भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन और आंदोलन

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन और आंदोलन 

Indian National Congress Formation During Movement

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) का गठन 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में भारत में बढ़ती राजनीतिक चेतना का परिणाम था। यह संस्था आगे चलकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की धुरी बन गई और अनेक आंदोलनों के माध्यम से देश को औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई।


🔶 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना

स्थापना की तिथि और स्थान

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुई थी। इसका पहला अधिवेशन गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में संपन्न हुआ।

स्थापक व्यक्ति

इसका प्रमुख श्रेय ए. ओ. ह्यूम (Allan Octavian Hume) को जाता है, जो एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी थे। उन्होंने भारतीयों को राजनीतिक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से कांग्रेस की नींव रखी।

प्रथम अध्यक्ष

कांग्रेस के पहले अध्यक्ष थे व्योमेश चंद्र बनर्जी


🔷 कांग्रेस के गठन के उद्देश्य

  • भारतीयों को एक राष्ट्रीय मंच देना।
  • ब्रिटिश सरकार से सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक सुधार की माँग करना।
  • विभिन्न प्रांतों, धर्मों और जातियों के लोगों को एक राष्ट्रवादी भावना में जोड़ना।
  • शांतिपूर्ण और संवैधानिक उपायों के माध्यम से स्वराज की दिशा में अग्रसर होना।


🔶 प्रारंभिक चरण (1885–1905) – नरमपंथी युग

इस दौर में कांग्रेस ने अपने उद्देश्यों को मांगपत्रों, याचिकाओं और प्रार्थनाओं के माध्यम से ब्रिटिश शासन के समक्ष रखा। प्रमुख नेता थे:

  • दादा भाई नैरोजी
  • गोपाल कृष्ण गोखले
  • फिरोजशाह मेहता
  • एम.जी. रानाडे

प्रमुख मांगें:

  • भारतीयों को प्रशासनिक सेवाओं में स्थान मिले।
  • उच्च शिक्षा का प्रसार हो।
  • कृषि करों में कटौती की जाए।
  • प्रेस और भाषण की स्वतंत्रता मिले।


🔷 उग्र राष्ट्रवाद और बंटवारा (1905–1918)

बंगाल विभाजन (1905) और स्वदेशी आंदोलन के बाद कांग्रेस दो भागों में बंट गई:

  • नरमपंथी (Moderates) – गोखले आदि।
  • गरमपंथी (Extremists)बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल

महत्वपूर्ण नारे:

  • "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है" – बाल गंगाधर तिलक

प्रमुख आंदोलन:

  • स्वदेशी आंदोलन
  • विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार
  • स्वदेशी शिक्षा संस्थानों की स्थापना


🔶 गांधी युग और जन आंदोलन (1919–1947)

महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के आंदोलन:

1. असहयोग आंदोलन (1920–1922):

  • जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद।
  • सरकारी नौकरियों, स्कूलों और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार।

2. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930):

  • नमक कानून के विरोध में दांडी यात्रा
  • सत्याग्रह और अहिंसा के आधार पर आंदोलन।

3. भारत छोड़ो आंदोलन (1942):

  • "अंग्रेजों भारत छोड़ो" का नारा।
  • देशव्यापी आंदोलन, गांधी जी और कई नेता गिरफ्तार।

कांग्रेस का लक्ष्य – पूर्ण स्वतंत्रता (Poorna Swaraj)

  • 1929 के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में यह घोषणा हुई।

🔷 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उपलब्धियाँ

  • राष्ट्रीयता की भावना का प्रसार किया।
  • ब्रिटिश शासन के विरुद्ध जनमत तैयार किया।
  • सामाजिक और आर्थिक सुधारों को समर्थन दिया।
  • भारत की संविधान सभा के गठन में अग्रणी भूमिका निभाई।


🔶 स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस

1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।


🔷 निष्कर्ष

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन केवल एक राजनीतिक संगठन की स्थापना नहीं था, बल्कि यह भारतीय आत्मसम्मान, एकता और स्वतंत्रता की भावना को जन-जन तक पहुँचाने की शुरुआत थी। इस संस्था ने अनेक आंदोलनों, विचारों और कुर्बानियों के माध्यम से भारत को आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)


प्रश्न 1: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?

उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुई थी।


प्रश्न 2: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किसने की थी?

उत्तर: इसकी स्थापना ए. ओ. ह्यूम (Allan Octavian Hume) ने भारतीय नेताओं के साथ मिलकर की थी।


प्रश्न 3: कांग्रेस का पहला अध्यक्ष कौन था?

उत्तर: कांग्रेस के पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे।


प्रश्न 4: कांग्रेस की स्थापना का उद्देश्य क्या था?

उत्तर: इसका उद्देश्य भारतीयों को एक राजनीतिक मंच देना, ब्रिटिश शासन से सुधारों की माँग करना और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना था।


प्रश्न 5: कांग्रेस ने कौन-कौन से प्रमुख आंदोलन किए?

उत्तर:

  • असहयोग आंदोलन (1920)
  • सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)
  • भारत छोड़ो आंदोलन (1942)


प्रश्न 6: कांग्रेस का कौन-सा अधिवेशन पूर्ण स्वराज की घोषणा के लिए प्रसिद्ध है?

उत्तर: 1929 का लाहौर अधिवेशन, जिसकी अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी।


प्रश्न 7: कांग्रेस का विभाजन कब हुआ था?

उत्तर: 1907 के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस नरमपंथियों और गरमपंथियों में विभाजित हो गई थी।


प्रश्न 8: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में महात्मा गांधी की भूमिका क्या थी?

उत्तर: महात्मा गांधी ने कांग्रेस को जन आंदोलन का स्वरूप दिया और अहिंसा, सत्याग्रह और जनभागीदारी के माध्यम से इसे व्यापक जनसंघर्ष में बदल दिया।


प्रश्न 9: स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस की भूमिका क्या रही?

उत्तर: स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बनी और संविधान निर्माण तथा देश के शासन में अग्रणी रही।


प्रश्न 10: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का स्वतंत्रता संग्राम में क्या महत्व रहा?

उत्तर: कांग्रेस ने स्वतंत्रता आंदोलन को राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाया, विभिन्न वर्गों को जोड़ा और ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनजागृति फैलाई।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ