भारत में संचार
संचार (Communication in India) किसी भी देश के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास की रीढ़ है। भारत जैसा विशाल और विविधतापूर्ण देश आधुनिक संचार साधनों के साथ-साथ पारंपरिक संचार माध्यमों पर भी निर्भर करता है। डिजिटल क्रांति, टेलीकॉम, डाक प्रणाली, प्रसारण, इंटरनेट और उपग्रह संचार ने भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी देशों में स्थान दिलाया है।
भारत में संचार का विकास
भारत में संचार का इतिहास प्राचीन युग के संदेशवाहकों और कबूतर डाक से शुरू होकर आज 5G इंटरनेट और उपग्रह नेटवर्क तक पहुँच चुका है। स्वतंत्रता के बाद संचार साधनों के आधुनिकीकरण ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच सूचना प्रवाह को सशक्त बनाया है।
संचार के प्रमुख प्रकार
1. डाक एवं डाकघर सेवाएँ (Postal Communication)
- भारत में विश्व का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क है, लगभग 1.55 लाख डाकघर।
- सेवाएँ – स्पीड पोस्ट, मनी ऑर्डर, पार्सल, पोस्टल बैंकिंग, फिलैटली।
- ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी डाकघर संचार का प्रमुख साधन हैं।
2. दूरसंचार (Telecommunication)
- भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल उपभोक्ता देश है।
- प्रमुख सेवाएँ – मोबाइल कॉल, लैंडलाइन, एसएमएस, इंटरनेट टेलीफोनी।
- प्रमुख कंपनियाँ – भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन-आइडिया, बीएसएनएल।
- 5G तकनीक से संचार की गति और गुणवत्ता में क्रांतिकारी सुधार।
3. प्रसारण सेवाएँ (Broadcasting Services)
- रेडियो – आकाशवाणी (All India Radio) पूरे देश में सूचना और मनोरंजन का साधन।
- दूरदर्शन – सरकारी टीवी चैनल, साथ ही निजी चैनलों का बड़ा नेटवर्क।
- डीटीएच सेवाएँ – डिश टीवी, टाटा प्ले, एयरटेल डीटीएच आदि।
4. इंटरनेट और डिजिटल संचार
- भारत में 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपभोक्ता।
- प्रमुख सेवाएँ – ई-मेल, सोशल मीडिया, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ऑनलाइन शिक्षा, ई-कॉमर्स।
- डिजिटल इंडिया अभियान ने ई-गवर्नेंस और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया।
5. उपग्रह संचार (Satellite Communication)
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) उपग्रहों के माध्यम से संचार और मौसम पूर्वानुमान की सुविधा देता है।
- INSAT और GSAT श्रृंखला के उपग्रह – टेलीविजन प्रसारण, इंटरनेट और रक्षा सेवाओं के लिए।
संचार के क्षेत्रीय और ग्रामीण पहलू
- ग्रामीण भारत में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और भारत नेट परियोजना के तहत इंटरनेट सेवाएँ।
- मोबाइल टावरों और वाई-फाई हॉटस्पॉट्स से गाँव-गाँव कनेक्टिविटी।
- रेडियो और सामुदायिक प्रसारण स्थानीय संचार का प्रमुख साधन।
भारत में संचार की चुनौतियाँ
- ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क और इंटरनेट की असमान उपलब्धता।
- डिजिटल साक्षरता की कमी।
- साइबर अपराध और डेटा सुरक्षा से जुड़ी समस्याएँ।
- प्रसारण और टेलीकॉम क्षेत्र में निजी-सरकारी असमानता।
निष्कर्ष
भारत में संचार साधन न केवल लोगों को जोड़ते हैं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, प्रशासन और राष्ट्रीय एकता को भी सशक्त बनाते हैं। आने वाले समय में 6G तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उपग्रह आधारित इंटरनेट भारत को वैश्विक संचार क्रांति का अगुआ बना देंगे।
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