेंट व डाई मुंबई, अहमदाबाद, कानपुर Asian Paints, Berger
सोडा ऐश मोरबी, डोलवी, तमिलनाडु Tata Chemicals, Nirma

भारत में रासायनिक उद्योग की चुनौतियाँ

  • कच्चे माल और पेट्रोलियम उत्पादों पर आयात निर्भरता।
  • पर्यावरण प्रदूषण और अपशिष्ट प्रबंधन की समस्या।
  • वैश्विक बाजार में मूल्य प्रतिस्पर्धा।
  • तकनीकी नवाचार और अनुसंधान की कमी।
  • छोटे और मध्यम उद्योगों में आधुनिक मशीनरी का अभाव।


सरकारी पहल और नीतियाँ

  • राष्ट्रीय रासायनिक नीति के तहत नए क्लस्टर और पार्क विकसित।
  • मेक इन इंडिया अभियान से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा।
  • 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति।
  • पर्यावरण अनुकूल ग्रीन केमिकल्स पर ज़ोर।


भविष्य की संभावनाएँ

  • भारत 2030 तक विश्व का तीसरा सबसे बड़ा रासायनिक बाजार बन सकता है।
  • ग्रीन और बायो-केमिकल्स की मांग तेजी से बढ़ेगी।
  • एथेनॉल ब्लेंडिंग और सस्टेनेबल केमिकल्स में बड़े अवसर।
  • ग्लोबल सप्लाई चेन में चीन का विकल्प बन सकता है भारत।


निष्कर्ष

भारत का रासायनिक उद्योग विविधता और क्षमता से भरपूर है। यह उद्योग न केवल कृषि, वस्त्र, निर्माण और स्वास्थ्य क्षेत्र की रीढ़ है बल्कि भविष्य के तकनीकी और हरित विकास का भी आधार है। आने वाले वर्षों में, सरकारी समर्थन, वैश्विक निवेश और अनुसंधान नवाचार से भारत रासायनिक उद्योग का वैश्विक नेता बन सकता है।


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