📘 समान्तर माध्य (Harmonic Mean)
परिचय (Introduction)
गणितीय आँकड़ों के विश्लेषण में जहाँ अलग-अलग गति, समय, दूरी या अनुपात के आधार पर औसत निकालना होता है, वहाँ समान्तर माध्य (Harmonic Mean) का प्रयोग अत्यंत उपयोगी होता है। यह विशेष रूप से उन स्थितियों में प्रयुक्त होता है जहाँ औसत गति, प्रति यूनिट मूल्य या प्रति व्यक्ति अनुपात की गणना की जाती है।
🔍 समान्तर माध्य क्या है?
समान्तर माध्य, औसत ज्ञात करने की एक विधि है जो उन आँकड़ों के लिए उपयुक्त होती है जिनमें मूल्यों का आपसी व्युत्क्रमानुपाती (Reciprocal) संबंध होता है। इसे Harmonic Mean (HM) कहा जाता है।
📐 समान्तर माध्य का सूत्र
यदि किसी समूह में संख्याएँ हैं – ,
तो समान्तर माध्य (HM) का सूत्र होता है:
✅ उदाहरण से समझें
प्रश्न: एक आदमी 60 किमी की यात्रा पहले आधे रास्ते में 40 किमी/घंटा की गति से और बाकी रास्ते में 60 किमी/घंटा की गति से तय करता है। उसकी औसत गति ज्ञात करें।
हल:
यहाँ औसत गति निकालने के लिए समान्तर माध्य का प्रयोग करेंगे।
📊 समान्तर माध्य की विशेषताएँ
- यह हमेशा सबसे छोटे मान के पास होता है।
- अनुपात, गति, प्रति यूनिट आदि की गणना के लिए उपयुक्त।
- सकल औसत गति के लिए उपयुक्त नहीं (जहाँ दूरी समान नहीं हो)।
- इससे हमेशा सही औसत मिलता है जब समय या दूरी स्थिर हो।
📚 MCQs बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1: समान्तर माध्य का उपयोग कब किया जाता है?
A) जब सभी संख्याएँ बराबर होंB) जब समय निश्चित हो और गति बदलती हो
C) जब दूरी निश्चित हो और गति बदलती हो
D) जब केवल एक संख्या हो
उत्तर: B) जब समय निश्चित हो और गति बदलती हो
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन-सा सूत्र समान्तर माध्य के लिए सही है?
A)B)
C)
D) कोई नहीं
उत्तर: C)
प्रश्न 3: 2 और 3 का समान्तर माध्य क्या होगा?
A) 2.5B) 2.4
C) 2.0
D) 2.3
उत्तर:
उत्तर: B) 2.4
प्रश्न 4: समान्तर माध्य का मान हमेशा होता है –
A) अंकगणितीय माध्य से अधिकB) ज्यामितीय माध्य से अधिक
C) कम या बराबर
D) अधिक या बराबर
उत्तर: C) कम या बराबर
प्रश्न 5: यदि किसी समूह के सभी मान समान हों तो तीनों माध्य (AM, GM, HM) के मान होंगे:
A) अलग-अलगB) समान
C) केवल AM और GM समान
D) केवल GM और HM समान
उत्तर: B) समान
📝 निष्कर्ष
समान्तर माध्य गणित में एक अत्यंत उपयोगी औसत है, जो विशेषतः गति, अनुपात व प्रति यूनिट की समस्याओं में सही और तर्कसंगत उत्तर देता है। इसकी सटीकता व व्युत्क्रमानुपाती दृष्टिकोण इसे आँकड़ों के विश्लेषण में अत्यंत प्रभावशाली बनाता है।
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