नदियों के जलसम्भर क्षेत्र और उनका उपयोग
परिचय
जलसम्भर क्षेत्र (Drainage Basin) उस भूभाग को कहते हैं जहाँ होने वाली वर्षा, हिमपात या झरनों का जल एकत्र होकर किसी नदी या उसकी सहायक नदियों के माध्यम से बहता है। प्रत्येक नदी प्रणाली का अपना अलग जलसम्भर क्षेत्र होता है। यह क्षेत्र न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि कृषि, जलविद्युत, पेयजल, परिवहन और पारिस्थितिकी के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
जलसम्भर क्षेत्र की परिभाषा
किसी नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा जल निकासी के लिए नियंत्रित समस्त क्षेत्र को नदी का जलसम्भर क्षेत्र कहा जाता है।
उदाहरण:
- गंगा-ब्रह्मपुत्र जलसम्भर क्षेत्र
- अमेज़न जलसम्भर क्षेत्र
- मिसिसिपी जलसम्भर क्षेत्र
जलसम्भर क्षेत्र की विशेषताएँ
- इसमें पहाड़ियाँ, मैदान, पठार, झीलें और नदियाँ शामिल होती हैं।
- इसकी सीमाएँ जलविभाजक (Watershed) द्वारा तय होती हैं।
- जलसम्भर क्षेत्र का आकार छोटा (जैसे स्थानीय नदी) या विशाल (जैसे अमेज़न) हो सकता है।
- यहाँ की मिट्टी, भू-आकृति और जलवायु नदी के प्रवाह और उपयोगिता को प्रभावित करती है।
विश्व के प्रमुख जलसम्भर क्षेत्र
- अमेज़न नदी का जलसम्भर क्षेत्र: सबसे बड़ा, लगभग 70 लाख वर्ग किमी क्षेत्रफल।
- गंगा-ब्रह्मपुत्र जलसम्भर क्षेत्र: दक्षिण एशिया का सबसे उपजाऊ क्षेत्र।
- मिसिसिपी-मिसौरी जलसम्भर क्षेत्र: उत्तरी अमेरिका का विशाल कृषि क्षेत्र।
- नील नदी जलसम्भर क्षेत्र: अफ्रीका की सभ्यता की जननी।
- डैन्यूब नदी जलसम्भर क्षेत्र: यूरोप के 19 देशों से जुड़ा हुआ।
जलसम्भर क्षेत्र के उपयोग
1. कृषि में उपयोग
- जलसम्भर क्षेत्र कृषि के लिए आवश्यक जल उपलब्ध कराता है।
- गादयुक्त मिट्टी भूमि की उर्वरता बढ़ाती है।
- गंगा-ब्रह्मपुत्र और नील घाटी प्राचीन काल से कृषि का केंद्र रही हैं।
2. जलविद्युत उत्पादन
- नदियों पर बने बाँध जलविद्युत का प्रमुख स्रोत हैं।
- जैसे – अस्वान बाँध (नील नदी), भाखड़ा-नांगल बाँध (सतलज नदी), थ्री गॉर्जेस बाँध (यांग्त्ज़ी नदी)।
3. पेयजल और घरेलू उपयोग
- बड़े शहरों और कस्बों की जलापूर्ति नदियों पर निर्भर है।
- जलसम्भर क्षेत्र के प्राकृतिक स्रोत गाँवों और नगरों को जीवनदायी जल देते हैं।
4. मत्स्य पालन और खाद्य आपूर्ति
- जलसम्भर क्षेत्र की नदियाँ और झीलें मछलियों और जलीय जीवों का निवास स्थल हैं।
- लाखों लोग मत्स्य पालन से अपनी आजीविका चलाते हैं।
5. परिवहन और व्यापार
- जलसम्भर क्षेत्र की नदियाँ ऐतिहासिक रूप से व्यापार मार्ग रही हैं।
- मिसिसिपी, डैन्यूब और गंगा आज भी आंतरिक परिवहन के लिए प्रयुक्त होती हैं।
6. जैव विविधता और पारिस्थितिकी
- जलसम्भर क्षेत्र वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का प्राकृतिक घर है।
- अमेज़न जलसम्भर क्षेत्र विश्व की 20% ऑक्सीजन उत्पन्न करता है।
7. सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
- भारत में गंगा, यमुना और नर्मदा घाटियाँ धार्मिक दृष्टि से पवित्र मानी जाती हैं।
- नदियों के किनारे बसे नगर (वाराणसी, लक्सर, काहिरा) सांस्कृतिक धरोहर के केंद्र हैं।
जलसम्भर क्षेत्रों से जुड़ी चुनौतियाँ
- प्रदूषण: औद्योगिक और घरेलू कचरे का प्रवाह।
- जलवायु परिवर्तन: वर्षा और बर्फ पिघलने के पैटर्न में बदलाव।
- बाँध और नहरें: प्राकृतिक प्रवाह और जैव विविधता पर प्रभाव।
- अत्यधिक दोहन: कृषि और उद्योग की बढ़ती मांग से जल संसाधनों पर दबाव।
👉 निष्कर्ष
नदी के जलसम्भर क्षेत्र मानव जीवन और प्राकृतिक पारिस्थितिकी का अभिन्न हिस्सा हैं। ये कृषि, ऊर्जा, जलापूर्ति, परिवहन, मत्स्य पालन और सांस्कृतिक जीवन के लिए अपरिहार्य हैं। हमें इनका सतत विकास और संरक्षण करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन जीवनदायिनी स्रोतों का लाभ उठा सकें।
 
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