होमरूल आंदोलन

होमरूल आंदोलन (Home Rule Movement)

भारत में स्वशासन की मांग

होमरूल आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक आंदोलन था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के तहत स्वशासन (Self-Government) की प्राप्ति था। यह आंदोलन भारतीयों में राष्ट्रीय जागरूकता और राजनीतिक सक्रियता पैदा करने वाला पहला बड़ा प्रयास माना जाता है।


होमरूल आंदोलन की पृष्ठभूमि

  • साल: 1916–1918
  • स्थापक नेता: बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट
  • स्थापना स्थल: मुंबई और मद्रास
  • प्रेरणा: आयरिश होमरूल आंदोलन से प्रभावित होकर भारतीय नेताओं ने भारत में भी स्वशासन की मांग उठाई।


मुख्य उद्देश्य

  1. स्वशासन (Home Rule) की मांग – ब्रिटिश शासन के अधीन भारत को स्वशासन प्रदान करना।
  2. राष्ट्रीय जागरूकता फैलाना – जनता को स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय करना।
  3. राजनीतिक संगठन – शिक्षा, प्रचार और पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से राजनीतिक चेतना बढ़ाना।
  4. सामाजिक और आर्थिक सुधार – समाज में जागरूकता, देशी उद्योगों का समर्थन और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार।


होमरूल आंदोलन के प्रमुख नेता

नेता का नाम योगदान
बाल गंगाधर तिलक मुंबई केंद्रित होमरूल लीग की स्थापना और राष्ट्रीय जागरूकता का प्रचार।
एनी बेसेंट मद्रास में होमरूल लीग का नेतृत्व, महिलाओं और शिक्षित वर्ग को आंदोलन में शामिल करना।
लाला लाजपत राय प्रचार और राजनीतिक रणनीति में सक्रिय योगदान।
बिपिन चंद्र पाल बंगाल में होमरूल आंदोलन का समर्थन और स्वदेशी विचारों का प्रसार।

होमरूल आंदोलन की विशेषताएँ

  1. शांति और अहिंसा पर आधारित आंदोलन – ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन।
  2. सामूहिक जागरूकता – लोगों को संगठित करके राजनीतिक चेतना फैलाना।
  3. देशभक्ति का प्रचार – राष्ट्रीय गीत, भाषण और साहित्य के माध्यम से जनता में देशभक्ति पैदा करना।
  4. स्वदेशी का समर्थन – विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और देशी उद्योगों को बढ़ावा देना।


होमरूल आंदोलन के प्रभाव

राजनीतिक प्रभाव:

  • भारतीय जनता में राजनीतिक जागरूकता और संगठन की भावना।
  • स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक मजबूत आधार तैयार हुआ।

सामाजिक प्रभाव:

  • महिलाओं और युवाओं को आंदोलन में भागीदारी का अवसर मिला।
  • भारतीय समाज में संगठित और सक्रिय नागरिकता की भावना बढ़ी।

आर्थिक प्रभाव:

  • स्वदेशी और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार ने देशी उद्योगों को प्रोत्साहन दिया।

निष्कर्ष

होमरूल आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इसने स्वशासन की मांग और राष्ट्रीय जागरूकता को जनता के बीच फैलाया। यह आंदोलन भारतीयों को संगठित करने और स्वतंत्रता संग्राम के लिए तैयार करने में निर्णायक साबित हुआ।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ