यूरोपीय पुनर्जागरण काल

यूरोपीय पुनर्जागरण काल

कला, विज्ञान और विचारों का पुनर्जन्म

परिचय

यूरोपीय पुनर्जागरण काल (European Renaissance) 14वीं से 17वीं शताब्दी के बीच यूरोप में घटित एक अद्वितीय सांस्कृतिक, बौद्धिक और कलात्मक आंदोलन था। इस काल को मध्य युग और आधुनिक युग के बीच की कड़ी माना जाता है, जिसने विज्ञान, साहित्य, कला, दर्शन और राजनीति के क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन किए।


पृष्ठभूमि और उत्पत्ति

  • इटली में प्रारंभ – पुनर्जागरण की शुरुआत 14वीं शताब्दी में इटली के नगर-राज्यों (फ़्लोरेंस, वेनिस, मिलान) से हुई।
  • प्राचीन ग्रीक और रोमन ज्ञान की पुनर्खोज – विद्वानों ने प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन कर उन्हें नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया।
  • आर्थिक और व्यापारिक उन्नति – इटली के शहर यूरोप और एशिया के बीच व्यापार के केंद्र बन गए।
  • मुद्रण कला का आविष्कार (जोहान्स गुटेनबर्ग, 1440) – ज्ञान के प्रसार में क्रांतिकारी भूमिका।


मुख्य विशेषताएँ

1. मानवतावाद (Humanism)

  • मानव को सृष्टि के केंद्र में मानना।
  • जीवन के आनंद और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर बल।
  • साहित्य और शिक्षा में तर्क, विवेक और नैतिकता का महत्व।

2. कला में नवाचार

  • यथार्थवाद और परिप्रेक्ष्य (Perspective) – चित्रकला में त्रि-आयामी प्रभाव।
  • प्रसिद्ध कलाकार: लियोनार्डो दा विंची, माइकल एंजेलो, राफेल
  • विषय: धार्मिक चित्रों के साथ-साथ प्रकृति, मानव शरीर और दैनिक जीवन।

3. विज्ञान और आविष्कार

  • निकोलस कोपरनिकस – सूर्यकेंद्रित सिद्धांत।
  • गैलीलियो गैलीली – खगोल विज्ञान और भौतिकी में योगदान।
  • लियोनार्डो दा विंची – कला और विज्ञान का संगम।

4. साहित्यिक क्रांति

  • दांते अलिघिएरी – "डिवाइन कॉमेडी"।

  • ज्योफ्री चौसर – "कैंटरबरी टेल्स"।

  • विलियम शेक्सपियर – नाटकों और कविताओं में मानव भावनाओं का उत्कृष्ट चित्रण।


राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

  • सामंती व्यवस्था का पतन और आधुनिक राष्ट्र-राज्यों का उदय।

  • शिक्षा का प्रसार और विश्वविद्यालयों की स्थापना।

  • चर्च की शक्ति में कमी और धार्मिक सुधार आंदोलनों का उदय।


पुनर्जागरण के प्रमुख केंद्र

  1. फ़्लोरेंस – कला और वास्तुकला का केंद्र।

  2. वेनिस – व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र।

  3. रोम – धार्मिक और कलात्मक संरक्षण का प्रमुख केंद्र।


पुनर्जागरण और आधुनिकता

यूरोपीय पुनर्जागरण ने विज्ञान, लोकतंत्र, मानवाधिकार और कला के नए युग की नींव रखी। यह काल मध्य युग की रूढ़ियों को तोड़कर आधुनिक विश्व दृष्टिकोण के विकास का कारण बना।


निष्कर्ष

यूरोपीय पुनर्जागरण काल ने मानव सभ्यता को ज्ञान, कला, विज्ञान और स्वतंत्र विचार के नए क्षितिज प्रदान किए। इसने न केवल यूरोप बल्कि सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया और आधुनिक युग की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया।



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