शीतलहर, गर्मी की लहर और बर्फबारी

शीतलहर, गर्मी की लहर और बर्फबारी

परिचय

भारत की जलवायु विविधताओं में शीतलहर, गर्मी की लहर और बर्फबारी प्रमुख मौसमी घटनाएँ हैं, जो न केवल मौसम को प्रभावित करती हैं बल्कि मानव जीवन, कृषि, परिवहन और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डालती हैं। ये सभी घटनाएँ तापमान, हवा की दिशा, आर्द्रता और स्थलाकृति के संयुक्त प्रभाव से उत्पन्न होती हैं।


शीतलहर (Cold Wave)

परिभाषा

शीतलहर वह स्थिति है जिसमें तापमान सामान्य से काफी कम हो जाता है और ठंडी हवाएँ तेजी से बहने लगती हैं। भारत में भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, किसी स्थान का न्यूनतम तापमान 10°C से कम और सामान्य से 4.5°C या अधिक कम होने पर इसे शीतलहर कहा जाता है।

कारण

  • ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएँ जो हिमालय से होकर मैदानों में आती हैं।
  • पश्चिमी विक्षोभ से उत्पन्न बर्फबारी के बाद ठंडी हवाओं का प्रवाह।
  • रात में साफ आसमान, जिससे ऊष्मा का ह्रास तेज़ी से होता है।

प्रभावित क्षेत्र

  • पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश।
  • कभी-कभी उत्तरी पर्वतीय राज्यों में भी अत्यधिक ठंड का अनुभव होता है।

प्रभाव

  • मानव स्वास्थ्य: हाइपोथर्मिया और श्वसन संबंधी रोग।
  • कृषि: रबी फसलों पर प्रतिकूल असर।
  • परिवहन: कोहरा और ठंड से रेल व सड़क यातायात बाधित।


गर्मी की लहर (Heat Wave)

परिभाषा

गर्मी की लहर वह स्थिति है जिसमें अधिकतम तापमान सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतम तापमान 40°C (मैदानों में) या 30°C (पहाड़ों में) से अधिक और सामान्य से 4.5°C या उससे ज्यादा बढ़ा हुआ हो तो इसे गर्मी की लहर कहा जाता है।

कारण

  • पश्चिमी विक्षोभ की कमी जिससे ठंडी हवाओं का अभाव।
  • स्थिर उच्च दाब प्रणाली जो गर्म हवा को फँसा देती है।
  • मरुस्थलीय हवाओं का प्रभाव विशेषकर राजस्थान से उत्तर भारत में।

प्रभावित क्षेत्र

  • राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा।

प्रभाव

  • स्वास्थ्य: लू लगना, निर्जलीकरण, हीट स्ट्रोक।
  • कृषि: खरीफ फसलों की बुवाई पर प्रतिकूल प्रभाव।
  • पर्यावरण: जल स्रोतों का सूखना और वन्यजीवों के लिए संकट।


बर्फबारी (Snowfall)

परिभाषा

जब वायुमंडलीय तापमान 0°C या उससे कम होता है और नमी युक्त बादलों में बर्फ के क्रिस्टल बनकर जमीन पर गिरते हैं, तो इसे बर्फबारी कहते हैं।

कारण

  • पश्चिमी विक्षोभ से हिमालयी क्षेत्रों में नमी युक्त बादल आना।
  • उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान का अत्यधिक गिरना

प्रभावित क्षेत्र

  • जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र।

प्रभाव

  • पर्यटन: शीतकालीन पर्यटन में वृद्धि।
  • कृषि: सेब, आलूबुखारा जैसी बागवानी फसलों के लिए लाभदायक।
  • परिवहन: सड़कों और हवाई यातायात में बाधा।


निष्कर्ष

शीतलहर, गर्मी की लहर और बर्फबारी भारत की जलवायु की चरम मौसमी घटनाएँ हैं। ये प्राकृतिक रूप से घटित होती हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। इनके प्रभाव को कम करने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली, जनजागरूकता, और आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।



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