मौर्य साम्राज्य

मौर्य साम्राज्य

Mauryan Empire

भारत का पहला महान साम्राज्य

परिचय: मौर्य साम्राज्य का आरंभ

मौर्य साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप का प्रथम संगठित और विशाल साम्राज्य था, जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने लगभग 321 ई.पू. में की थी। यह साम्राज्य मगध से शुरू होकर पूरे उत्तर भारत, पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिण भारत के भी कुछ हिस्सों तक फैला हुआ था। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) थी।

चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) ने इस साम्राज्य की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। उनकी रचित कृति अर्थशास्त्र मौर्य प्रशासन की रीढ़ मानी जाती है।

चंद्रगुप्त मौर्य (321 ई.पू.–297 ई.पू.)

स्थापना और विस्तार

  • चंद्रगुप्त ने नंद वंश को पराजित कर मौर्य साम्राज्य की नींव रखी।
  • उन्होंने सिकंदर के उत्तराधिकारियों से पश्चिमोत्तर भारत को मुक्त कराया।
  • यूनानी राजदूत मैगस्थनीज़, जो सेल्यूकस निकेटर का प्रतिनिधि था, चंद्रगुप्त के दरबार में आया और उसने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "इंडिका" लिखी।

प्रशासनिक व्यवस्था

  • साम्राज्य को प्रांतों में विभाजित किया गया था।
  • राजधानी पाटलिपुत्र से एक केंद्रीकृत प्रशासन संचालित होता था।
  • एक विशाल सेना, जासूस तंत्र और कर प्रणाली लागू की गई थी।

बिंदुसार (297 ई.पू.–273 ई.पू.)

  • चंद्रगुप्त के बाद उनके पुत्र बिंदुसार ने शासन संभाला।
  • उन्हें यूनानी इतिहासकारों ने "अमित्रघात" कहा है।
  • उन्होंने दक्षिण भारत के कुछ राज्यों तक मौर्य साम्राज्य का विस्तार किया।
  • बिंदुसार के समय में भी यूनानी दूत (डीमेकस आदि) पाटलिपुत्र आए।

सम्राट अशोक (273 ई.पू.–232 ई.पू.)

कलिंग युद्ध (261 ई.पू.) और धर्म परिवर्तन

  • अशोक ने कलिंग राज्य पर आक्रमण कर विजय प्राप्त की, लेकिन इस युद्ध में हुए विनाश और नरसंहार ने उसे झकझोर दिया।
  • इसके बाद उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया और अहिंसा, करुणा एवं धर्म का प्रचार शुरू किया।

धर्म प्रचार और वैश्विक प्रभाव

  • अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए धर्म यात्राएँ कीं और धर्म महामात्रों की नियुक्ति की।
  • उन्होंने शिलालेख और स्तंभ लेख के माध्यम से जनसामान्य को संदेश पहुँचाया।
  • श्रीलंका, मध्य एशिया, मिस्र, यूनान आदि देशों में बौद्ध भिक्षु भेजे गए।
  • उनके समय में मौर्य साम्राज्य दक्षिण भारत से लेकर अफगानिस्तान तक फैला हुआ था।

मौर्य प्रशासनिक व्यवस्था

मुख्य विशेषताएँ:

  • केंद्रीकृत शासन प्रणाली
  • राज्यपालों की नियुक्ति
  • धर्म महामात्र, राजूक, युक्त जैसे अधिकारी
  • गुप्तचर व्यवस्था
  • कर प्रणाली और भूमि सर्वेक्षण
  • अर्थशास्त्र और इंडिकाप्रमुख ग्रंथ

अशोक के बाद मौर्य साम्राज्य का पतन

  • अशोक के बाद मौर्य शासक उतने सक्षम नहीं रहे।
  • साम्राज्य में धीरे-धीरे अराजकता और विघटन फैलने लगा।
  • अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या पुष्यमित्र शुंग ने 185 ई.पू. में कर दी और शुंग वंश की स्थापना की।

मौर्य काल की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ

धर्म और दर्शन

  • बौद्ध धर्म का अभूतपूर्व विस्तार
  • अहिंसा, सहिष्णुता और धर्म प्रचार को महत्व
  • स्तूपों और विहारों का निर्माण (जैसे – सांची का स्तूप)

शिल्प और स्थापत्य कला

  • अशोक स्तंभ (सारनाथ का सिंहचतुर्मुख स्तंभ – भारत का राष्ट्रीय प्रतीक)
  • शिलालेख और स्तंभ लेखों में प्राकृत भाषा का प्रयोग
  • मौर्य कालीन मूर्तिकला और वास्तुकलासरलता, भव्यता और आध्यात्मिकता का संगम

मौर्य काल की विशेषताएँ: संक्षिप्त सारणी

विषय

विवरण

स्थापना

चंद्रगुप्त मौर्य (321 ई.पू.)

राजधानी

पाटलिपुत्र

प्रमुख शासक

चंद्रगुप्त, बिंदुसार, अशोक

धर्म

बौद्ध धर्म (अशोक के बाद)

प्रशासनिक प्रणाली

केंद्रीकृत, जासूसी तंत्र, अधिकारियों की बहुस्तरीय व्यवस्था

कला व संस्कृति

स्तूप, शिलालेख, अशोक स्तंभ

अंत

185 ई.पू. में शुंग वंश की स्थापना के साथ

 

निष्कर्ष: मौर्य साम्राज्य की ऐतिहासिक विरासत

मौर्य साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप में एकीकृत शासन, राजनीतिक स्थायित्व, धार्मिक सहिष्णुता, और कला-संस्कृति के विकास की नींव रखी। सम्राट अशोक जैसे शासकों ने भारतीय विचारधारा को विश्व स्तर पर फैलाया। मौर्य युग की नीतियाँ और व्यवस्थाएँ आज भी प्रशासनिक अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

FAQ

यह रहे मौर्य साम्राज्य से संबंधित पाँच महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर:

प्रश्न 1: मौर्य साम्राज्य की स्थापना किसने की थी?

उत्तर:
मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने लगभग 321 ई.पू. में की थी। उन्होंने नंद वंश को पराजित कर मगध क्षेत्र में इस महान साम्राज्य की नींव रखी।

प्रश्न 2: मौर्य साम्राज्य के संस्थापक कौन थे?

उत्तर:
चंद्रगुप्त मौर्य मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे। उन्हें इस कार्य में प्रसिद्ध आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) का पूर्ण समर्थन मिला, जिन्होंने चंद्रगुप्त को रणनीति, प्रशासन और राजनीति की शिक्षा दी।

प्रश्न 3: मौर्य साम्राज्य का पतन किन कारणों से हुआ?

उत्तर:
मौर्य साम्राज्य का पतन कई कारणों से हुआ:

  • अशोक के बाद कमजोर शासकों का शासन
  • विशाल साम्राज्य को संभालने में प्रशासनिक कठिनाइयाँ
  • प्रांतीय शासकों की स्वायत्तता की बढ़ती प्रवृत्ति
  • आर्थिक दबाव और सैन्य शक्ति में गिरावट
  • अंततः अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या उनके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने 185 ई.पू. में कर दी, जिससे मौर्य साम्राज्य का अंत हो गया।

प्रश्न 4: मौर्य साम्राज्य की राजधानी क्या थी?

उत्तर:
मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र थी, जो वर्तमान में बिहार राज्य के पटना के नाम से जाना जाता है। यह नगर उस समय का एक प्रमुख प्रशासनिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक केंद्र था।

प्रश्न 5: मौर्य साम्राज्य की स्थापना कब और कहाँ हुई थी?

उत्तर:
मौर्य साम्राज्य की स्थापना 321 ईसा पूर्व में मगध (वर्तमान बिहार) क्षेत्र में हुई थी। यह भारत का पहला विस्तृत और संगठित साम्राज्य था, जिसने उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक भारत को एक राजनीतिक इकाई के रूप में जोड़ा।

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