भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार

 भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार

(Indian World Trade Partners)

अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ और रूस

भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। वैश्वीकरण और उदारीकरण के बाद से भारत ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में उल्लेखनीय विस्तार किया है। भारत का व्यापार केवल वस्तुओं (Goods) तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सेवाएँ (Services), तकनीक, निवेश और ऊर्जा सहयोग भी शामिल हैं।
भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ और रूस विशेष स्थान रखते हैं।

आइए विस्तार से समझते हैं।


1. अमेरिका (USA) – भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

महत्व

  • अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य (Export Destination) है।
  • आईटी सेवाएँ, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न-आभूषण और वस्त्र अमेरिका को निर्यात में अग्रणी हैं।
  • अमेरिका से भारत मुख्य रूप से कच्चा तेल, विमानन उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ और रक्षा तकनीक आयात करता है।

विशेष क्षेत्र

  • आईटी और सेवा क्षेत्र (Infosys, TCS जैसी कंपनियों का बड़ा योगदान)
  • फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल उपकरण
  • रक्षा और तकनीकी सहयोग
  • ऊर्जा (LNG, शेल गैस आयात)

आँकड़े (2023-24 के अनुमान अनुसार)

  • द्विपक्षीय व्यापार: 120+ अरब डॉलर से अधिक
  • भारत का निर्यात > आयात


2. चीन – बड़ा आपूर्तिकर्ता और प्रतिस्पर्धी

महत्व

  • चीन भारत का सबसे बड़ा आयात स्रोत (Import Source) है।
  • भारत चीन से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, रसायन, औद्योगिक उपकरण, मोबाइल पार्ट्स आयात करता है।
  • भारत का चीन को निर्यात मुख्य रूप से कच्चा माल, लौह अयस्क, पेट्रोकेमिकल्स, कपास पर आधारित है।

चुनौतियाँ

  • व्यापार संतुलन (Trade Deficit) हमेशा चीन के पक्ष में रहता है।
  • भारत निर्यात से कम और आयात से अधिक निर्भर है।
  • दोनों देशों के बीच राजनीतिक और रणनीतिक तनाव भी व्यापार को प्रभावित करता है।

आँकड़े

  • द्विपक्षीय व्यापार: 115+ अरब डॉलर
  • व्यापार घाटा: 70+ अरब डॉलर (भारत के खिलाफ)


3. यूरोपीय संघ (European Union – EU)

महत्व

  • यूरोपीय संघ भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
  • भारत का ईयू को निर्यात – वस्त्र, परिधान, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मा, जैविक रसायन।
  • ईयू से भारत में आयात – मशीनरी, ऑटोमोबाइल, रक्षा उपकरण, उच्च तकनीकी वस्तुएँ।

सहयोग

  • भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर वार्ता जारी।
  • सतत विकास, नवीकरणीय ऊर्जा और तकनीकी सहयोग।

आँकड़े

  • द्विपक्षीय व्यापार: 115-120 अरब डॉलर
  • ईयू भारत के कुल निर्यात का लगभग 15% हिस्सा है।


4. रूस – ऊर्जा और रक्षा सहयोग का स्तंभ

महत्व

  • रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी है।
  • हाल के वर्षों में रूस भारत का मुख्य ऊर्जा आपूर्तिकर्ता (कच्चा तेल, कोयला, उर्वरक) बन गया है।
  • भारत रूस को चाय, कॉफी, दवाइयाँ, मशीनरी और कृषि उत्पाद निर्यात करता है।

विशेष क्षेत्र

  • रक्षा सहयोग (मिसाइल सिस्टम, लड़ाकू विमान, परमाणु तकनीक)
  • ऊर्जा व्यापार (कच्चे तेल और गैस की बड़ी आपूर्ति)
  • अंतरिक्ष और विज्ञान सहयोग

आँकड़े

  • द्विपक्षीय व्यापार: 65-70 अरब डॉलर
  • 2022-24 में भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात कई गुना बढ़ाया।


अन्य साझेदार

रैंक देश व्यापार का कुल मूल्य (Import + Export) / विशेषता
1 संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ~ USD $80-85 अरब के आसपास
2 सऊदी अरब (Saudi Arabia) ~ USD $40-45 अरब
3 सिंगापुर (Singapore) लगभग USD $30-35 अरब 
4 इराक (Iraq) लगभग USD $30-35 अरब 
5 इंडोनेशिया (Indonesia) लगभग USD $30-36 अरब 
6 दक्षिण कोरिया (South Korea) व्यापार घाटा के साथ, महत्वपूर्ण आयात/निर्यात साझेदार 
7 हाँग काँग (Hong Kong) भारत के निर्यात-राइस, वस्त्र व अन्य ‍वस्तुओं का एक बड़ा गंतव्य
8 नीदरलैंड्स (Netherlands) निर्यात-आयात दोनों में भारत के लिए महत्वपूर्ण मार्ग, विशेषकर यूरोपीय बाजारों की पहुँच के कारण

निष्कर्ष

भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ और रूस की भूमिका अलग-अलग लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण है:

सेवा क्षेत्र और निर्यात का सबसे बड़ा गंतव्य।

    भारत को आने वाले वर्षों में इन साझेदारों के साथ संबंध मजबूत करने के साथ-साथ नए बाजारों (अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका) में भी अवसर तलाशने होंगे, ताकि उसका वैश्विक व्यापार संतुलित और स्थिर रह सके।

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