पूर्वोत्तर भारत का भूगोल
परिचय(Introduction)
पूर्वोत्तर भारत, जिसे प्रायः "सेवन सिस्टर्स" (अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा) और बाद में सिक्किम के सम्मिलन के कारण "एट सिस्टर्स"** भी कहा जाने लगा है, भारत का एक अत्यंत रणनीतिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। यह भाग प्राकृतिक सौंदर्य, पर्वतीय संरचना, नदी तंत्र, जैवविविधता और विविध संस्कृतियों के लिए प्रसिद्ध है।
🗺️ भौगोलिक स्थिति
- यह क्षेत्र भारत के उत्तर-पूर्वी छोर पर स्थित है।
- भूटान, चीन (तिब्बत), म्यांमार और बांग्लादेश से इसकी सीमाएँ लगती हैं।
- इसे देश के अन्य भागों से सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) द्वारा जोड़ा गया है।
⛰️ भौगोलिक संरचना
हिमालय क्षेत्र (अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम)
यहाँ हिमालय की पूर्वी शाखाएँ स्थित हैं।
प्रमुख चोटियाँ : कंचनजंगा (8,586 मीटर, सिक्किम), नामचा बारवा (तिब्बत सीमा के पास)।
प्रमुख चोटियाँ : कंचनजंगा (8,586 मीटर, सिक्किम), नामचा बारवा (तिब्बत सीमा के पास)।
मध्य पर्वतीय क्षेत्र (नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा)
यहाँ नागा हिल्स, मणिपुर हिल्स और लुशाई हिल्स (मिज़ोरम) प्रमुख हैं।
इन क्षेत्रों में संकरे घाटियाँ और उपजाऊ मैदान पाए जाते हैं।
इन क्षेत्रों में संकरे घाटियाँ और उपजाऊ मैदान पाए जाते हैं।
असम घाटी (ब्रहमपुत्र घाटी)
उत्तर में हिमालय और दक्षिण में मेघालय-नागालैंड पर्वतों से घिरी हुई।
यहाँ की भूमि अत्यंत उपजाऊ है।
यहाँ का चेरापूंजी और मौसिनराम विश्व के सर्वाधिक वर्षा वाले क्षेत्र हैं।
यहाँ की भूमि अत्यंत उपजाऊ है।
मेघालय पठार
गारो, खासी और जयंतिया पहाड़ियाँ।यहाँ का चेरापूंजी और मौसिनराम विश्व के सर्वाधिक वर्षा वाले क्षेत्र हैं।
🌊 नदी तंत्र
- ब्रहमपुत्र नदी : क्षेत्र की जीवनरेखा, तिब्बत से निकलकर असम से होकर बांग्लादेश जाती है।
- बराक नदी : मणिपुर और मिज़ोरम से बहती है।
- अन्य नदियाँ : तिस्ता (सिक्किम), सुबनसिरी, दिहांग, मानस।
🌦️ जलवायु
- यहाँ की जलवायु आर्द्र मानसूनी है।
- वार्षिक वर्षा : 200–600 सेमी (विश्व में सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र)।
- गर्मियाँ मध्यम, जबकि सर्दियाँ ठंडी होती हैं।
🌿 प्राकृतिक संसाधन और जैव विविधता
- घने सदाबहार वन और वर्षा वन।
- प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान : काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम) – एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध।
- मानस राष्ट्रीय उद्यान (असम) – यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल।
- प्रमुख उत्पाद : चाय, बांस, रबर, गन्ना, चावल।
- खनिज : तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला, चूना पत्थर।
👥 जनसंख्या और संस्कृति
- यहाँ अनेक जनजातियाँ निवास करती हैं – नागा, मिज़ो, गारो, खासी, बोड़ो आदि।
- विविध भाषाएँ और बोलियाँ (असमिया, मिज़ो, नागामीज़, मणिपुरी, खासी, बोडो)।
- प्रमुख त्योहार : बिहू (असम), हॉर्नबिल (नागालैंड), वांगला (मेघालय)।
🛤️ परिवहन और संपर्क
- पहाड़ी भू-आकृति के कारण परिवहन कठिन।
- गुवाहाटी (असम) यहाँ का प्रमुख रेलवे, सड़क और हवाई संपर्क केंद्र है।
- सिलीगुड़ी कॉरिडोर (पश्चिम बंगाल) ही शेष भारत से संपर्क का प्रमुख मार्ग है।
📊 प्रमुख आँकड़े
- क्षेत्रफल : लगभग 2,62,000 वर्ग किमी (भारत के कुल क्षेत्रफल का ~7.9%)।
- जनसंख्या : लगभग 4.5 करोड़ (2021 अनुमान)।
- चाय उत्पादन : भारत की कुल चाय का लगभग 55% उत्पादन असम और दार्जिलिंग से।
- वर्षा : मौसिनराम (मेघालय) में औसत 11,000 मिमी/वर्षा।
⚠️ चुनौतियाँ
- भूस्खलन और बाढ़ की समस्या।
- अलगाववाद और सुरक्षा संबंधी चुनौतियाँ।
- अविकसित परिवहन अवसंरचना।
- प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन।
✅ समाधान और विकास की दिशा
- कनेक्टिविटी सुधार – सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क का विस्तार।
- पर्यटन को बढ़ावा – इको-टूरिज्म और जनजातीय संस्कृति का प्रचार।
- स्थायी कृषि पद्धतियाँ – झूम खेती (Shifting Cultivation) को नियंत्रित कर आधुनिक तकनीक अपनाना।
- सीमा व्यापार और सामरिक महत्व – पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक मार्गों का विस्तार।
निष्कर्ष
पूर्वोत्तर भारत भौगोलिक दृष्टि से अद्वितीय, प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर क्षेत्र है। यह न केवल भारत की जैव विविधता का खजाना है बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यदि यहाँ की चुनौतियों का समाधान किया जाए तो यह क्षेत्र भारत की आर्थिक प्रगति का प्रमुख इंजन बन सकता है।
 
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