प्रमुख पर्यावरणीय संगठन
Main Environment Organization
परिचय( Introduction)
पर्यावरण संरक्षण आज मानव अस्तित्व और सतत विकास के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है। सरकारें अपनी नीतियों और क़ानूनों से तो कार्य कर रही हैं, परंतु ग़ैर-सरकारी संगठन (NGOs), शोध संस्थान और जन आंदोलनों ने भी पर्यावरण को बचाने में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत और विश्व स्तर पर अनेक संगठन जागरूकता, शोध, नीतिगत सुझाव और जनभागीदारी के माध्यम से पर्यावरणीय संकटों का समाधान ढूँढने का प्रयास कर रहे हैं।
नीचे हम कुछ प्रमुख पर्यावरणीय संगठनों का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE)
- स्थापना – 1980
- संस्थापक – अनिल अग्रवाल
- मुख्यालय – नई दिल्ली
मुख्य कार्य
- पर्यावरणीय शोध और नीतिगत सुझाव।
- वायु प्रदूषण, जल संरक्षण और कचरा प्रबंधन पर अध्ययन।
- पत्रिका Down To Earth का प्रकाशन।
2. ग्रीनपीस इंडिया (Greenpeace India)
- स्थापना – 2001 (वैश्विक संगठन 1971 से सक्रिय)
- मुख्यालय – बेंगलुरु
- नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर अभियान।
- वनों और समुद्री पारिस्थितिकी का संरक्षण।
- प्रदूषण और अस्थिर औद्योगिक गतिविधियों का विरोध।
3. विश्व वन्यजीव कोष (WWF-India)
- स्थापना – 1969 (WWF International की भारतीय शाखा)
- मुख्यालय – नई दिल्ली
मुख्य कार्य –
- वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा।
- शिक्षा और जन-जागरूकता कार्यक्रम।
- “अर्थ ऑवर” जैसे अंतरराष्ट्रीय अभियान।
4. टेरी (TERI – The Energy and Resources Institute)
- स्थापना – 1974
- मुख्यालय – नई दिल्ली
मुख्य कार्य –
- ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा पर शोध।
- जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय अध्ययन।
- ग्रामीण विकास और सतत कृषि में योगदान।
5. पर्यावरण शिक्षा केंद्र (Centre for Environment Education – CEE)
- स्थापना – 1984
- मुख्यालय – अहमदाबाद
- पर्यावरण शिक्षा और प्रशिक्षण।
- स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम।
- स्वच्छता और सतत विकास परियोजनाएँ।
6. चिपको आंदोलन से जुड़े संगठन
- शुरुआत – 1973, उत्तराखंड में।
- नेतृत्व – सुन्दरलाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट।
मुख्य कार्य –
- वनों की कटाई रोकना।
- स्थानीय लोगों, विशेषकर महिलाओं की भागीदारी।
- सतत वानिकी और पारिस्थितिकी संरक्षण।
7. नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA)
- शुरुआत – 1985
- नेतृत्व – मेधा पाटकर
मुख्य कार्य –
- बड़े बांधों के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों के खिलाफ संघर्ष।
- विस्थापितों के अधिकारों की रक्षा।
- सतत विकास और जल प्रबंधन की वकालत।
8. अन्य उल्लेखनीय संगठन
- सैंक्चुरी एशिया (Sanctuary Asia) – वन्यजीव पत्रिका और संरक्षण अभियान।
- पर्यावरण मित्र – गुजरात आधारित NGO, स्वच्छता और प्लास्टिक प्रबंधन में सक्रिय।
- इंडियन यूथ क्लाइमेट नेटवर्क (IYCN) – युवाओं को जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से जोड़ना।
निष्कर्ष
भारत और विश्व में कार्यरत पर्यावरणीय संगठन न केवल शोध और नीतिगत सुझाव देते हैं, बल्कि वे जनभागीदारी, जागरूकता और धरातलीय आंदोलन के माध्यम से पर्यावरण को बचाने का कार्य कर रहे हैं। CSE, ग्रीनपीस इंडिया, WWF-India, TERI, CEE और जनआंदोलन जैसे चिपको आंदोलन व नर्मदा बचाओ आंदोलन ने यह साबित किया है कि जब समाज संगठित होता है, तो पर्यावरण संरक्षण संभव है।
 
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