भारत में मक्का कृषि

भारत में मक्का कृषि

भारत में मक्का (Maize) को "अनाजों की रानी" कहा जाता है। यह देश की तीसरी सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है, जो खाद्य, चारा और औद्योगिक उपयोग के लिए अत्यंत मूल्यवान है। मक्का न केवल मनुष्यों का भोजन है बल्कि पशु और पोल्ट्री उद्योग के लिए भी प्रमुख आहार है।


मक्का का महत्व

  • खाद्य उपयोग: मक्का से दलिया, आटा, स्नैक्स, पॉपकॉर्न आदि बनते हैं।
  • पशु चारा: डेयरी और पोल्ट्री उद्योग का मुख्य आधार।
  • औद्योगिक उपयोग: स्टार्च, तेल, अल्कोहल, बायो-फ्यूल (इथेनॉल) उत्पादन।
  • आर्थिक महत्व: ग्रामीण किसानों की आय का महत्वपूर्ण साधन।


मक्का उत्पादन की उपयुक्त परिस्थितियाँ

जलवायु

  • मक्का उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय फसल है।
  • उपयुक्त तापमान: 20°C से 30°C
  • वर्षा: 50–100 से.मी. पर्याप्त।
  • यह वर्षा आधारित और सिंचाई दोनों क्षेत्रों में उगाई जाती है।

मिट्टी

  • मक्का के लिए दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।
  • जलोढ़ मिट्टी और काली मिट्टी भी उपयुक्त।


मक्का की बुवाई और कटाई

  • बुवाई का समय:

खरीफ मक्का – जून से जुलाई (मानसून पर आधारित)
रबी मक्का – अक्टूबर से नवंबर
जायद मक्का – फरवरी से मार्च
  • कटाई का समय: बुवाई के लगभग 90–120 दिन बाद।

भारत में मक्का उत्पादक क्षेत्र

1. दक्षिण भारत

  • कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु
  • सबसे अधिक उत्पादन, विशेषकर खरीफ मौसम में।

2. मध्य भारत

  • मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र
  • बड़े क्षेत्रफल में खेती, उद्योग और चारे के लिए उपयोग।

3. उत्तर भारत

  • उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान
  • परंपरागत क्षेत्र, यहाँ रबी मक्का भी उगाई जाती है।

4. पूर्वोत्तर भारत

  • असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम
  • छोटे पैमाने पर पारंपरिक खेती।


भारत में मक्का उत्पादन की स्थिति

  • भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा मक्का उत्पादक देश है।
  • उत्पादन: लगभग 30 मिलियन टन प्रति वर्ष
  • सबसे बड़ा उत्पादक राज्य: कर्नाटक (20% से अधिक उत्पादन)
  • अन्य प्रमुख राज्य: मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान।


मक्का की प्रमुख किस्में

  1. देशी किस्में: स्थानीय उपयोग और चारे के लिए।
  2. संकर किस्में (Hybrid Varieties): उच्च उत्पादकता और रोग प्रतिरोधक।
  3. मिठी मक्का (Sweet Corn): सब्जी और स्नैक्स के रूप में लोकप्रिय।
  4. बेबी कॉर्न: औद्योगिक और निर्यात के लिए।


खेती की पद्धति

  • हल या ट्रैक्टर से भूमि की जुताई।
  • कतार में बीज की बुवाई।
  • समय-समय पर सिंचाई और निराई-गुड़ाई।
  • जैविक खाद और उर्वरकों का प्रयोग।


मक्का कृषि से जुड़ी चुनौतियाँ

  1. सिंचाई की कमी और वर्षा पर निर्भरता।
  2. कीट एवं रोग (जैसे स्टेम बोरर, लीफ ब्लाइट)।
  3. भंडारण और विपणन की समस्या।
  4. किसानों के पास उन्नत बीज और तकनीक की कमी।
  5. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव।


नवीन प्रवृत्तियाँ और सुधार

  • संकर बीजों का उपयोग करके उत्पादन बढ़ाना।
  • ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई का प्रयोग।
  • मक्का आधारित उद्योग (बायो-फ्यूल, स्टार्च, पोल्ट्री) का विस्तार।
  • सरकारी योजनाएँ: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के अंतर्गत मक्का को बढ़ावा।


निष्कर्ष

भारत में मक्का कृषि का महत्व केवल खाद्य फसल के रूप में ही नहीं बल्कि पशु चारा और औद्योगिक कच्चे माल के रूप में भी है। यदि किसान उन्नत तकनीक, सिंचाई प्रबंधन और बेहतर विपणन प्रणाली अपनाएँ तो भारत मक्का उत्पादन में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है।



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