आर्थिक असमानता

आर्थिक असमानता(Economics Inequality)

आय असमानता एवं संपत्ति असमानता

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में असमानता (Inequality) सामाजिक और आर्थिक विकास की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। असमानता का अर्थ है – समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संसाधनों, अवसरों और जीवन स्तर में अंतर
मुख्य रूप से असमानता को दो बड़े रूपों में देखा जाता है:

  1. आय असमानता (Income Inequality)
  2. संपत्ति असमानता (Wealth Inequality)

आइए विस्तार से समझते हैं।


1. आय असमानता (Income Inequality)

परिभाषा

आय असमानता से तात्पर्य है – समाज के विभिन्न व्यक्तियों या समूहों के बीच आय (Earnings/Income) में अंतर। इसका मतलब है कि किसी को अधिक वेतन, लाभ या आमदनी प्राप्त हो रही है, जबकि किसी को बहुत कम।

कारण

  • शिक्षा और कौशल में असमानता
  • रोजगार अवसरों का असमान वितरण
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आय अंतर
  • संगठित और असंगठित क्षेत्र की खाई
  • लैंगिक असमानता (महिलाओं को समान कार्य के लिए कम वेतन)

प्रभाव

  • सामाजिक असंतोष और वर्ग संघर्ष
  • गरीबी और बेरोजगारी बढ़ना
  • आर्थिक विकास की गति धीमी होना
  • लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा


2. संपत्ति असमानता (Wealth Inequality)

परिभाषा

संपत्ति असमानता का अर्थ है – समाज के कुछ वर्गों के पास अत्यधिक संपत्ति और संसाधन होना, जबकि अधिकांश लोगों के पास बहुत कम या बिल्कुल न होना।
यह असमानता केवल आय से नहीं, बल्कि जमीन, मकान, पूँजी, सोना, शेयर, व्यवसाय आदि की असमानता से भी उत्पन्न होती है।

कारण

  • विरासत और पैतृक संपत्ति का असमान वितरण
  • पूँजी निवेश व व्यवसाय पर नियंत्रण का असमान अवसर
  • अमीरों के पास अधिक निवेश के साधन होना
  • गरीब वर्ग का ऋणग्रस्त होना
  • कर चोरी और नीतिगत असमानताएँ

प्रभाव

  • आर्थिक संसाधनों का केंद्रीकरण
  • गरीबों के लिए सामाजिक गतिशीलता (Social Mobility) की कमी
  • अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई
  • सामाजिक तनाव और असमान विकास


आय असमानता और संपत्ति असमानता में अंतर

बिंदु आय असमानता संपत्ति असमानता
परिभाषा व्यक्तियों की आय (वेतन/लाभ) में अंतर भूमि, घर, पूँजी, सोना आदि संपत्ति में अंतर
मापदंड मासिक/वार्षिक आय संचयी संपत्ति व निवेश
स्वरूप अल्पकालिक (कमाई का अंतर तुरंत दिखता है) दीर्घकालिक (पीढ़ियों तक चलता है)
प्रभाव जीवन-स्तर में अंतर, उपभोग की क्षमता में फर्क संसाधनों पर नियंत्रण, सामाजिक व आर्थिक शक्ति में असमानता
उदाहरण मजदूर को ₹10,000 मासिक और अधिकारी को ₹1,00,000 मासिक एक परिवार के पास 50 एकड़ ज़मीन, दूसरे के पास एक भी नहीं

असमानता दूर करने के उपाय

  • शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा
  • रोजगार अवसरों में समानता
  • प्रगतिशील कर प्रणाली (Progressive Taxation)
  • भूमि सुधार और संपत्ति का समान वितरण
  • महिला सशक्तिकरण और समान वेतन नीति
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ (पेंशन, बीमा, सब्सिडी)


निष्कर्ष

भारत में आय असमानता और संपत्ति असमानता दोनों ही विकास में बाधक हैं। जहाँ आय असमानता लोगों की कमाई और उपभोग क्षमता में अंतर पैदा करती है, वहीं संपत्ति असमानता संसाधनों और पूँजी पर नियंत्रण की खाई को और गहरा कर देती है।

यदि शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार सृजन, कर सुधार और सामाजिक सुरक्षा को सही दिशा में लागू किया जाए, तो इन असमानताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है और समाज में न्यायसंगत व समावेशी विकास (Inclusive Growth) सुनिश्चित किया जा सकता है।



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